Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-201980 साल के किसान, नेपाल से योगी, दिल्ली में पहलवानों के प्रोटेस्ट में कौन लोग आए

80 साल के किसान, नेपाल से योगी, दिल्ली में पहलवानों के प्रोटेस्ट में कौन लोग आए

WFI प्रमुख बृजभूषण शरण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पहलवान जंतर-मंतर पर 25 दिनों से डटे हुए हैं.

ईश्वर
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>80 वर्षीय किसान, नेपाल के योगी: दिल्ली में रेसलर्स प्रोटेस्ट को लोगों का समर्थ</p></div>
i

80 वर्षीय किसान, नेपाल के योगी: दिल्ली में रेसलर्स प्रोटेस्ट को लोगों का समर्थ

(फोटो- क्विंट हिंदी)

advertisement

दिल्ली के जंतर-मंतर (Jantar Mantar) पर कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ भारत के टॉप पहलवानों का विरोध प्रदर्शन (Wrestlers Protest) चल रहा है. इस प्रदर्शन को 25 दिन हो चुके हैं लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकल सका है. तस्वीरों में देखिए प्रोटेस्ट की तस्वीरें और जानिए कौन-कौन इसमें आ रहा है.

टॉप महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों पर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर ओलंपियन और पहलवान पच्चीस दिनों से दिल्ली के जंतर मंतर पर डटे हुए हैं.

(फोटो-पीटीआई)

बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग करते हुए बजरंग पुनिया, विनेश फोगट, साक्षी मलिक और संगीता फोगट ने पिछले 25 दिनों में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित कई राजनीतिक दलों से राजनीतिक समर्थन हासिल किया है. राजनीतिक दलों के अलावा, खाप पंचायतों, किसानों, खेल हस्तियों और कार्यकर्ताओं का इस स्थल पर प्रतिदिन आना-जाना लगा रहता है.

(फोटो- पीटीआई)

जंतर-मंतर पर आए ज्यादातर  प्रदर्शनकारी बृज भूषण शरण सिंह के समर्थकों द्वारा आंदोलन को जातिगत कोण देने के कथित प्रयासों से नाराज हैं, यह दावा करते हुए कि जाट पहलवानों द्वारा खेल में प्रभुत्व सुनिश्चित करने के लिए विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था क्योंकि बृज भूषण शरण सिंह ठाकुर जाति से संबंधित हैं. 4 मई को विरोध स्थल पर दिल्ली पुलिस के साथ देर रात हुई झड़प में एक व्यक्ति घायल हो गया. बजरंग पुनिया ने भी कहा कि विरोध को न केवल जातिगत कोण देने की कोशिश की जा रही है बल्कि पहलवानों को भी इस आधार पर विभाजित करने का प्रयास किया जा रहा है.

(फोटो- पीटीआई)

25 दिनों के दौरान, देश भर के सैकड़ों लोगों ने एकजुटता के साथ विरोध स्थल का दौरा किया है. कई ऐसे हैं, जो बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी तक रुकने के लिए तैयार हैं.

(फोटो- द क्विंट/ईश्वर)

26 मार्च से धरना स्थल पर आए हुए राकेश टिकैत के नेतृत्व वाले भारतीय किसान यूनियन के सदस्य, 80 वर्षीय गिरधारी लाल कहते हैं, "जहां छांव मील वहां सो जाता हूं." पहलवान से किसान बने उनके पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहने के लिए कुछ बातें थीं.

"मेरे गांव की महिलाओं, देश भर की मेरी बहनों ने प्रधानमंत्री मोदी को वोट दिया क्योंकि उनका मानना है कि वह एक अच्छे इंसान हैं. उन्होंने वोट नहीं दिया. जो लोग इस विरोध प्रदर्शन को जाति का कोण देने की कोशिश कर रहे हैं, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि ये पीएम की पोती हैं, जिनके बारे में आप बात कर रहे हैं. वह इस समय देश के 'चौधरी' हैं और ये लड़कियों ने देश को गौरवान्वित किया है. उन्होंने कहा कि अगर वह आरोपी का पक्ष लेंगे तो उनकी 56 इंच की छाती 25 इंच की हो जाएगी.

