पूर्वी भारत में स्थित राज्य पश्चिम बंगाल (West Bengal) में हिंसा और गहमागहमी के बीच शनिवार को पंचायत चुनाव हो रहा है. इस चुनाव को 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए लिटमस टेस्ट के रूप में देखा जा रहा है. वोटिंग सुबह 7 बजे शुरू हो चुकी है, जो शाम 5 बजे खत्म होगा. रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार की सुबह मुर्शिदाबाद जिले में दो लोगों की कथित तौर पर हत्या कर दी गई. इसके साथ ही पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के दौरान मौतों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है.
22 जिला परिषदों, 9730 पंचायत समितियों और 63,229 ग्राम पंचायतों की लगभग 928 सीटों पर चुनाव मैदान में उतरे प्रतिनिधियों के लिए लगभग 5.67 करोड़ मतदाताओं द्वारा वोट किए जाने की उम्मीद है.
आइए जानते हैं कि पंचायत चुनाव के माहौल के बीच राज्य में अब तक क्या-क्या हुआ है.
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस, भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा और बीजेपी के बीच स्थानीय प्रशासन पर नियंत्रण के लिए टक्कर देखे जाने की संभावना है.
8 जून को चुनावों के ऐलान के दिन से ही राज्य के कई इलाकों में कई हिंसा की खबरें आई हैं. ताजा घटना में मुर्शिदाबाद जिले के उत्तर 24 परगना के कदंबगाछी में एक व्यक्ति की पहचान अब्दुल्ला अली के रूप में हुई है. मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में एक और व्यक्ति की मौत हो गयी.
कूचबिहार के दिहाटा में एक मतदान केंद्र में तोड़फोड़ की घटना सामने आई और आग लगा दी गई. शुक्रवार को दिनहाटा के बामनहाट द्वितीय ग्राम पंचायत के कलमाटी इलाके में एक बीजेपी उम्मीदवार के घर पर कथित तौर पर टीएमसी कार्यकर्ताओं ने हमला किया था. एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक घायलों का फिलहाल कूचबिहार के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है.
बीरभूम जिले के अहमदपुर में एक ब्लॉक विकास कार्यालय (BDO) पर कथित तौर पर कच्चे बम फेंकने की घटना शुक्रवार को सामने आई थी.
गुरुवार की रात मुर्शिदाबाद के रानीनगर इलाके में अरबिंदो मोंडोल नाम के एक व्यक्ति की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी गई. Hindustan Times की रिपोर्ट के मुताबिक मृतक के परिवार के सदस्यों ने कहा कि मोंडोल कांग्रेस कार्यकर्ता थे और दिल की बीमारी से पीड़ित थे. उन्होंने उनकी मौत के लिए टीएमसी को जिम्मेदार ठहराया. पीड़ित की रिश्तेदार अन्नपूर्णा मोंडोल ने कहा कि उसे मुक्का मारा गया और लात मारी गई. वह बेहोश हो गया और जमीन पर गिर गया. अस्पताल ले जाने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया, इसके पीछे टीएमसी थी. हालांकि टीएमसी नेताओं ने आरोपों को खारिज कर दिया.
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शुक्रवार को ग्रामीण बंगाल के लोगों से आग्रह किया कि वे पंचायत चुनावों में अपने मताधिकार का प्रयोग जरूर करें और वह मतदान के दौरान अपनी टीम के साथ सड़कों पर रहेंगे. राज्यपाल ने शनिवार के पंचायत चुनावों को "मतपत्र और गोलियों के बीच की लड़ाई" बताया और कहा कि वह पूरे राज्य में स्थिति की निगरानी करेंगे और जरूरी कदम उठाएंगे.
राज्यपाल ने शुक्रवार को नबाग्राम और खारग्राम सहित मुर्शिदाबाद जिले के कुछ हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया, जहां पहले एक टीएमसी कार्यकर्ता और एक कांग्रेस कार्यकर्ता की कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी और कार्यकर्ताओं के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की.
राज्यपाल की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी के सीनियर लीडर और विधायक मदन मित्रा ने कहा कि उन्हें उनके पद और राज्य से बाहर कर दिया जाना चाहिए, उन्होंने कहा कि वह पश्चिम बंगाल के मतदाता भी नहीं हैं. कमरहाटी टीएमसी विधायक ने सवाल किया कि एक मौजूदा राज्यपाल लोगों से बीजेपी को वोट देने का आग्रह कैसे कर सकता है.
शुक्रवार को चुनाव के बाद हिंसा की आशंका जताते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि मौजूदा वक्त में राज्य में तैनात केंद्रीय बल चुनाव परिणाम के बाद कम से कम दस दिनों तक वहीं रहेंगा.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय बलों और राज्य सशस्त्र पुलिस (State Armed Police) की 822 कंपनियों को मंजूरी दी थी. राज्य चुनाव आयोग ने गुरुवार को हाईकोर्ट को बताया किया कि भले ही पूरी 822 कंपनियां मतदान से पहले राज्य में नहीं पहुंचेंगी, लेकिन ज्यादा से ज्यादा फोर्स भेजने की कोशिशें की जा रही हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को पुलिस को खबर मिली कि जिले में देशी बम और हथियार जमा किए गए हैं, जिसके बाद पंचायत चुनाव से पहले तलाशी अभियान चलाया जा रहा था. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक कुछ मिला नही हैं.
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