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“JDU में नहीं थी इज्जत, इसलिए RJD में आया’’: श्याम रजक Exclusive

चुनाव से ठीक पहले राज्य का दलित चेहरा माने जाने वाले रजक का जेडीयू से निकाला जाना पार्टी के लिए बड़ा फैसला है.

शादाब मोइज़ी
पॉलिटिक्स
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वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज

बिहार की राजनीति में सब कुछ फटाफट होता है, शाम में गठबंधन टूटता है और रात में सरकार पलट जाती है. अब जब सरकार 24 घंटे में पलट सकती है, तो नेता क्यों नहीं. दरअसल, नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने अपनी पार्टी के सीनियर लीडर और सरकार में मंत्री श्याम रजक को पार्टी से बाहर का टिकट थमा दिया, अब 24 घंटे का वक्त भी नहीं बीता की श्याम रजक ने घर वापसी कर ली. मतलब अपनी पुरानी पार्टी लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में शामिल हो गए हैं.

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क्विंट से खास इंटरव्यू में श्याम रजक ने कहा, "एक तरफ हमको स्वाभिमान और प्रतिष्ठा चुनना था एक तरफ पद. हमने स्वाभिमान चुना."

जब क्विंट ने श्याम रजक से पूछा कि आप बिहार सरकार में पिछले 10 साल से मंत्री रहे हैं, अब और क्या चाहिए, इसपर श्याम रजक ने कहा,

“आपको मंत्री बना दें, सीएम बना दें, लेकिन सम्मान नहीं मिलेगा तो क्या कीजिएगा. सुविधा श्याम रजक के लिए कभी कुछ नहीं रहा है. हम प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के साथ रहे हैं. हमें लगातार अपमानित करने का काम किया गया है.”
श्याम रजक, पूर्व मंत्री, बिहार

बिहार में चुनाव से ठीक पहले राज्य का दलित चेहरा माने जाने वाले रजक का जेडीयू से निकाला जाना पार्टी के लिए बड़ा फैसला है. ऐसा माना जा रहा था कि वो पार्टी से इस्तीफा देने का मन बना रहे थे, इसलिए जेडीयू ने उनकी बगावत से पहले ही उन्हें बर्खास्त कर दिया.

2009 में नीतीश के लिए छोड़ा लालू का साथ

बता दें कि श्याम रजक 2009 में लालू यादव की आरजेडी छोड़कर जेडीयू में आए थे. तब उन्होंने आरजेडी में अपमान की बात कही थी. उसके बाद 2010 में जेडीयू की टिकट पर फुलवारी शरीफ सीट से विधानसभा चुनाव जीते और नीतीश सरकार में मंत्री बने. 2019 में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी थी.

नीतीश पर दलित-पिछड़ा विरोधी होने का आरोप

श्याम रजक ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी में दलित और पिछड़ों को आगे बढ़ने नहीं दिया जाता है. उन्होंने कहा,

” नीतीश कुमार कहते हैं कि जीतन राम मांझी को सीएम बनाया था, लेकिन खुद देखिए फिर उनको किस तरह अपमानित किया. मैंने दलित सम्मेलन किया, उसका बदला लिया और मुझे हर चीज से किनारे किया गया. मैंने नीतीश कुमार से दो बार मुलाकात की, पत्र लिखा, लेकिन कोई सही जवाब नहीं मिला. तो आखिर में क्या करते.”

श्याम रजक अबतक 7 बार विधायक बन चुके हैं और राबड़ी देवी की सरकार में भी मंत्री थे. उन्हें लालू यादव का करीबी माना जाता रहा है. श्याम रजक कहते हैं कि वो कोई नए खिलाड़ी नहीं हैं. आज के कार्यकर्ता नहीं हैं. आरजेडी और नीतीश दोनों के खिलाफ रहकर भी चुनाव जीते हैं और मिलकर भी.

तेजस्वी के साथ कैसे बनेगी?

बता दें कि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने अपने तीन विधायकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. पार्टी ने महेश्वर प्रसाद यादव, प्रेम चौधरी और फराज फातमी को पार्टी-विरोधी गतिविधियों के चलते 6 साल के लिए बर्खास्त कर दिया है. इसके अलावा पार्टी के कुछ सीनियर लीडर भी पार्टी से नाराज चल रहे हैं, ऐसे में बार-बार सीनियर बनाम जूनियर की बहस उठती रहती है.

श्याम रजक से जब तेजस्वी के नेतृत्व में काम करने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, "तेजस्वी युवा हैं, उनको बिहार की जनता पसंद करती है, यहां सीनियर-जूनियर का सवाल ही नहीं उठता है, कौन विचारधारा पर टिका है और कौन नहीं सवाल यहां आकर रुकता है. तेजस्वी को जिस तरह लोगों का प्यार मिल रहा है नीतीश कुमार उससे भौखला गए हैं."

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Published: 17 Aug 2020,03:05 PM IST

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