(फोटो- द क्विंट/ईश्वर)

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

देशवाल खाप के प्रवक्ता प्रोफेसर आत्मानंद देशवाल, 73) बार-बार विरोध प्रदर्शन शामिल होते रहे हैं. वह नियमित रूप से हरियाणा के रोहतक के लधोर गांव से लगभग 25-50 लोगों के साथ ट्रेन से आते हैं. उन्होंने कहा कि मुद्दा गंभीर है. ये हमारे देश की बेटियां हैं, वे देश का गौरव हैं. वे न्याय की मांग कर रही हैं, जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई, और सरकार के पास विवेक है. यह सरकार अपनी मांगों पर सो रही है. पीएम मोदी को अपने वोटों की चिंता होनी चाहिए अन्यथा उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई होती.

(फोटो- द क्विंट/ईश्वर)

महाराष्ट्र के नागपुर से पहलवानों की मदद करने दिल्ली आए 25 वर्षीय विनय रामकिशोर ने कहा कि जब मैं यहां आया था, तब मैं किसी को नहीं जानता था. लेकिन अब मैंने बहुत सारे दोस्त बना लिए हैं." विनय एक प्राइवेट टीचर हैं, जो गणित पढ़ाते हैं. 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को "कई लोगों ने इसे जाति का कोण देने की कोशिश की.

वो कहते हैं कि मैं यहां यह दिखाने के लिए हूं कि प्रदर्शनकारी सिर्फ एक जाति के नहीं हैं. आखिरकार, कई जातियों के लोग पहुंचे और उस तर्क को खारिज कर दिया गया. यह बहुत शर्मनाक है कि POCSO अधिनियम लागू होने के बावजूद, सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद ही प्राथमिकी दर्ज की गई. बृजभूषण सिंह को सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने जो समिति बनाई है वह पूरी तरह से स्वांग और पक्षपातपूर्ण है.

(फोटो- द क्विंट/ईश्वर)

नेपाल के काठमांडू में हर्बल दवा बनाने के लिए एक आश्रम चलाने वाले 65 वर्षीय योगी साहिलनाथ ने 9 मई को पहलवानों के समर्थन में जंतर मंतर का दौरा किया. उन्होंने कहा कि मैं यहां अपनी बेटियों का समर्थन करने आया हूं. हम किसी जाति में विश्वास नहीं करते हैं. हम सभी इंसान हैं और हमें इस तरह का बर्ताव करना चाहिए. मैंने देखा टीवी पर कि वो क्या कर रहे थे. उन्होंने हमारे लिए पदक जीते हैं और मैं कभी भी इन दावों पर विश्वास नहीं करूंगा कि वे झूठ बोल रहे हैं.

(फोटो- द क्विंट/ईश्वर)

"आज सड़क पर क्यों बैठी है बेटी हिंदुस्तान की, आज परीक्षा है नारी के इस साहस सम्मान की"...आनंद क्रांतिवर्धा की यह कविता निशांत नाट्यमंच नामक एक थिएटर ग्रुप की सदस्या नीलिमा सुनाया. जब भी वह विरोध स्थल पर जाती हैं, इस कविता को गुनगुनाती हैं. 

नीलिमा ने कहा कि हमारे ग्रुप ने यहां कई बार जाने की योजना बनाई है. पहलवानों को इतने आम लोगों का समर्थन देखना अच्छा है. हम यहां उनके लिए गाना गाने आते हैं. हम कुछ दिनों में यहां एक नाटक भी करना चाहते हैं.

(फोटो- द क्विंट/ईश्वर)

हरियाणा के जींद के मंगलपुर गांव के किसान 35 वर्षीय कृष्ण सिंह 4 मई को पहलवानों के समर्थन में 25 अन्य लोगों के साथ पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि हम यहां रोज पानी की सेवा करते हैं.

वह न केवल पानी की बोतलें बांटते हैं, बल्कि साइट पर पानी के डिस्पेंसर की रिफिलिंग भी करवाते हैं.

उन्होंने कहा कि पहलवानों के साथ जो हो रहा है वह गलत है. हम केवल इंसाफ चाहते हैं.

(फोटो- द क्विंट/ईश्वर)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT