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नूंह हिंसा: बिट्टू बजरंगी पर क्यों हुई FIR? मोनू मानेसर को लेकर क्या बोलीं ADGP?

Nuh Violence के सिलसिले में अब तक 280 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 61 एफआईआर दर्ज की गई हैं.

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"बिट्टू बजरंगी ने पुलिस के काम में बाधा पहुंचाई और हाथापाई करने की कोशिश की, जिसको लेकर FIR दर्ज की गई है." यह बात हरियाणा की एडीजीपी कानून-व्यवस्था ममता सिंह ने क्विंट हिंदी से बात करते हुए कही. ममता सिंह ने साफतौर पर कहा कि वायरल वीडियो को लेकर बिट्टू बजरंगी पर ये एफआईआर दर्ज नहीं की गई है.

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दरअसल, हरियाणा पुलिस नूंह हिंसा की जांच में जुटी है. इस बीच, कुछ रिपोर्ट्स में बिट्टू बजरंगी और मोनू मानेसर की हिंसा में संलिप्तता को लेकर तमाम तरह के दावे किये जा रहे हैं, साथ ही, ये भी आरोप लगाये गये कि दोनों के वीडियो जारी होने से हिंसा भड़क गई. इसी को लेकर हरियाणा पुलिस ने दोनों पर एफआईआर दर्ज की है.

हालांकि, जब क्विंट हिंदी ने इस पर हरियाणा की एडीजीपी कानून-व्यवस्था ममता सिंह से बात की, तो उन्होंने कहा कि नूंह हिसा की जांच सभी एंगल से हो रही है और जो भी शामिल लोग हैं, उस पर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन ये एफआईआर उस मामले (वायरल वीडियो) को लेकर नहीं है.

बिट्टू बजरंगी पर FIR क्यों?

ममता सिंह ने कहा कि बिट्टू बजरंगी यात्रा में "तलवार या त्रिशूल" की तरह कुछ लेकर शामिल होने के लिए आ रहा था, तो पुलिस ने उनको रोकने की कोशिश की, जिसके बाद उन्होंने पुलिस के काम में बाधा पहुंचाई.

बिट्टू बजरंगी को "तलवार या त्रिशूल" की तरह सामान लेकर यात्रा में शामिल होने से रोका गया तो वो प्रोटेस्ट करने लगा, गाड़ी के आगे लेट गया, गाड़ी को चारों तरफ से घेर लिया, पुलिस के साथ हाथापाई करने की कोशिश की. एएसपी उषा कुंडू पुलिस टीम को लीड कर रही थी. वो "तलवार या त्रिशूल की तरह" छीनकर भाग गये, जिसके बाद पुलिस के काम में बाधा पहुंचाने के लिए उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई है.
ममता सिंह, ADGP, लॉ एंड ऑर्डर, हरियाणा

'दंगे भड़काने को लेकर दर्ज नहीं हुई FIR'

इस सवाल के जवाब में ADGP ममता सिंह ने कहा, "बिट्टू बजरंगी के वीडियो के संबंध में फरिदाबाद पुलिस FIR दर्ज करके पहले ही कार्रवाई कर चुकी है."

उन्होंने कहा, "दंगे भड़काने की बात जांच का विषय है, पुलिस सभी एंगल से जांच कर रही है, अभी कुछ भी कहना सही नहीं है, जब जांच पूरी हो जाएगी, तभी कुछ साफतौर पर कहा जा सकता है."

'पुलिस की मोनू मानेसर के वीडियो पर थी नजर'

ADGP ने कहा कि पुलिस सोशल मीडिया पर नजर बनाए हुए थे, जैसे ही मोनू मानेसर ने वीडियो पोस्ट किया और उस पर कमेंट आने लगे, तुरंत आयोजकों से संपर्क करके कमेटी के जरिए लोगों को सूचना दे दी गई कि वो (मोनू मानेसर) यात्रा में नहीं आ रहा है.

पुलिस सोशल मीडिया मॉनिटर कर रही थी, जैसे ही वीडियो आया और उस पर कमेंट आने शुरू हुए, उसको देखकर लगा कि इससे माहौल खराब हो सकता है, क्योंकि कुछ इस तरह से कहा गया कि "हम भी तैयार हैं", तो लगा विवाद हो सकता है. तुरंत आयोजक से बात करके सबको कमेटी के जरिए बता दिया गया वो नहीं आ रहा है.
ममता सिंह, ADGP, लॉ एंड ऑर्डर, हरियाणा
मोनू मानेसर का हिंसा में नाम को लेकर ADGP ममता सिंह ने कहा, "अभी इस पर कुछ नहीं कह सकते हैं. कई लोगों के नाम हैं. जांच के बाद तस्वीर साफ होगी."

पुलिस किस एंगल पर कर रही जांच?

ममता सिंह ने कहा, "दंगा कैसे भड़का, किस वजह से भड़का, किसने भड़काया, इसके पीछे कौन है, क्या प्लानिंग थी? इसको लेकर हम जांच का कर रहे हैं. दोनों (मोनू और बिट्टू) के वीडियो जांच का विषय हैं."

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पुलिस मुठभेड़ में एक आरोपी गिरफ्तार

इस बीच, मंगलवार (22 अगस्त) को क्राइम ब्रांच ने सांप्रदायिक हिंसा के एक आरोपी को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी की पहचान डिधारा गांव के आमिर के रूप में हुई है, जिसे पकड़े जाने के बाद इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया.

पुलिस ने बताया कि आमिर के कब्जे से एक देशी पिस्तौल और पांच कारतूस बरामद किया गया. पुलिस ने कहा कि उसे सूचना मिली थी कि आरोपी अपने साथियों के साथ टौरू के पास अरावली पहाड़ियों में छिपा हुआ है.

पुलिस ने कहा कि आमिर एक शातिर अपराधी है और उस पर 25,000 रुपये का इनाम है. वो कथित तौर पर दिल्ली एनसीआर में लगभग 100 अपराधों में शामिल रहा है, जिनमें से ज्यादातर बड़े शोरूमों में तोड़फोड़ और लूटपाट थे. ताउरू में एक हत्या के मामले में भी उसका नाम है.

पुलिस का कहना है कि वे अन्य आरोपियों की तलाश कर रहे हैं जो कथित तौर पर अरावली पहाड़ियों में छिपे हुए हैं.

NDTV के अनुसार, हिंसा के सिलसिले में अब तक 280 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 61 एफआईआर दर्ज की गई हैं. सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के आरोप में 12 लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है. पुलिस ने इस मामले में एक शख्स को गिरफ्तार किया है.

क्या हुआ था?

हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद की बृज मंडल यात्रा पर भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद सांप्रदायिक हिंसा में दो होम गार्ड और एक मौलवी सहित छह लोगों की मौत हो गई थी.

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