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जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए आतंकी हमले में 37 जवान शहीद हो गए. पाकिस्तानी बेस्ड आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने इस आंतकी हमले की जिम्मेदारी ली. इसके बाद CCS की बैठक हुई जहां ये फैसला किया गया कि भारत सरकार पाकिस्तान से ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का दर्जा वापिस लेगी. लेकिन ये दर्जा है क्या, आप नीचे समझ सकते हैं.
वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन बनने के साल भर बाद भारत ने पाकिस्तान को 1996 में एमएफएन(Most Favored Nation) का दर्जा दिया था लेकिन पाकिस्तान की ओर से भारत को ऐसा कोई दर्जा नहीं दिया गया था.
दरअसल एमएफएन एक विशेष दर्जा होता है जो एक ट्रेड पार्टनर को दिया जाता है जिसके तहत दो देशों और साथ ही साथ दूसरे ट्रेड पार्टनर्स के साथ बिना किसी भेदभाव के व्यापार किया जा सके. एमएफएन कितना जरूरी होता है उसका अंदाजा इस बात से लगाइए कि ये जनरल एग्रीमेंट ऑन टैरिफ और ट्रेड का फर्स्ट क्लॉज है. वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन के नियमों के तहत, एक सदस्य देश अपने ट्रेड पार्टनर देशों के बीच में भेदभाव नहीं कर सकता है. अगर किसी एक ट्रेड पार्टनर को स्पेशल स्टेटस दिया जाता है तो डबल्यूटीओ(वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन) के हर देश को ये स्पेशल स्टेटस मिलेगा. एमएफएन का दर्जा मिल जाने पर दर्जाप्राप्त देश को इस बात का आश्वासन रहता है कि उसे कारोबार में नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा.
एमएफएन का दर्जा कारोबार में दिया जाता है. इसके तहत आयात-निर्यात में आपस में विशेष छूट मिलती है. यह दर्जाप्राप्त देश कारोबार में कम आयात शुल्क देते हैं और बॉर्डर के आर-पार व्यापार करने में दिक्कतें नहीं आती हैं. डब्ल्यूटीओ(वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन) के सदस्य देश खुले व्यापार और बाजार के जरिए एक दूसरे से जुड़े हैं और एमएफएन दर्जा पाने वाले देश को विशेष छूट दी जाती है.
भारत और पाकिस्तान के बीच सीमेंट, चीनी, ऑर्गेनिक केमिकल, रुई, सब्जियों और कुछ चुनिंद फलों के अलावा मिनरल ऑयल, ड्राई फ्रूट्स, स्टील जैसी कमोडिटीज़ और वस्तुओं का कारोबार होता है. इन चीजों के आयात में पाकिस्तान को टैक्स में रियायत मिलती है लेकिन अब जब एमएफएन का दर्जा उनसे छीन लिया जाएगा तो उनके लिए भारत संग कारोबार में दिक्कतें होंगी. सीधा-सीधा पाकिस्तान को इससे आर्थिक नुकसान होगा. वर्ल्ड बैंक ने दिसंबर 2018 में उम्मीद जताई थी कि भारत और पाकिस्तान के बीच अभी तक चलता आ रहा 2 बिलियन डॉलर का व्यापार बढ़ कर 37 बिलियन डॉलर हो सकता है लेकिन अब पाकिस्तान का एमएफएन दर्जा खत्म होने के बाद व्यापार में भारी कमी आ सकती है.
हैरानी की बात ये कि पाकिस्तान की तरफ से भारत को यह दर्जा अब तक नहीं दिया गया है. ऐसे में उरी हमले के बाद भारत की ओर से आवाजें उठी थीं कि पाकिस्तान से ये दर्जा छीना जाए लेकिन भारत सरकार ने सिर्फ समीक्षा करने के बाद इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया था. अब जब पुलवामा में देश के 37 जवान शहीद हुए हैं तो केंद्र सरकार ने ये कदम उठाया
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