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WB Panchayat Election 2023: हिंसा में करीब 17 की मौत, 700 बूथों पर फिर से चुनाव

West Bengal | राज्यपाल सीवी आनंद बोस दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर हिंसा पर रिपोर्ट सौंप सकते हैं

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<div class="paragraphs"><p>पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में खूब हिंसा देखने को मिली</p></div>
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पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में खूब हिंसा देखने को मिली

फोटो- PTI

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पश्चिम बंगाल (West Bengal) में शनिवार, 8 जुलाई को पंचायत चुनाव (Panchayat Election) के दौरान जमकर हिंसा देखने को मिली, जिसमें करीब 17 लोगों की जान चली गई. कई जगहों पर बूथ पर ही मारपीट दिखी तो कहीं मतदान स्थगित रहा.

अब राज्य चुनाव आयोग ने आदेश दिया है कि सोमवार, 10 जुलाई को करीब 700 पोलिंग बूथ पर फिर से मतदान करवाए जाएंगे. इसमें केंद्रीय बलों की तैनाती रहेगी और राज्य चुनाव आयुक्त राजीवा सिन्हा भी निगरानी रखेंगे.

इस आदेश से पहले ही राज्यपाल सी वी आनंद बोस नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए. 10 जुलाई की सुबह वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर हिंसा पर रिपोर्ट सौंप सकते हैं.

कहां-कहां फिर से वोटिंग?

राज्य चुनाव आयोग के अनुसार, मुर्शिदाबाद जिले के 175 बूथों पर फिर से वोटिंग होगी. सबसे ज्यादा हिंसा इसी जिले में देखने को मिली थी.

जिन जिलों में फिर से वोटिंग होगी उसकी जानकारी इस तरह से है- मालदा (110 बूथ), नादिया (89), कूच बिहार (53), उत्तर 24 परगना (46), उत्तरी दिनाजपुर (42), दक्षिण 24 परगना (36), पूर्वी मिदनापुर (31), हुगली (29), दक्षिण दिनाजपुर (18), बीरभूम और जलपाईगुड़ी (14 प्रत्येक), पश्चिमी मिदनापुर (10), हावड़ा और बांकुरा (8 प्रत्येक), पश्चिम बर्दवान (6), पुरुलिया (4), पूर्वी बर्दवान (3), और अलीपुरद्वार (1).

राज्य के कुल 61,636 मतदान केंद्रों पर चुनाव कराए गए थे, इसमें अब जिनपर दोबारा चुनाव होना होना है वो लगभग एक प्रतिशत के बराबर हैं.

पंचायत चुनाव हिंसा में अब तक 17 लोगों की मौत

इंडियन एक्सप्रेस ने अधिकारियों के हवाले से बताया है कि हिंसा में घायल हुए चार और लोगों की मौत के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है.

मरने वालों में 11 सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के, सीपीआई (एम) और कांग्रेस के दो-दो और बीजेपी का एक कार्यकर्ता शामिल है. मृतकों में से एक का कोई राजनीतिक जुड़ाव नहीं था.

8 जुलाई को मतदान के दौरान पश्चिम बंगाल में जमकर हिंसा देखने को मिली थी. दक्षिण 24 परगना और उत्तरी 24 परगना पूरे दिन डर और हिंसा की चपेट में रहे. घर-घर जाकर डराने-धमकाने, उम्मीदवारों और मतदाताओं को घेरने की घटनाएं सामने आईं. यहां तक कि कच्चे बम विस्फोट भी किए गए.

मुर्शिदाबाद जिले के समसेरगंज और रानीनगर से झड़प की खबरें मिलीं. मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों पर हमले का भी आरोप लगा. अधिकारियों का कहा कि पुनर्मतदान का फैसला SEC की तरफ से जिला अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत रिपोर्टों की जांच के बाद लिया गया है.

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पार्टियों ने एक दूसरे पर लगाए आरोप

पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की मदद के लिए जानबूझकर केंद्रीय बलों को राज्य में देर से भेजा.

मुर्शिदाबाद जिले के नौदा में पत्रकारों से बात करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा,

“केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के निर्देशों के तहत केंद्रीय बल को बंगाल पहुंचने में देर हो गई. पश्चिम बंगाल में उनका तृणमूल के साथ समझौता है और यही कारण है कि केंद्रीय बल देर से पहुंचे. उन्होंने तृणमूल को वोट लूटने का मौका दिया. ऐसा इसलिए है, क्योंकि भविष्य में प्रस्तावित विपक्षी मोर्चे को तोड़ने के लिए दीदी (मुख्यमंत्री ममता बनर्जी) 'गद्दार' की भूमिका निभाएंगी"

रानीनगर के चक्रनपारा गांव में तृणमूल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के घरों में घुसकर उनके साथ मारपीट की. तृणमूल ने कहा कि चार घायल तृणमूल कार्यकर्ताओं को स्थानीय गोधनपाड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. उनमें से एक की हालत गंभीर थी. हालांकि, कांग्रेस ने तृणमूल के आरोपों से इनकार किया है.

10 जुलाई को रामपुर गए राज्य बीजेपी प्रमुख सुकांत मजूमदार ने कहा, “यहां की स्थिति भयानक है. आम लोगों को वोट देने की अनुमति नहीं थी. हमने पुलिस से इलाके में पिकेट लगाने का अनुरोध किया है."

तृणमूल उत्तर दिनाजपुर जिला अध्यक्ष कन्हैयालाल अग्रवाल ने कहा, ''इस घटना का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. यह स्थानीय मुद्दों के बारे में है.”

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