Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की वोटिंग मंगलवार, 7 मई को खत्म हुई. 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 93 सीटों पर जनता ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. कई दिग्गजों और हॉट सीटों से भरी तीसरे चरण की वोटिंग खत्म होने के साथ देश की कुल 543 लोकसभा सीटों में से 283 पर जनता का मत EVM में कैद हो चुका है.
तीसरे चरण की वोटिंग के साथ पांच और राज्यों में मतदान पूरा हो गया है- असम, छत्तीसगढ़, गोवा, कर्नाटक और गुजरात.
चलिए यहां आपको बताते हैं कि तीसरे चरण में जिन 93 सीटों पर वोटिंग हुई, वहां वोटिंग पर्सेंट क्या रहा? ये आंकड़े क्या बताते हैं? हॉट सीट्स पर वोटरों में दिखा रुझान दिग्गजों के लिए राहत की खबर लेकर आया या नहीं?
सबसे पहले बताते हैं कि तीसरे चरण में किन राज्यों की कितनी सीटों पर वोट डाले गए.
असम: 4
बिहार: 5
छत्तीसगढ़: 7
दादर नगर हवेली और दमन एवं द्वीप: 2
गोवा: 2
गुजरात: 25
कर्नाटक: 14
मध्य प्रदेश: 9
महाराष्ट्र: 11
उत्तर प्रदेश: 10
पश्चिम बंगाल: 4
इन 93 सीटों में से 10 अनुसूचित जाति और 11 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थीं.
2019 में इन सीटों पर रहा था बीजेपी का दबदबा
तीसरे चरण में सबसे बड़ा सवाल यही रहा कि क्या बीजेपी इन 93 सीटों पर अपना दबदबा दोहरा पाएगी या विपक्ष के हाथों बीजेपी को डेंट लग सकता है. ऐसा इसलिए था क्योंकि जिन 93 सीटों पर वोटिंग हुई, उनमें से बीजेपी और उसके सहयोगी पार्टियों ने 2019 के लोकसभा चुनावों में 81 सीटें जीती थीं यानी 90 फीसदी से बस थोड़ा कम.
अगर मौजूदा चुनाव में गठबंधन के स्वरूप को देखें तो वे पार्टियां जो अब विपक्षी INDIA ब्लॉक में शामिल हैं उन्होंने 8 और अभी NDA में शामिल पार्टियों ने 75 सीटें जीती थीं. बाकि की 10 सीटें अविभाजित शिवसेना (4), अविभाजित एनसीपी (3), बजरुद्दीन अजमल के नेतृत्व वाली AIUDF (1) और दो निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपने पाले में किए थे.
इन 93 सीटों में से अकेले बीजेपी ने 71 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस 4 सीटों पर जीत के साथ रेस में काफी पीछे थी.
2014 के आम चुनावों की बात करें तो NDA ने इनमें से 68 सीटें जीतीं और INDIA ब्लॉक पार्टियों ने 15 सीटें जीतीं जबकि 11 अन्य पार्टियों के पास गईं.
अब बात करते हैं तीसरे चरण में वोट परसेंट के आंकड़े की, यानी कहां कितनी वोटिंग हुई.
वोटिंग पर्सेंट क्या बता रहा?
2019 के लोकसभा चुनावों में इन 93 सीटों पर पड़े वोट की तुलना में जानते हैं कि इस बार कितनी वोटिंग हुई है.
गुजरात
तीसरे चरण में जिन सीटों का वोट डाले गए उनमें सबसे अधिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में हैं. यहां की 25 सीटों पर वोटिंग हुई.
26वें सीट की बात करें तो सूरत में वोट डालने की जरूरत ही नहीं पड़ी. बीजेपी ने सूरत में बिना किसी विरोध के जीत हासिल की है. एक तरफ कांग्रेस उम्मीदवारों का नामांकन डॉक्यूमेंट में खामियों की वजह से खारिज कर दिया गया तो दूसरी तरफ बाकी के सभी उम्मीदवारों ने अपनी दावेदारी वापस ले ली.
