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पश्चिम बंगाल (West Bengal) की जादवपुर यूनिवर्सिटी (Jadhavpur University) में 9 अगस्त की रात को 17 साल के स्टूडेंट स्वप्नदीप कुंडू के साथ रैगिंग (Ragging) हुई, जिसके बाद उसने हॉस्टल की बालकनी से कथित रूप से कूदकर जान दे दी. स्वप्नदीप कुंडू बंग्ला विभाग में स्नातक के प्रथम वर्ष का छात्र था. बंगला विभाग के विभागाध्यक्ष जॉयदीप घोष ने द क्विंट से बातचीत में इस घटना को दुखद बताया है और कहा है कि स्वप्नदीप शांत स्वभाव वाला छात्र था.
जादवपुर यूनिवर्सिटी में बंगला विभाग के अध्यक्ष जॉयदीप घोष ने द क्विंट से बताया कि, "स्वप्नदीप ने अपनी मृत्यु से पहले कुछ ही दिन क्लास ली थी. वह एकदम शांत स्वभाव वाला छात्र था, क्लास के दौरन भी शांत रहता था".
जॉयदीप घोष ने बताया कि, "उन्हें याद है क्लास के ओरिएंटेशन के दिन खड़े होकर अपना परिचय दिया था और सबको अपनी पसंदीदा किताबों के बारे में बताया था."
बंगला विभाग के अध्यक्ष जॉयदीप घोष ने बताया कि,
विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जॉयदीप घोष ने कहा कि इस घटना ने पूरे विभाग को हिला कर रख दिया था. टीचरों से लेकर छात्र तक इस घटना से मानसिक आघात की स्थिति में थे. धीरे धीरे स्थिति सामान्य हो रही है. हम छात्रों को उनकी सुरक्षा को लेकर आश्वस्त कर रहे हैं और माहौल सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने यह भी बताया कि छात्रों के पैरेंट्स से भी बात कर रहे हैं और छात्रों की स्थिति के बारे में उन्हें भी बता रहे हैं.
उन्होंने बताया कि, विश्विद्यालय में आए नए छात्रों के लिए हफ्ते में दो दिन काउन्सलिंग भी कराई जा रही हैं, ताकि इस घटना से बाहर निकलने में मदद मिल सके.
पहले दिन की काउन्सलिंग में प्रोफेशनल काउंसलर छात्रों से बात करते हैं, ताकि छात्र खुलकर अपने मन की बात कह सकें. दूसरे दिन टीचर पैरेंट्स से बात करते और उन्हें छात्रों की स्थिति से अवगत कराते हैं. और जो भी पैरेंट्स मीटिंग में नहीं आ सकते उनके साथ हम ऑनलाइन मीटिंग करते हैं.
जब द क्विंट ने विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर जॉयदीप घोष से पूछा कि, क्या उन्होंने कभी विभाग में रैगिंग से संबंधित कोई घटना देखी या सुनी है तो उन्होंने इनकार कर दिया. उन्होंने बताया कि, "इस दुखद घटना के बाद कई बार छात्रों से पूछा भी गया कि कभी किसी भी छात्र को रैगिंग जैसा कुछ लगा है या अनुभव हुआ है तो छात्रों ने इvकार कर दिया."
प्रोफेसर घोष ने कहा कि, "यह घटना विभाग के लिए एक बड़ा झटका थी, लेकिन इस घटना से बाहर आने के लिए छात्रों के माता-पिता और अन्य शिक्षकों पर जो भरोसा जताया था, उससे उन्हें आश्वस्त महसूस हुआ".
प्रोफेसर जॉयदीप घोष ने बताया कि...
बंगला विभाग की कई कोशिशों के बाद भी विभाग के अंदर एक मायूसी छाईं हुईं हैं. छात्र उदास से नजर आ रहे हैं क्योंकि क्लास के एक सहपाठी को खोने का उनके मस्तिष्क पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ा है.
स्वप्नदीप कुंडू की एक सहपाठी छात्रा नबनीता(बदला हुआ नाम) ने कहा कि,"मेरी स्वप्नदीप से कभी ज्यादा बातचीत नहीं हुई, लेकिन जितनी भी उससे बातचीत हुई उससे पता चलता था कि वो बहुत शांत स्वभाव का और शर्मिला था".
इससे पहले द क्विंट ने स्वप्नदीप कुंडू के माता-पिता से भी बात की थी. स्वप्नदीप कोलकाता से लगभग 80 किलोमीटर दूर नादिया जिले का रहने वाला था. स्वप्नदीप की मां आशा कार्यकर्ता हैं, वहीं उनके पिता एक बैंक कर्मचारी हैं.
स्वप्नदीप की मां ने द क्विंट से कहा था कि,"उनका बेटा बहुत सीधा था. उसका कभी किसी से लड़ाई झगड़ा नहीं हुआ. अक्टूबर की 31 तारीख को उसका जन्मदिन था, परिवार के सभी लोग उसका जन्मदिन मनाने की योजना बना रहे थे, अब सब कुछ खत्म हो गया.
स्वप्नदीप की चाची ने बताया कि,
उन्होंने यह भी कहा कि, स्वप्नदीप का सपना था कि वो जादवपुर विश्वविद्यालय में पढ़ाई करें क्योंकि यह विश्वविद्यालय देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में से एक है.
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