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नूंह हिंसा (Nuh Violence) के मुख्य आरोपी मोनू मानेसर (Monu Manesar) को हरियाणा पुलिस ने मंगलवार, 12 सितंबर को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था. इसके बाद कोर्ट ने उसे राजस्थान पुलिस की कस्टडी में भेज दिया. उससे जुनैद-नासिर हत्याकांड मामले में पूछताछ होगी. चलिए आपको बताते हैं कि कैसे पॉलिटेक्निक का छात्र रहे मोनू दो राज्यों की पुलिस ढूंढ रही थी? उस पर क्या-क्या आरोप लगे हैं?
28 साल का मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर खुद को गोरक्षक बतलाता है. साल 2011 में उसने पॉलिटेक्निक छात्र रहते हुए बजरंग दल ज्वाइन किया था. इस दौरान उसने लव जिहाद जैसे विषयों पर आक्रामक और भड़काऊ बयान देकर युवाओं के बीच लोकप्रियता बटोरी. फिर 2015 में वो जिला गौ संरक्षण टास्क फोर्स का सदस्य बना. साल 2015 में गौ संरक्षण कानून लागू होने के बाद हरियाणा सरकार ने राज्यभर में टास्क फोर्स बनाया था.
2019 में, मोनू मानेसर पहली बार सुर्खियों में आया था, जब उसने कथित तौर पर गौ तस्करों का पीछा करते समय उन पर गोली चला दी थी. मोनू मानेसर और उसकी टीम जब भी किसी कथित गो तस्कर को पकड़ने जाते हैं तो उसका वीडियो भी बनाते थे और उसे सोशल मीडिया पर शेयर भी करते थे.
4 जुलाई 2021 को हरियाणा के पटौदी में एक महापंचायत चल रही थी, जिसका विषय था- लव जिहाद. इस महापंचायत में मोनू मानेसर मौजूद था. जब उसके बोलने की बारी आई तो उसने कहा, "भाइयों! यहां पर समाधान होना चाहिए. मैं कहता हूं, जो भी लव जिहाद करता है उसकी लिस्ट हमें दीजिए. हम और हमारी टीम उनको मारेंगे, खुल्ला!"
इसके साथ ही उसने कहा था, "जो लव जिहाद करेगा, हमारी बहन-बेटियों को छेड़ेगा उसको मारने का काम सिर्फ और सिर्फ हम करेंगे, हमारी टीम करेगी और युवा साथी करेंगे."
मोनू के इस भाषण को सैकड़ों लोग सुन रहे थे और तालियां बजा रहे थे. मोनू के इस भाषण के बाद माेनू मानेसर जिंदाबाद के नारे भी लगे.
इसी साल फरवरी में भिवानी में एक बोलेरो के अंदर जुनैद और नासिर का जला हुआ शव मिला था. इस मामले में माेनू मुख्य आरोपी है. जुनैद और नासिर राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले थे. आरोप है कि 15 फरवरी को दोनों की कुछ लोगों ने पिटाई की और उसका अपहरण कर लिया था.
दोनों के परिवारवालों ने इस मामले में FIR दर्ज कराई थी. इस मामले में मोनू यादव उर्फ मोनू मानेसर मुख्य आरोपी बनाया गया था.
मोनू मानेसर का हरियाणा के नूंह में हुए हिंसा में भी नाम है. दरअसल, 31 जुलाई को नूंह-मेवात क्षेत्र में विश्व हिंदू परिषद और बंजरग दल की ओर से 'बृज मंडल यात्रा' निकाली गई थी. इस दौरान दो समुदायों के बीच हिंसा भड़क गई, जिसकी आग गुरुग्राम तक पहुंच गई. हिंसा में 2 होम गार्ड्स सहित 6 लोगों की मौत हो गई थी.
इसके साथ ही मोनू पर 28 अगस्त को हुई जलाभिषेक यात्रा को लेकर भी सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने का आरोप है. इस मामले में भी उसपर IPC की धारा 153, 153ए, 295ए, 298, 504, 109 के तहत नूंह साइबर थाने में FIR दर्ज किया गया था.
इसके बाद से हरियाणा पुलिस लगातार मोनू की तलाश में थी. मंगलवार, 12 सितंबर को मोनू को गिरफ्तार किया गया है. उसके पास से एक मोबाइल फोन, 45 बोर की एक पिस्तौल और तीन गोलियां बरामद की गई हैं.
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