गुजरात ने 2014 और 2019, दोनों चुनावों में मोदी को सूबे की सभी 26 सीटें दी हैं. 2014 में यहां NDA का वोट शेयर 59.45% रहा था जो 2019 में बढ़कर 62.21% हो गया.
2019 के चुनाव में गुजरात की इन 25 सीटों पर वोटिंग परसेंट 66.44% रहा था. इस बार चुनाव में यह आंकड़ा 58.98 फीसदी रहा.
गुजरात में अगर हॉट सीट की बात करें तो गांधीनगर पर सबकी नजर है. यहां से बीजेपी के उम्मीदवार केंद्रीय गृह मंत्री और मौजूदा सांसद अमित शाह हैं. इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया पोरबंदर से और गुजरात बीजेपी प्रमुख सीआर पाटिल नवसारी से मैदान में हैं.
राजनीति में यह माना जाता है कि अगर पिछली बार की अपेक्षा वोटिंग में गिरावट हुई है तो लोग शासन के मौजूदा रूप को बदलने में उतने उत्साहित नहीं हैं. वहीं वोटिंग अगर ज्यादा होती है तो माना जाता है कि लोग सरकार बदलने के लिए बड़ी संख्या में सामने आए हैं. हालांकि भारत में यह हर बार सही नहीं होता. 1951-52 से लेकर 2019 तक 17 लोकसभा चुनाव हुए हैं. 1957 से 2019 तक (पहले चुनाव को छोड़कर) 16 लोकसभा चुनावों में वोटिंग पर्सेंटज छह बार गिरा और 10 बार बढ़ा. लेकिन इनमें से मौजूदा सरकारें 8 बार फिर से सत्ता में आई और इतनी ही बार बदली गईं.
कर्नाटक
कर्नाटक की कुल 28 सीटों में से तीसरे चरण में 14 पर वोट डाले गए. 2019 में बीजेपी ने इन सभी 14 सीटों पर जीत हासिल की थी. अगर 2014 के आम चुनावों की बात करें तो बीजेपी को इन 14 में से 11 पर जीत मिली थी जबकि कांग्रेस ने 3 सीट अपने पाले में किए थे.
दूसरे और तीसरे चरण की वोटिंग के बीच कर्नाटक का राजनीतिक गलियारा यौन शोषण जैसे गंभीर आरोपों से सरगर्म रहा. प्रज्वल रेवन्ना का यौन शोषण मामला सामने आया.
प्रज्वल रेवन्ना हासन सीट से जेडीएस के उम्मीदवार हैं. इस सीट पर दूसरे चरण में वोट डाले गए. जेडीएस बीजेपी के साथ गठबंधन में है और पीएम मोदी ने भी प्रज्वल के लिए प्रचार किया था. कर्नाटक में विपक्षी कांग्रेस इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रही है और ऐसे में 2019 की तरह बीजेपी के लिए 14 सीटों पर क्लीन स्वीप करना मुश्किल नजर आ रहा है.
2014 में यहां NDA का वोट शेयर 53.18% रहा था जो 2019 में बढ़कर 62.58% हो गया.
2019 के चुनाव में कर्नाटक की इन 14 सीटों पर वोटिंग परसेंट 68.95% रहा था. इस बार चुनाव में यह आंकड़ा 70.41 प्रतिशत रहा.
महाराष्ट्र
तीसरे चरण में महाराष्ट्र की कुल 48 में से ग्यारह सीटों पर मतदान हुआ. सबसे महत्वपूर्ण चुनावी लड़ाई पवार परिवार के गढ़ बारामती में देखने को मिली, जहां मौजूदा सांसद सुप्रिया सुले का मुकाबला अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार से था. नतीजे को बारामती के मतदाताओं के फैसले के रूप में देखा जाएगा कि विभाजन के बाद असली एनसीपी कौन है.
