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Jet Airways की 538 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त, मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

Jet Airways: ईडी ने 31 अक्टूबर को केनरा बैंक द्वारा दायर कथित धोखाधड़ी मामले में गोयल और पांच अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.

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बंद हो चुकी स्पाइस जेट एयरलाइन (Spice Jet) को चलाने वाली जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड से जुड़े एक कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने 538 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की है. इन संपत्तियों में लंदन, दुबई और भारत के कुछ राज्यों में जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल, उनकी पत्नी अनीता गोयल और बेटे निवान गोयल सहित कंपनियों और लोगों के नाम पर रजिस्टर्ड 17 फ्लैट, बंगले और कमर्शियल बिल्डिंग शामिल हैं.

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चार्जशीट: ईडी ने 31 अक्टूबर को केनरा बैंक द्वारा दायर कथित धोखाधड़ी मामले में गोयल और पांच अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.

कैनरा बैंक का आरोप: कैनारा बैंक ने दर्ज कराई एफआईआर में आरोप लगाया कि उसने अब बंद हो चुकी निजी एयरलाइन स्पाइस जेट को 848 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था लेकिन अभी भी इसमें से 538 करोड़ रुपये बकाया है.

ED के आरोप: बता दें कि नरेश गोयल को ईडी ने 1 सितंबर को पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया था और उन्हें मुंबई की आर्थर रोड जेल में रखा गया है.

ईडी ने आरोप लगाया कि जेट एयरवेज के संस्थापक ने दूसरे देशों में ट्रस्ट बनाकर पैसे की हेराफेरी की है. गोयल ने कथित तौर पर संपत्तियों को खरीदने के लिए उन ट्रस्टों का इस्तेमाल किया. ईडी ने कहा कि उन ट्रस्टों का पैसा अपराध की कमाई के अलावा कुछ नहीं है.

एक ऑडिट रिपोर्ट का हवाला देते हुए, ईडी ने कहा कि जेट एयरवेज ने जो कर्ज लिया था उसका इस्तेमाल संपत्तियों को खरीदने के अलावा फर्नीचर, कपड़े और आभूषण खरीदने के लिए किया गया था.

नरेश गोयल ने क्या कहा?: 12 सितंबर को एक अदालती सुनवाई के दौरान, गोयल ने कहा कि एयरलाइन सेक्टर बैंक के कर्ज पर चलता है और सभी फंड को मनी लॉन्ड्रिंग नहीं कहा जा सकता है.

गोयल के वकील अब्बाद पोंडा, अमित देसाई और अमित नाइक ने बताया कि गोयल ने अदालत को बताया कि उन्होंने अपने या परिवार के नाम पर कोई कर्ज नहीं लिया या उनके लिए गारंटर के रूप में खड़े नहीं हुए हैं. वकीलों ने कहा कि 2011 से पहले जेट एयरवेज द्वारा लिए गए बैंक लोन की एक बड़ी राशि का इस्तेमाल सहारा एयरलाइंस को खरीदने के लिए किया गया था.

उन्होंने कहा कि, "यह व्यवसाय के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक घटना है. सिर्फ जेट एयरवेज ही नहीं, अन्य एयरलाइंस भी संकट में हैं. एयरलाइन सेक्टर बैंकों से मिलने वाली फंडिंग के आधार पर चलता है, इन सभी को लॉन्ड्रिंग नहीं कहा जा सकता है."

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