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जोमैटो विवाद में नया एंगल, डिलिवरी एजेंट को कन्नड़ संगठन का समर्थन

मामले में ये ताजा मोड़ कामराज को एक कन्नड़ संगठन का समर्थन मिलने से आया है.

निखिला हेनरी
भारत
Published:
बेंगलुरु की एक महिला ने 10 मार्च को आरोप लगाया कि जोमैटो डिलीवरी बॉय ने उनपर हमला किया
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बेंगलुरु की एक महिला ने 10 मार्च को आरोप लगाया कि जोमैटो डिलीवरी बॉय ने उनपर हमला किया
(फोटो: ट्विटर)

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बेंगलुरु के जोमैटो विवाद में अब नया एंगल सामने निकलकर आ रहा है. हितेशा चंद्राणी, कामराज, जोमैटो और पुलिस के बाद अब इस मामले में एक कन्नड़ संगठन की भी एंट्री हुई है. वहीं, मामले में ये आरोप भी सामने आ रहा है कि हितेशा ने कामराज को स्थानीय होने की वजह से असॉल्ट किया. मामले में ये ताजा मोड़ कामराज को संगठन का समर्थन मिलने से आया है.

बेंगलुरु के इस केस में जिस कन्नड़ संगठन की एंट्री हुई है, उसका नाम है कन्नड़ रक्षना वेदिके (KRV). ये संगठन कन्नड़ भाषाई और क्षेत्रीय अधिकारों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है. कन्नड़ भाषा एक्टिविस्ट, रुपेश राजन्ना ने क्विंट को बताया कि कामराज ने इस मामले को लेकर संगठन में शिकायत दर्ज कराई है.

जोमैटो डिलीवरी बॉय कामराज को लगता है कि उसके साथ इसलिए मारपीट की गई क्योंकि वो बेंगलुरु का “स्थानीय” था. संगठन से कामराज की शिकायत बताती है कि अंग्रेजी और कन्नड़ में जवाब देने पर चंद्रानी ने “हिंदी में उसे बदतमीजी की”.

कन्नड़ रक्षना वेदिके के नेताओं का कहना है कि एक बेंगलुरु के रहने वाले कामराज पर दक्षिण भारतीय के रूप में उसकी पहचान के लिए हमला किया गया था.

कामराज को मिला KRV संगठन का साथ

राजन्ना की KRV ने कामराज को वकील भी मुहैया कराया है. उन्होंने क्विंट से कहा, “चंद्राणी नॉर्थ इंडियन महिला हैं. उन्होंने एक स्थानीय शख्स के साथ ठीक से व्यवहार नहीं किया. इस रवैये की निंदा नहीं की जा सकती.”

“उन्होंने ऐसे बर्ताव किया जैसे वो (कामराज) उनसे कमतर हों. इस बर्ताव का कारण सिर्फ समाज में उनका हाई स्टेटस नहीं हो सकता. ये इसलिए है क्योंकि वो एक दक्षिण भारतीय व्यक्ति हैं, इसलिए उन्होंने उसके (कामराज) साथ ऐसा व्यवहार किया.”
रुपेश राजन्ना

हितेशा चंद्राणी ने डर में छोड़ा शहर

कर्नाटक पुलिस ने 17 मार्च को बताया कि हितेशा चंद्राणी ने अपनी सुरक्षा के डर में शहर छोड़ दिया है. हाल ही में उनका पता भी सोशल मीडिया पर लीक हो गया था.

ये मामला तब सामने आया था जब सॉफ्टवेयर इंजीनियर और ब्यूटी इंफ्लूएंसर हितेशा चंद्राणी ने 10 मार्च को सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर जोमैटो डिलीवरी बॉय कामराज पर हमला करने का आरोप लगाया था. इस मामले में बेंगलुरु पुलिस ने केस दर्ज किया था.

इस वीडियो के वायरल होने के बाद, 11 मार्च को कामराज ने चंद्राणी पर बदतमीजी करने और सैंडल से मारने का आरोप लगाया. कामराज ने कहा कि उसने ऑर्डर में देरी होने के लिए चंद्राणी से माफी मांगी थी, लेकिन वो बदतमीजी से बात कर रही थी. डिलीवरी बॉय ने ये भी आरोप लगाया कि चंद्राणी ने अपनी अंगूठी से खुद की नाक पर चोट लगा ली थी. 16 मार्च को कामराज ने चंद्राणी के खिलाफ बेंगलुरु पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

बेंगलुरु की इलेक्ट्रॉनिक सिटी पुलिस ने 10 मार्च को चंद्राणी की शिकायत के आधार पर कामराज के खिलाफ मारपीट और चोटिल करने का मामला दर्ज किया, अब कामराज की शिकायत के आधार पर चंद्राणी के खिलाफ आपराधिक धमकी और हमले का केस दर्ज किया गया है.

