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बिहार विधानसभा चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के एनडीए से अलग चुनाव लड़ने के फैसले पर बीजेपी के साथ "अच्छी तरह से चर्चा" की गई थी, यह बात चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने कही है.
द इंडियन एक्स्प्रेस को दिए इंटरव्यू में चिराग पासवान ने कहा कि उनका अभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में विश्वास है, लेकिन एलजेपी "विकल्पों को देखने के लिए मजबूर" होगी अगर यह विश्वास "एकतरफा" साबित होगा.
दरअसल, चाचा पशुपति पारस और चिराग पासवान के झगड़े से राम विलास पासवान की एलजेपी में फूट पड़ चुकी है. अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने और नीतीश कुमार की जेडीयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारने के फैसले को एलजेपी सांसद और चिराग के चाचा पशुपति पारस के नेतृत्व वाले विद्रोही गुट ने गलत फैसला बताया था. चिराग का ये फैसला भी पार्टी में टूट की एक बड़ी वजह मानी जा रही है.
बिहार चुनाव में अकेले चुनाव लड़ने के अपने फैसले का बचाव करते हुए चिराग ने कहा कि बीजेपी इस चर्चा में शामिल थी. चिराग ने कहा,
यह पूछे जाने पर कि क्या बीजेपी ने अकेले लड़ने के फैसले का समर्थन किया, मुख्यतः जेडीयू द्वारा लड़ी गई सीटों पर, उन्होंने कहा,
चिराग पासवान ने कहा कि अगर उन्होंने सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा होता, तो "अलग सरकार" होती.
यह पूछे जाने पर कि क्या नीतीश कुमार के खिलाफ तेजस्वी यादव और आरजेडी के साथ गठजोड़ संभव है, तो पासवान ने कहा, "आप राजनीति में कभी भी ‘नहीं’ नहीं कह सकते. इतना कहने के बाद भी अब तक मुझे अपने प्रधानमंत्री पर भरोसा है, जिनका हमने पूरे समय समर्थन किया है. लेकिन हां, मैं इस विश्वास को एकतरफा नहीं रख सकता. अगर बीजेपी मुझे एक कोने में धकेलती रहती है... तो हां, यह पार्टी पर निर्भर करेगा कि वो विकल्प तय करे और तय करे कि आगे क्या होना चाहिए. पार्टी फैसला करेगी."
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Published: 23 Jun 2021,10:19 AM IST