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'Sulli Deals पर अबतक कार्यवाही क्यों नहीं' प्रियंका चतुर्वेदी का सरकार से सवाल

60 दिनों से अधिक समय के बाद भी सुल्ली डील मामले में नहीं हुई कोई प्रगति

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p>सुल्ली डील्स पर प्रियंका चतुर्वेदी का सवाल</p></div>
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सुल्ली डील्स पर प्रियंका चतुर्वेदी का सवाल

(फोटो- द क्विंट)

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दिल्ली (Delhi) और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) पुलिस द्वारा 'सुल्ली डील्स' (Sulli Deals) विवाद में दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज करने के दो महीने बाद, गिरफ्तारी या जांच में कोई प्रगति नहीं होने के कारण मामला ठप हो गया है.

महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी ने भी इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी (Priyanka Chaturvedi) , केंद्र से 'कड़ी कार्रवाई' करने का आग्रह करने वाले कुछ राजनेताओं में से एक हैं. उन्होंने क्विंट से बात करते हुए कहा

सच कहूं तो कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन पर राजनीति से ऊपर उठकर बात की जानी चाहिए. तब आपकी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है, जब आप महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का नेतृत्व करने वाला पद धारण करते हों. मंत्री का कर्तव्य है महिलाओं के अधिकार के लिए बोलना, चाहे वे किसी भी धर्म से संबंधित हों.

जुलाई में मुस्लिम महिलाओं को टारगेट करते हुए फोटो अपलोडिंग का एक मामला सामने आया था. उनमें से सैकड़ों की तस्वीरें एक अज्ञात समूह द्वारा GitHub का प्रयोग करते हुए 'सुल्ली डील्स' नाम के एक ऐप पर अपलोड की गई थीं. सुल्ला या सुल्ली एक अपमानजनक शब्द है जिसका इस्तेमाल मुसलमानों के लिए किया जाता है. बाद में एप को GitHub द्वारा हटा दिया गया.

उन्होंने का कि यह मामला किसी भी राजनीतिक एजेंडे से बहुत बड़ा है, जिसे दुःखद रूप से नजरअंदाज किया जा रहा है.

सरकार की तरफ से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई: प्रियंका चतुर्वेदी

इस मामले के संबंध में प्रियंका चतुर्वेदी ने 30 जुलाई को आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव के नाम लिखे पत्र के माध्यम से सरकार से दूसरी बार आग्रह था कि इस मामले में त्वरित कार्यवाही की जाय.

प्रियंका चतुर्वेदी सरकार को दिए अपने पत्र में लिखती हैं...मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि इस तरह के उपद्रव से निपटने के लिए तत्काल और सख्त कार्रवाई करें, जैसा कि किसी भी जिम्मेदार सरकार को करना चाहिए. ताकि हमारे समाज के महिलाओं की गरिमा की रक्षा हो सके.

उन्होंने क्विंट से बताया कि अभी तक मंत्रालय से कोई भी आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई.

महिलाओं को ऑनलाइन माध्यम से लगातार निशाना बनाया जाता रहा है, वो चाहे किसी भी धर्म से संबंधित मामला हो. लेकिन सुल्ली डील्स नाम के इस मामले पर सत्ता के पदों पर बैठे लोग आवश्यक कार्रवाई नहीं कर रहे हैं क्योंकि इसमें एक विशेष समुदाय की महिलाएं इसका शिकार हुई हैं.
प्रियंका चतुर्वेदी

जांच की स्थिति क्या है?

उत्तर प्रदेश पुलिस के द्वारा भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 509 -एक महिला के शील का अपमान और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 और 67 -अश्लील सामग्री को स्थानांतरित करने के तहत FIR दर्ज की गई है.

दिल्ली महिला आयोग (DCW) द्वारा पुलिस को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग करने के बाद दिल्ली में 8 जुलाई को IPC की धारा 354A (यौन उत्पीड़न) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

इस मामले में अब तक एक भी केस दर्ज नहीं हुआ है.

जांच में शामिल दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने द क्विंट को बताया:

हमने बनाए गए एप के बारे में GitHub से और अधिक सूचना की मांग की. हमारी टीम पिछले दो महीनों में कई बार उनसे संपर्क कर चुकी है. हमें प्रोटोकॉल का पालन करना होगा और उन्हें प्रतिक्रिया देने में कुछ महीने लग सकते हैं.

एप पर जिन महिलाओं की फोटो का दुरुपयोग किया गया था, उनमें से कम से कम तीन महिलाओं ने द क्विंट से बताया कि जांच के बारे में पूछने पर पुलिस वालों मे हमारे सवालों को टाल दिया और कहा कि उन्हें जवाब देने के लिए गिटहब की प्रतिक्रिया का इंतजार करना पड़ेगा.

'अगर सरकार ट्विटर से तेजी से जवाब देने के लिए कह सकती है, तो गिटहब से क्यों नहीं'

प्रियंका चतुर्वेदी ने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर आईटी मंत्रालय ट्विटर, फेसबुक जैसे अन्य प्लेटफॉर्म समन भेज सकती है तो गिटहब को क्यों नहीं.

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महिलाओं को ऑनलाइन टारगेट करने के खिलाफ एक पॉलिसी होनी चाहिए. लेकिन यहां इसकी कमी महसूस होती है. उदाहरण के लिए यदि केंद्र और आईटी मंत्रालय ट्विटर हेड को समन कर सकते हैं या YouTube से प्रतिक्रिया मांग सकते हैं, तो GitHub के लिए ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता है? अन्य प्लेटफार्मों को संचालित किया जा रहा है, डिजिटल समाचार संगठनों को संचालित किया जा रहा है. क्यों पीछे छिपकर कहते हैं कि वे कोई जवाब नहीं दे रहे हैं?
प्रियंका चतुर्वेदी

उन्होंने कहा कि इसका समाधान यह नहीं हो सकता कि हमने ऐप को बैन कर दिया है. इस पर बैन लगा तो कुछ और सामने आएगा. पुलिस मामले को तार्किक निष्कर्ष पर ले जाने से इनकार क्यों कर रही है?

पुलिस को ईमानदारी से कार्यवाही करनी चाहिए- सुल्ली डील्स में महिलाओं की फोटोज का गलत इस्तेमाल किया गया है

सुल्ली डील एप का शिकार हो चुकी पायलट हाना मोहसिन खान ने क्विंट से कहा कि मैं चाहती हूं कि वे निष्पक्ष हों. मैं उन्हें न्यायपूर्ण होने के लिए कह रही हूं. मैं चाहती हूं कि वे इसे और अधिक गंभीरता से लें क्योंकि अगर वे इसे अभी नहीं रोकेंगे, तो यह महिलाओं और विशेष रूप से मुस्लिम महिलाओं के लिए और अधिक असुरक्षित होने वाला है. सुल्ली डील्स एप को बंद करने की जरूरत है.

हाना खान ने यूपी में एफआईआर भी दर्ज करवाया है, लेकिन अभी तक केस की स्थिति की कोई अपडेट नहीं दी गई है.

कवियित्री और एक्टिविस्ट नबिया खान ने प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करते हुए दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. जबकि उनकी शिकायत 12 जुलाई को दर्ज की गई थी, दो महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी उसकी स्थिति के बारे में उन्हें अभी कोई जवाब नहीं मिला है.

India Ahead News के अनुसार कोलकाता की रहने वाली नूर महविश ने 9 जुलाई को लाल बाजार पुलिस मुख्यालय में सुल्ली डील्स एप के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है.

नाबिया और हाना किसी को भी पुलिसकर्मियों द्वारा अभी तक केस से संबंधित कोई भी अपडेट नहीं दिया गया है.

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