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रुपेश राजन्ना के साथ कामराज(फोटो: Special Arrangement)

16 मार्च को चंद्राणी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराते समय रुपेश राजन्ना ही कामराज के साथ थे. उन्होंने कहा, “कामराज मेरे पास आया क्योंकि कोई भी उसके साथ नहीं था. जब मैंने उनकी कहानी सुनी तो मुझे महसूस हुआ कि केवल चंद्राणी के वर्जन को सुना जा रहा है और उसे (कामराज को) नजरअंदाज किया जा रहा है. कई ऐसे स्थानीय डिलीवरी बॉय और ड्राइवर हैं जिनपर झूठे आरोप लगाए जाते हैं.”

कामराज तमिलनाडु से ताल्लुक रखते हैं. राजन्ना ने बताया कि वो 11 साल की उम्र से बेंगलुरु में रह रहा है. राजन्ना ने कहा, “कन्नड़ संगठनों ने मानवता के लिए उनका समर्थन किया है.” राजन्ना ने साथ ही ये भी कहा कि बेंगलुरु के उत्तर भारतीय निवासियों द्वारा दिखाई जा रही ‘क्लचरल सुपिरियॉरिटी’ को स्वीकार नहीं किया जा सकता.

बना उत्तर Vs दक्षिण का मुद्दा

राजन्ना ने 12 मार्च को एक फेसबुक लाइव सेशन में कामराज का इंटरव्यू किया था. इस इंटरव्यू के दौरान उन्होंने क्षेत्रीय मुद्दा उठाते हुए कहा, "उसने (चंद्राणी ने) इससे हिंदी में बदतमीजी की और इसे नौकर कहा. ये क्षेत्रीय मुद्दा है."

राजन्ना का कहना है कि कन्नड़ रक्षना वेदिके के पास दूसरे डिलीवरी बॉय और ड्राइवरों से उत्पीड़न के ऐसे ही मुद्दे सामने आ रहे हैं. संगठन ने अब जोमैटो से डिलीवरी बॉय को हेडगीयर में कैमरा लगाकर देने की मांग की है. राजन्ना ने कहा, "ऐसा कर डिलीवरी बॉय पर हुए उत्पीड़न को मॉनिटर किया जा सकता है."

राजन्ना ने कहा कि इस मामले में कामराज सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, क्योंकि उसे आर्थिक मदद की जरूरत है और वो अपने दोस्तों पर निर्भर है.
बेंगलुरु में कन्नड़ भाषा एक्टिविस्ट्स के साथ कामराज(फोटो: Special Arrangement)

दोनों की मदद कर रही जोमैटो

जोमैटो ने चंद्राणी और कामराज, दोनों को आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है. जोमैटो फाउंडर दीपेंदर गोयल ने अपने बयान में कहा था, “हम हितेशा से लगातार संपर्क में हैं, और उनके मेडिकल का खर्च उठा रहे हैं. हम कामराज के भी संपर्क में हैं और उन्हें हर संभव मदद कर रहे हैं. हमारी कोशिश है कि प्रक्रिया का पालन किया जाए और दोनों पक्षों की कहानी सामने आए.” जोमैटो ने अपने प्रोटोकॉल के तहत कामराज को फिलहाल सर्विस से सस्पेंड कर दिया है.

क्विंट ने चंद्राणी से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया. उनका बयान मिलते ही इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.

“मामले में कोई चश्मदीद नहीं” - पुलिस

बेंगलुरु पुलिस का कहना है कि इस मामले में कोई चश्मदीद नहीं है. मामले की जांच से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि पुलिस अभी दोनों पक्षों के बयानों पर भरोसा कर रही है. अधिकारी ने हालांकि इस मामले में क्षेत्रीय एंगल को खारिज करते हुए कहा,

“ये कहा जा सकता है कि दोनों काफी गुस्से में थे, लेकिन हम अभी ये नहीं कह सकते कि किसी क्षेत्रीय दुश्मनी के कारण उसने (चंद्राणी ने) उसपर (डिलीवरी बॉय) हमला किया. ये सवाल से बाहर है.”

इसी बीच, कुछ सोशल मीडिया पोस्ट सामने आए हैं जिसमें दावा किया गया है कि चंद्राणी ने पहले दूसरे डिलीवरी एजेंट्स के साथ भी बदतमीजी की है.

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