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सुप्रीम कोर्ट ने जेपी एसोसिएट्स को दो किस्तों में 31 दिसंबर तक 275 करोड़ रुपये जमा करने को कहा है. इसके साथ ही अदालत ने जेपी एसोसिएट्स को फटकार लगाते हुए 'एक अच्छे बच्चे की तरह व्यहार' करने की नसीहत दी. अदालत के इस आदेश को जेपी एसोसिएट्स के बायर्स के लिए राहत के तौर पर देखा जा रहा है.
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने जेपी के सभी निदेशकों की प्रॉपर्टी के ट्रांसफर पर रोक लगाई है.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच ने रियल एस्टेट की दिग्गज कंपनी को 275 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जमा कराने को कहा है. इससे पहले भी अदालत ने 275 करोड़ रुपये जमा करने को कहा था. कोर्ट ने कंपनी को 14 दिसंबर तक 150 करोड़ रुपये और बाकी 125 करोड़ रुपये 31 दिसंबर तक जमा करने का निर्देश दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने पांच प्रमोटरों समेत जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड के सभी 13 निदेशकों को अपनी निजी संपत्ति ट्रांसफर नहीं करने के निर्देश दिए. कोर्ट की बेंच ने निदेशकों के अपने परिजन की संपत्ति ट्रांसफर करने पर भी रोक लगा दी. साथ ही उन्हें आगाह किया कि कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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सुप्रीम कोर्ट ने वकील पवन श्री अग्रवाल को इस मामले में न्यायमित्र नियुक्त किया है. साथ ही कहा है कि एक हफ्ते के अंदर एक वेब पोर्टल तैयार किया जाए, जिसमें परेशान घर खरीदारों की शिकायतों समेत सभी ब्योरे हों.
चित्रा शर्मा समेत तमाम घर खरीदारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि करीब 32 हजार लोगों ने घर बुक कराया था और अब भी किस्त का भुगतान कर रहे हैं. कोर्ट ने 4 सितंबर को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में रियल एस्टेट फर्म के खिलाफ दिवालिएपन की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी.
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प्रमोटरों समेत निदेशकों की तरफ से पेश हुये वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और रंजीत कुमार ने कहा कि उन्होंने अदालत के पहले के उस आदेश पर हलफनामा दायर किया है. इसमें निदेशकों से निजी संपत्तियों का विवरण देने को कहा गया था.
वहीं रियल एस्टेट कंपनी जेपी की तरफ से पेश हुये वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके फर्म को रुपयों का इंतजाम करने के लिये पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए, वरना यह मामला भी सहारा के रास्ते पर चला जायेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने घर खरीदारों की याचिका पर अगली सुनवाई 10 जनवरी को तय की है सभी निदेशकों को अगली सुनवाई पर हाजिर रहने को कहा है.
(इनपुटः IANS और PTI से)
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