NDA ने 2019 में 11 में से 9 सीटें जीती थीं. INDIA ब्लॉक इसबार कमबैक की उम्मीद कर रहा है.
2019 के चुनाव में महाराष्ट्र की इन 11 सीटों पर वोटिंग परसेंट 63.86% रहा था. इस बार चुनाव में यह आंकड़ा 61.44 प्रतिशत रहा.
उत्तर प्रदेश
तीसरे चरण में यूपी की 80 में से दस सीटों पर वोट डाले गए. बीजेपी ने 2019 में इनमें से आठ पर जीत हासिल की थी. उसे केवल संभल और मैनपुरी में हार का सामना करना पड़ा था.
इस चरण में समाजवादी पार्टी का बहुत कुछ दांव पर है. वजह है कि यादव परिवार के कई सदस्य खुद मैदान में थे- मैनपुरी में अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल, बदायूं में शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव और फिरोजाबाद में रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव.
2019 के चुनाव में यूपी की इन 10 सीटों पर वोटिंग परसेंट 60.02% रहा था. इस बार चुनाव में यह आंकड़ा 57.34% रहा.
मध्य प्रदेश
तीसरे फेज में एमपी की 29 में से 9 सीटों पर वोट डाले गए, जिसमें कई दिग्गज नेताओं की साख दांव पर रही. सुबे के दो पूर्व मुख्यमंत्री, बीजेपी के शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के साथ-साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया भी चुनावी मैदान में थे.
बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने गृह क्षेत्र गुना की सीट को फिर से हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, जो उन्होंने 2019 में कांग्रेस में रहते हुए खो दिया था. शिवराज सिंह चौहान विदिशा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं, इस भगवा गढ़ का उन्होंने पांच बार प्रतिनिधित्व किया है. शिवराज दो दशक बाद लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए लौट रहे हैं. दिग्विजय सिंह भी तीन दशकों के बाद लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अपने गृह क्षेत्र, राजगढ़ में लौटे हैं
2019 के चुनाव में एमपी की इन 9 सीटों पर वोटिंग परसेंट 60.02% रहा था. इस बार चुनाव में यह आंकड़ा 8 बजे तक 66.05% रहा.
बिहार
तीसरे चरण में बिहार की कुल 40 सीटों में से पांच सीटों पर मतदान हुआ. एनडीए ने 2019 में इन सभी पांचों में जीत हासिल की थी जबकि INDIA ब्लॉक इसबार एनडीए को डेंट देने के लिए तैयार दिख रहा है.
इस चरण में जिन सीटों पर मतदान हो रहा है वे हैं झंझारपुर, सुपौल, अररिया, मधेपुरा और खगड़िया. इनमें से अधिकतर सीटें पूर्वोत्तर बिहार के कोसी क्षेत्र में हैं.
2019 के चुनाव में बिहार की इन 5 सीटों पर वोटिंग परसेंट 61.292% रहा था. इस बार चुनाव में यह आंकड़ा 58.18 प्रतिशत रहा.
छत्तीसगढ़
तीसरे चरण में छत्तीसगढ़ की 11 में से सात सीटों पर वोट डाले गए. राज्य की बाकी चार सीटों पर पहले दो चरणों में मतदान हो चुका है. 2019 में बीजेपी ने इन सात में से छह सीटें जीती थीं.
2019 के चुनाव में छत्तीसगढ़ की इन 7 सीटों पर वोटिंग परसेंट 71.27% रहा था. इस बार चुनाव में यह आंकड़ा 71.06 प्रतिशत रहा.
आखिर में एक बात और. इसमें पोस्टल बैलेट से डाले हुए वोट शामिल नहीं हैं. वोटिंग परसेंट का आंकड़ा आगे और बढ़ेगा.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)