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राजस्थान के नासिर-जुनैद हत्याकांड के मुख्य आरोपी मोनू मानेसर को नूंह की अमित अमित वर्मा प्रथम न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने राजस्थान पुलिस को प्रोडक्शन वारंट पर सौंप दिया है. मोनू मानेसर की गिरफ्तारी की खबर सुनने के बाद राजस्थान पुलिस नूंह कोर्ट पहुंची थी. जहां, से कोर्ट ने उसे राजस्थान पुलिस को सौंप दिया. बताया जा रहा है कि मोनू मानेसर के पास से 45 बोर की पिस्टल और तीन जिंदा कारतूस बरामद किए गए है.
प्रोडक्शन वारंट पर लेने के बाद राजस्थान पुलिस अब मोनू मानेसर से नासिर-जुनैद हत्याकांड में पूछताछ करेगी. बता दें, मोनू मानेसर हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा का भी आरोपी है.
मोनू मानेसर के वकील ने जमानत के लिए कोर्ट में याचिका डाली थी, लेकिन कोर्ट ने मोनू मानेसर (Monu Manesar) की जमानत याचिका खारिज कर दी और मोनू को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
पुलिस ने मोनू को 12 सितंबर को हिरासत में ले लिया था. मोनू मानेसर जुनैद-नासिर हत्याकांड का भी आरोपी है. कुछ महीने पहले हरियाणा (Harayna) के भिवानी में एक बोलेरो के अंदर जुनैद और नासिर का जला हुआ शव मिला था.
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा पुलिस के सूत्रों ने कहा कि मोनू मानेसर को मंगलवार को हरियाणा पुलिस ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की जमानती धाराओं के तहत हिरासत में लिया है.
नूंह पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि, तफतीश के दौरान वैज्ञानिक और तकनीकी माध्यम से तथ्यों के आधार पर जांच की गई और जांच पर पाया गया कि 'भड़काऊ' पोस्ट मोनू के द्वारा ही किया गया था. आगे जांच में पाया गया कि मोहित उर्फ मोनू मानेसर ने अपने अलग-अलग निक नेम से काफी फेसबुक आईडी बना रखी है.
हिंसा 31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद की ओर से आयोजित धार्मिक यात्रा के दौरान शुरू हुई और फिर गुरुग्राम सहित आसपास के इलाकों में फैल गई.
यात्रा में मोनू मानेसर के शामिल होने की अफवाह से कथित तौर पर हिंसा भड़क उठी थी. हत्या के मामले में फरार चल रहे गौरक्षक ने जुलूस से कुछ दिन पहले एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें दावा किया गया था कि वह इसमें शामिल होगा. उन्होंने अपने समर्थकों से भी बड़ी संख्या में बाहर आने का आह्वान किया था. इससे कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग नाराज हो गए, जिन्होंने इसे एक खतरे के रूप में देखा और सोशल मीडिया पर तीखी बहस शुरू हो गई.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 28 साल का मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर हरियाणा सरकार के गोरक्षक टास्क फोर्स का सदस्य है. साल 2011 में मोनू, बजरंग दल से जुड़ा था. मोनू ने मानेसर के एक पॉलीटेक्निक कॉलेज से डिप्लोमा किया है.
पानीपत, सोनीपत, गुड़गांव, रेवाड़ी, नूंह, पलवल, झज्जर सहित हरियाणा के कई जिलों में फैले मुखबिरों के नेटवर्क के साथ-साथ बजरंग दल के कार्यकर्ता, टास्क फोर्स मिलकर काम करते हैं. इन्हें हरियाणा पुलिस का सहयोग मिलता है. ये लोग संदिग्ध मवेशियों को और तस्करों को पकड़कर पुलिस के हवाले करते हैं.
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