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एमएनएस ने 2019 का चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पार्टी लगातार कांग्रेस, एनसीपी गठबंधन का हिस्सा बनने की कोशिश कर रही थी.
शरद पवार राजनीति में दूर की सोच रखने वाले नेताओं में गिने जाते हैं. राज ठाकरे को महागठबंधन का हिस्सा न बनाने के पीछे पवार की दूरदर्शी सोच को बताया जा रहा था.
बताया जाता है कि शरद पवार को लगता है कि अगर लोकसभा चुनाव में एमएनएस को साथ लिया, तो विधानसभा चुनाव के वक्त सभी पार्टियों के अलग-अलग चुनावी मैदान में उतरने की सूरत में यह महंगा सौदा साबित हो सकता है.
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राज ठाकरे पिछले कुछ दिनों से लगातार मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे थे. राज ठाकरे ने ये भी दावा किया था कि लोकसभा चुनाव से पहले पुलवामा जैसा एक और हमला हो सकता है. उनका कहना था कि सरकार युद्ध जैसा माहौल बनाकर चुनाव में उपयोग करना चाहेगी. राज ठाकरे का कहना था कि युद्ध के माहौल की आड़ में मुख्य मुद्दे छुप जाएंगे.
उन्होंने सरकार के उस दावे पर भी सवाल उठाए थे जिसमें एयरस्ट्राइक में सैकड़ों आतंकियों के मारे जाने की बात कही जा रही थी. ठाकरे का कहना था कि अगर आतंकी मारे जाते तो विंग कमांडर अभिनंदन वापस नहीं आते.
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