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BJP ने कांग्रेस से 5 गुना ज्यादा कमाया, चुनाव और प्रचार पर 5 गुना ज्यादा खर्च भी किया

ADR Report के अनुसार, वित्त वर्ष-23 के लिए बीजेपी की कुल घोषित आय का लगभग 89.8% (~ 2,120.06 करोड़ रुपये) दान से आया.

आकृति हांडा
पॉलिटिक्स
Published:
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BJP ने 5 गुना ज्यादा कमाया, चुनाव और प्रचार पर कांग्रेस से 5 गुना ज्यादा खर्च भी किया

(फोटो: क्विंट हिंदी)

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एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने वित्त वर्ष 2022-23 में चुनाव और सामान्य प्रचार पर 1,092 करोड़ रुपये खर्च किए- जो कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से लगभग पांच गुना अधिक है.

बुधवार, 28 फरवरी को जारी की गई रिपोर्ट में छह राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की आय और खर्च का विश्लेषण किया गया है. यह रिपोर्ट इस साल अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले आयी है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजेपी ने वित्त वर्ष 2022-23 में कंट्रीब्यूशन, डोनेशन, चुनावी बांड और अन्य स्रोतों से 2,360.844 करोड़ रुपये कमाए. इसी अवधि में, कांग्रेस ने 452.37 करोड़ रुपये कमाए, जो उसके प्रतिद्वंदी से पांच गुना कम है.

बीजेपी ने पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में वित्त वर्ष-23 में अपनी आय में 23.15 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की, जबकि कांग्रेस की आय 16.42 फीसदी घटी या 88.90 करोड़ रुपये कम हुई.

इस बीच, अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) ने वित्त वर्ष-23 में अपनी आय लगभग दोगुनी कर 85.17 करोड़ रुपये कर ली. मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) की आय 15 गुना बढ़कर 7.56 करोड़ हो गई.

हालांकि, मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) की आय में वित्त वर्ष-22 की तुलना में वित्त वर्ष-23 में एक तिहाई की कमी देखी गई. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) या CPI (M) की वार्षिक आय में भी 12.68 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई.

रिपोर्ट में देखा गया कि “बीजेपी ने राष्ट्रीय पार्टियों में सबसे ज्यादा आय दिखाई है, वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 2360.844 करोड़ रुपये की आय. यह वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 6 राष्ट्रीय दलों की कुल आय का 76.73% है.”

इसका मूल रूप से मतलब यह है कि 2022-23 में बीजेपी की आय अन्य सभी राष्ट्रीय पार्टियों की कुल आय से तीन गुना थी.
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कमाई का कितना हिस्सा और किस चीज पर खर्च हुआ?

बीजेपी ने अपनी कमाई का लगभग आधा- 1,361.68 करोड़ रुपये- मुख्य रूप से चुनाव और सामान्य प्रचार पर खर्च किया. कांग्रेस और AAP ने वित्त वर्ष-23 में अपनी कमाई से अधिक खर्च किया.

रिपोर्ट के मुताबिक, सभी खर्चों के बाद बीजेपी के पास करीब 999 करोड़ रुपये बचे हैं. सीपीआई (एम), बीएसपी और एनपीपी ने वित्त वर्ष-23 में अपनी आय का क्रमशः 75 प्रतिशत, 63 प्रतिशत और 92 प्रतिशत खर्च किया.

वित्त वर्ष 2022-23 में राष्ट्रीय पार्टों के पास खर्च के बाद कितना पैसा बचा

(चार्ट: क्विंट हिंदी द्वारा एडिटेड)


मुख्य रूप से राजनीतिक दल अपनी आय प्रचार, चुनाव, प्रशासनिक लागत, कर्मचारियों और अन्य चीजों पर खर्च करते हैं. बीजेपी ने अपने खर्च का 80.21 प्रतिशत- 1,092.15 करोड़ रुपये- सामान्य और चुनाव प्रचार पर खर्च किया. AAP और एनपीपी ने भी अपने कुल घोषित खर्च का 93.26 प्रतिशत और 95.54 प्रतिशत हिस्सा प्रचार और चुनाव पर लगाया.

इसके ठीक विपरीत कांग्रेस और सीपीआई (एम) ने प्रशासनिक खर्च पर अपने कुल व्यय का क्रमशः 50.49 प्रतिशत (या 235.84 करोड़ रुपये) और 52.42 प्रतिशत (या 55.59 करोड़ रुपये) खर्च किया. कांग्रेस ने अपने खर्च का लगभग 40 प्रतिशत चुनाव पर खर्च किया, सीपीआई (एम) ने केवल 5.42 प्रतिशत और बीएसपी ने 11.37 प्रतिशत चुनाव पर खर्च किया, जबकि कुल घोषित खर्च का 88 प्रतिशत हिस्सा प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए अलग रखा.

राजनीतिक दलों को पैसा कहां से मिलता है?

ADR रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 23 के लिए बीजेपी की कुल घोषित आय का लगभग 89.8 प्रतिशत (या 2,120.06 करोड़ रुपये) डोनेशन और कंट्रीब्यूशन से आया है. इस दौरान, कांग्रेस ने अपनी आय का लगभग 59.4 प्रतिशत (या 268.62 करोड़ रुपये) अनुदान से और 27.8 प्रतिशत (या 125.76 करोड़ रुपये) कूपन जारी करने से हासिल किया.

इस बीच, AAP और NPP ने घोषणा की है कि उनकी 99 प्रतिशत से अधिक आय ग्रांट, डोनेशन और कंट्रीब्यूशन से है. हालांकि, बीएसपी को अपना अधिकतम हिस्सा (51.41 प्रतिशत) बैंक ब्याज से प्राप्त हुआ, 46.91 प्रतिशत फीस और सदस्यता से मिला.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वित्त वर्ष 23 में, तीन राष्ट्रीय दलों- बीजेपी, कांग्रेस और AAP- ने अपनी कुल आय का 49.09 प्रतिशत (या 1,510.62 करोड़ रुपये) इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से किए गए डोनेशन से हासिल किया.

वित्त वर्ष 23 के लिए बीजेपी की कुल घोषित आय में से 54.82 प्रतिशत (या 1,294.15 करोड़ रुपये) इलेक्टोरल बॉन्ड से आया, जबकि 34.98 प्रतिशत (या 825.91 करोड़ रुपये) अन्य डोनेशन और कंट्रीब्यूशन से आया.

AAP को भी अपनी कुल आय का आधे से अधिक (53.36 प्रतिशत या 45.45 करोड़ रुपये) चुनावी बॉन्ड से प्राप्त हुआ. इस बीच, कांग्रेस को उसी स्रोत से अपनी कुल घोषित आय का एक तिहाई या 171.02 करोड़ रुपये प्राप्त हुआ.

हालांकि, सीपीआई (एम), बीएसपी और एनपीपी को चुनावी बॉन्ड से कोई पैसा नहीं मिला.

रिपोर्ट में कहा गया है, "योजना द्वारा दानदाताओं को दी गई गुमनामी को देखते हुए, यह देखा गया कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भी इलेक्टोरल बॉन्ड राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के लिए दान का सबसे लोकप्रिय तरीका बनकर उभरा."

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