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मुजफ्फरनगर थप्पड़ कांड: पीड़ित बच्चे का हुआ एडमिशन, राज्य सरकार उठाएगी पढ़ाई का खर्च

महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

अमित सैनी
न्यूज
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<div class="paragraphs"><p>मुजफ्फरनगर थप्पड़ कांड: पीड़ित बच्चे का हुआ एडमिशन, राज्य सरकार उठाएगी पढ़ाई का खर्च</p></div>
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मुजफ्फरनगर थप्पड़ कांड: पीड़ित बच्चे का हुआ एडमिशन, राज्य सरकार उठाएगी पढ़ाई का खर्च

(फोटो: क्विंट हिंदी)

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मुजफ्फरनगर थप्पड़ कांड (Muzaffarnagar School Case) से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. इस मामले में पीड़ित बच्चे का दाखिला आखिरकार, 18 नवंबर को शहर के शारदेन पब्लिक स्कूल में करा दिया गया है.

कोर्ट के आदेश के बाद ही सही, लेकिन बच्चे का दाखिला हो गया और अब वह सोमवार से स्कूल जा सकेगा. बच्चे का एडमिशन कराने लखनऊ से टीम गई, जिसके बाद दाखिले की प्रक्रिया पूरी हुई.

लखनऊ से गई टीम ने कराया एडमिशन, सरकार उठाएगी शिक्षा का खर्च

25 अगस्त को खुब्बापुर गांव स्थित नेहा पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाले 7 साल के एक बच्चे की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो में देखा गया कि प्रिंसिपल तृप्ता त्यागी कथित तौर पर एक धर्म विशेष का जिक्र करते हुए बच्चे को क्लास के बाकी बच्चों से पिटवा रही हैं.

इसके बाद से बच्चे का परिवार दूसरे स्कूल में दाखिले की कोशिश कर रहा था. महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. कोर्ट ने मामले में बीएसए को तलब किया और साथ ही संबंधित विभागों को फटकार भी लगाई थी.

कोर्ट के आदेश के बाद सरकार हरकत में आई और बच्चे का एडमिशन करवाया. इसके लिए लखनऊ स्थित राज्य परियोजना कार्यालय से एक टीम भेजी गई जिसने छात्र के एडमिशन की प्रक्रिया पूरी कराई. टीम में डिप्टी डायरेक्टर राजेंद्र प्रसाद और गुरममिंदर सिंह शामिल रहे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, बच्चे की पढ़ाई का पूरा खर्च राज्य सरकार ही वहन करेगी.

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आपको बता दें कि इस मामले ने पूरे देश में सुर्खियां बटोरी थीं. कई लोग बच्चे के समर्थन में सामने आए थे. आरोपी महिला अध्यापक के खिलाफ पुलिस ने जमानती धाराओं के तहत मुकदमा भी दर्ज किया था. इसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (चोट पहुंचाना) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) लगाई गई थी.

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