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बिहार (Bihar Politics) में सियासी सरगर्मियां तेज है. राजनीतिक उलट-फेर की आशंका जताई जा रही है. कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी का साथ थोड़ आरजेडी से हाथ मिला सकते हैं. आज जेडीयू और आरजेडी के विधायकों की बैठक होने वाली है. विधायकों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है. वहीं आरजेडी विधायकों की बैठक राबड़ी आवास पर होगी. जहां विधायकों के मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध भी लगा दिया गया है.
आरसीपी सिंह के इस्तीफे के बाद बिहार की सियासी हवा ने करवट ली है. इसको देखते हुए JDU ने सभी सांसदों और विधायकों की अहम बैठक बुलाई है. हालांकि, बैठक किस मुद्दे पर होगी इसकी जानकारी अभी नहीं मिल पायी है. लेकिन माना जा रहा है कि, मीटिंग में बीजेपी (BJP) के साथ गठबंधन को लेकर चर्चा हो सकती है. इस बैठक में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी मौजूद रहेंगे.
वहीं, दूसरी तरफ आरजेडी भी राबड़ी आवास पर बैठक कर रही है. दोनों दलों के बैठक का दिन एक है. जिसको लेकर तरह-तरह की अलटलें लगाई जा रही हैं.
बिहार में सियासी उलटफेर की चर्चा के बीच जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने दावा किया है कि बिहार में एनडीए गठबंधन में सब कुछ ठीक चल रहा है. अभी तक कोई दिक्कत नहीं है. हालांकि, उन्होंने कहा कि भविष्य में क्या होगा, यह कोई नहीं बता सकता. इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा की उनमें पीएम बनने की सभी खूबियां हैं.
चलिए अब बिहार का ताजा सियासी समीकरण समझ लेते हैं. बिहार में विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं. लेकिन आरजेडी के अनंत सिह के विधायक नहीं रहने से वर्तमान में 242 विधायक हैं. इनमें सबसे ज्यादा 79 विधायक आरजेडी के पास हैं. बीजेपी के पास 77 विधायक हैं. जेडीयू के 45, कांग्रेस के 19, सीपीआई (ML) के 12 और जीतन राम मांझी के 4 विधायक हैं. इनके अलावा सीपीएम 2, सीपीआई 2, AIMIM के पास एक और निर्दलीय एक विधायक है. सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों का बहुमत होना चाहिए.
बिहार में फिलहाल NDA की सरकार है. जिसमें बीजेपी के 77 विधायक हैं, वहीं जेडीयू के 45 विधायक हैं. इसके साथ ही हम के 4 विधायक हैं. इस तरह से कुल 126 विधायक हैं.
इससे पहले नीतीश कुमार ने 2014 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी का साध छोड़कर महागठबंधन में शामिल हुए थे. हालांकि, 2015 में सरकार बनने के बाद 2 साल बाद ही वे वापस एनडीए में आ गए. अब एक बार फिर कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार बीजेपी का साथ छोड़ने का मन बना चुके हैं. हालांकि, नीतीश कुमार के लिए यह उतना आसान नहीं होगा.
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