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"जेल में मरने की अनुमति दें"- Jet Airways के मालिक नरेश गोयल ने कोर्ट में रोते हुए कहा

Jet Airways: जज ने कहा कि उन्हें खड़े होने के लिए भी सहायता की जरूरत है.

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<div class="paragraphs"><p>जेट एयरवेज के पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल</p></div>
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जेट एयरवेज के पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल

(फोटोः PTI)

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केनरा बैंक में 538 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के आरोपी जेट एयरवेज (Jet Airways) के संस्थापक नरेश गोयल (Naresh Goyal) ने शनिवार, 6 जनवरी को एक विशेष अदालत में "हाथ जोड़कर" कहा कि उन्होंने "जीवन की हर उम्मीद खो दी है" और कहा कि यह "बेहतर होगा, वह अपनी वर्तमान स्थिति में जीने की बजाय जेल में मर जाए".

अदालत के रिकॉर्ड के अनुसार, सत्तर साल से अधिक उम्र के नरेश गोयल की आंखों में आंसू आ गए और उन्होंने कहा कि वह अपनी पत्नी अनीता को बहुत याद करते हैं, जो कैंसर से जूझ रही हैं.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित बैंक धोखाधड़ी के मामले में पिछले साल 1 सितंबर को गोयल को गिरफ्तार किया था. वह फिलहाल मुंबई की आर्थर रोड जेल में न्यायिक हिरासत में हैं.

गोयल को 5 जनवरी को अदालत में पेश किया गया और कार्यवाही के दौरान गोयल ने कुछ मिनटों की व्यक्तिगत सुनवाई का अनुरोध किया, जिसे न्यायाधीश ने अनुमति दे दी.

अदालत के रिकॉर्ड्ज के अनुसार, गोयल ने हाथ जोड़कर और "पूरे शरीर में लगातार कंपन" के साथ कहा कि "उनका स्वास्थ्य बहुत खराब और अनिश्चित है". उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी बिस्तर पर हैं और उनकी इकलौती बेटी भी बीमार है. गोयल ने कहा, जेल स्टाफ की उनकी मदद करने की अपनी सीमाएं हैं.

न्यायाधीश ने कहा, "मैंने उन्हें धैर्यपूर्वक सुना और जब उन्होंने अपनी बात रखी तो उन पर गौर भी किया. मैंने पाया कि उनका पूरा शरीर कांप रहा था. उन्हें खड़े होने के लिए भी सहायता की जरूरत है."

गोयल ने अपने घुटनों की ओर इशारा करते हुए ये भी कहा कि उनमें सूजन और दर्द है और वह अपने पैरों को मोड़ भी नहीं पा रहे.

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जेट एयरवेज के संस्थापक ने कहा कि, उन्हें पेशाब करते समय गंभीर दर्द होता है और कभी-कभी खून भी निकलता है, साथ ही असहनीय दर्द होता है. उन्होंने कहा, ज्यादातर समय, उन्हें मदद नहीं मिल पाती है.

कोर्ट में गोयल ने आगे कहा कि वह बहुत कमजोर हो गए हैं और उन्हें जेजे अस्पताल रेफर करने का कोई मतलब नहीं है. वहीं उन्होंने कहा कि हमेशा मरीजों की लंबी लाइन लगी रहती है और वह समय पर डॉक्टर के पास नहीं पहुंच पाते और जब भी डॉक्टर उनकी जांच करते हैं तो आगे का फॉलो-अप संभव नहीं हो पाता. इससे उनके स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है.

इसलिए उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें जेजे अस्पताल न भेजा जाए और इसकी बजाय "उन्हें जेल में ही मरने की अनुमति दी जाए."

अदालत ने उनके वकीलों को उनके स्वास्थ्य को लेकर उचित कदम उठाने का निर्देश दिया है.

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