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WhatsApp जासूसी कांड में एक अहम जानकारी सामने आई है. WhatsApp के मुताबिक, कंपनी ने यूजर्स की सुरक्षा से जुड़े इस मसले की जानकारी भारत सरकार को मई में ही दे दी थी. इसके बाद कंपनी ने जासूसी के शिकार हुए लोगों की पहचान कर उनसे संपर्क साधा.
WhatsApp ने हाल ही में इजरायली कंपनी NSO पर जासूसी का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज किया था. कंपनी का आरोप था कि NSO के Spywasre Pegasus का इस्तेमाल कर WhatsApp के जरिए पत्रकारों, वकीलों, दलित एक्टिविस्ट और कई सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी की गई.
इस खबर के आने के बाद से ही लगातार हंगामा मचा हुआ है. साथ ही WhatsApp पर प्राइवेसी को लेकर सवाल भी उठने लगे हैं.
शुक्रवार, 1 नवंबर की रात WhatsApp ने बयान जारी कर बताया-
WhatsApp ने अपने बयान में ये भी कहा कि वो भारत सरकार के साथ मिलकर यूजर्स की प्राइवेसी सुनिश्चित करने के लिए काम करेगा. कंपनी ने कहा है कि यूजर्स की प्राइवेसी को कमजोर करने की कोशिशों को नाकाम करना जरूरी है.
इस बीच NSO ग्रुप ने द क्विंट को बताया है कि वह इस बात का खुलासा तो नहीं कर सकते कि उनके क्लाइंट कौन हैं लेकिन उन्होंने ये स्पष्ट किया है कि वह अपना प्रोडक्ट सिर्फ सरकारों को ही बेचते हैं.
वहीं द क्विंट को बीते मंगलवार से अब तक उन 20 भारतीय नागरिकों का पता चल चुका है, जिनकी Pegasus स्पाइवेयर के जरिए जासूसी की गई थी. इनमें एल्गार परिषद और भीमा कोरेगांव मामले से जुड़े वकील, जाति-विरोधी कार्यकर्ता और डिफेंस रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार शामिल हैं.
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