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बेगूसराय: गिरिराज सिंह के सामने अवधेश राय की चुनौती, ऐसा रहा है चुनावी इतिहास

Begusarai Lok Sabha Hot Seat: बेगूसराय में पिछले 11 लोकसभा चुनावों में से कम से कम 10 बार भूमिहार सांसद बने हैं.

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
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बेगूसराय: गिरिराज सिंह के सामने अवधेश राय की चुनौती, ऐसा रहा है चुनावी इतिहास

(फोटो: क्विंट हिंदी)

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’बिहार का लेनिनग्राद’ माना जाने वाला बेगूसराय (Begusarai) लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में देश के ’हॉट’ सीटों में से एक है. इस चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने महागठबंधन के साझा उम्मीदवार के तौर पर पूर्व विधायक अवधेश राय को चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने फायरब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर एकबार फिर दांव लगाया है.

बेगूसराय में BJP vs CPI

बेगूसराय भूमिहार बहुल सीट है. गिरिराज सिंह भूमिहार जाति से आते हैं, जबकि अवधेश राय यादव जाति से आते हैं. दोनों प्रत्याशी इस सीट पर कब्जा जमाने के लिए पूरी ताकत झोंके हुए हैं.

इस चुनाव में महागठबंधन साझा उम्मीदवार देने में सफल हुआ है. पिछले चुनाव में CPI ने कन्हैया कुमार को उतारा था तो RJD ने तनवीर हसन को उतार दिया था. BJP के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह की इस बार सीधी टक्कर CPI के अवधेश राय से है, जिन्‍हें RJD और कांग्रेस का भी समर्थन हासिल है.

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में गिरिराज सिंह ने त्रिकोणीय मुकाबले में काफी बड़े अंतर से जीत हासिल की थी.

2014 के लोकसभा चुनाव में RJD प्रत्याशी हसन ने यहां BJP को जबरदस्त टक्कर दी थी, मगर वे BJP के भोला सिंह से 58,000 से ज्यादा मतों से हार गए थे. बेगूसराय सीट के रोमांचक लड़ाई पर देश की नजरें टिकी हुई हैं. दोनों मुख्य दावेदारों में कड़ा मुकाबला माना जा रहा है.

बताया जाता है कि 1952 से 2019 तक के लोकसभा चुनावों में सबसे ज्यादा बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की, लेकिन वाम दल चुनौती देते रहे हैं. कहा जाता है कि आज भी लेफ्ट का वोटबैंक सुरक्षित है.

किसका पलड़ा भारी?

बेगूसराय में सात विधानसभा सीट हैं, जिसमें से CPI और RJD के दो-दो विधायक हैं, जबकि विधानसभा में बीजेपी के पास दो और जेडीयू के पास एक सीट है.

दूसरी ओर मतदाताओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आकर्षण बरकरार है. जबकि विपक्षी गठबंधन को उम्मीद है कि वह अपने सामाजिक अंकगणित से इसकी काट निकाल लेंगे. ज्यादातर बीजेपी नेता और समर्थक पीएम मोदी पर भरोसा टिकाए हुए हैं.

जानकारों की मानें तो गिरिराज सिंह को हिंदुत्व चेहरे का भी लाभ मिलना तय है. गिरिराज सिंह की भूमिहार, सवर्णो, कुर्मी और अति पिछड़ा वर्ग पर अच्छी पकड़ है, जबकि महागठबंधन मुस्लिम, यादव वोटरों को अपने खेमे में किए हुए है.

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जातिगत समीकरण

दरअसल, बेगूसराय की राजनीति जाति पर आधारित रही है. बछवाड़ा, तेघड़ा, बेगूसराय, मटिहानी, बलिया, बखरी, चेरिया बरियारपुर- सात विधानसभा क्षेत्रों वाले बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र में अनुमान के मुताबिक 21 लाख मतदाता हैं.

बेगूसराय में भूमिहार मतदाता करीब 16 फीसदी, मुस्लिम 14 फीसदी, यादव 8 फीसदी, पासवान 8 फीसदी और कुर्मी 7 फीसदी हैं. यहां की राजनीति मुख्य रूप से भूमिहार जाति के आसपास घूमती है. इस बात का सबूत यह है कि पिछले 11 लोकसभा चुनावों में से कम से कम 10 बार भूमिहार सांसद बने हैं.

बेगूसराय में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत 13 मई को मतदान होना है. राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्मस्थली बेगूसराय में इस रोचक जंग में किसकी जीत होगी, इसका पता तो 4 जून के चुनाव परिणाम के दिन पता चलेगा.

(इनपुट-IANS)

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Published: 08 May 2024,10:52 PM IST

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