advertisement
"गांव के अंदर कभी आकर नहीं देखी हैं. स्कूल में आईं और स्कूल से चली गईं. बड़ा लोग जो अपना सुख-दुख बता दिया, वही देख-सुनकर चली गईं, छोटे लोगों की न कोई गिनती है और न ही सुनवाई होती है," ये कहना है सुजानपुर गांव की शकुंतला का.
अमेठी (Amethi) की सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत सुजानपुर गांव को गोद लिया था.
क्विंट हिंदी की टीम उत्तर प्रदेश के इस गांव की जमीनी हकीकत जानने के लिए मौके पर पहुंची.
'हर घर नल योजना' के बारे में बात करते हुए गांव के रामराज कहते हैं, "अभी ये पूर्ण रूप से चालू नहीं हुआ है. गांव में करीब-करीब टोटियां लग गई हैं, देखते हैं कब तक चालू होती हैं. टंकियां बन चुकी हैं, लेकिन अभी इसका इस्तेमाल नहीं हो रहा है."
गांव की प्रधान रेनू कुमारी के पति रामजी कनौजिया कहते हैं, "टंकी बनकर तैयार है, बोरिंग भी हो गया है. पाइप बिछ गई है और टोटी भी लग गई है. वहां से चालू होना है बस."
शकुंतला बताती हैं कि सरकार की तरफ से सिलेंडर तो मिला है, लेकिन महंगाई की वजह से वो दोबारा उसे नहीं भरवा पाईं.
इसके साथ ही स्थानीय लोगों का आरोप है कि "चुनाव के बाद नेताओं के बोल बदल जाते हैं."
पिछले कुछ सालों में गांव की स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन यहां के लोगों को अभी भी अपनी सांसद का इंतजार है.
रामराजी कहती हैं, "सांसद आती हैं, लेकिन चौराहे से लौट जाती हैं. इधर आएं तो हम उन्हें देखें. वहीं से लौट जाती हैं, तो उन्हें क्या ही देखें. आतीं तो देखते ही."
हालांकि, रामजी कनौजिया का कहना है कि वो आती रहती हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined