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टीएमसी (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) की संसद सदस्यता रद्द हो गई है. कैश फॉर क्वैरी मामले (Cash For Query) में एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पेश होने के बाद संसद ने ये फैसला लिया. इसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कई सवाव उठाए, उन्होंने कहा कि लोकसभा के अध्यक्ष ने जल्दबाजी में फैसला लिया है.
सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि, "आज मैं बीजेपी के रवैये को देखकर बहुत दुखी हूं. आधे घंटे में सांसद 495 पन्नों की रिपोर्ट कैसे पढ़ सकते हैं, कैसे सभी स्पीकर इसपर बोल सकते हैं? मैं आज INDIA गठबंधन को बधाई देती हूं जो आज एकजुट है. पार्टी पूरी तरह महुआ मोइत्रा के साथ है. उन्हें लोगों ने चुना है और वे महिलाओं, युवाओं और सभी जाति-पंथ का प्रतिनिधित्व करती हैं."
बनर्जी ने कहा कि, "वे कैसे लोकतंत्र और लोकतांत्रिक अधिकारों को धोखा दे सकते हैं? कैसे पीड़ित के खुद को डिफेंड करने के अधिकार को नकार सकते हैं? उन्होंने महुआ को अपनी बात रखने का भी मौका भी नहीं दिया. आपने न्याय नहीं अन्याय किया है. यह संवैधानिक अधिकारों को नकारना है. उन्होंने लोगों, संसद और संविधान को धोखा दिया है."
ममता ने कहा कि, "इस मामले ने बीजेपी की बदले की राजनीति के प्रति हमारी आंखें फिर खोल दी है. यह लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. मुझे लगा की पीएम इसपर फिर से विचार करेंगे लेकिन जब मुझे यहां जानकारी मिली तो मैं चौंक गयी. यह भारत के संसद के लिए दुखद दिन है. 3-4 महीने में चुनाव होने हैं और केवल एक सीट खाली रहेगी. महुआ जनता के बीच जा सकेंगी. यह हमारे मनोबल, इमेज और नैतिकता को बढ़ाएगा. महुआ मजबूती से लड़ें और हम भी मजबूती से लड़ेंगे."
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