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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की सियासत में एक समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) के संकटमोचक कहलाने वाले प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा इन दिनों अपने अलग अंदाज और अलग कार्यशैली को लेकर चर्चाओं में हैं. एक समय था जब नरोत्तम संयमित और नपे-तुले बयान दिया करते थे, लेकिन पिछले कुछ समय से उनके बयानों में तल्खी आई है, कई धमकी भरे हैं, तो कुछ बयानों को तो उनके विभाग के अधिकारियों ने ही खारिज कर दिया.
इंदौर में चूड़ी वाले की पिटाई मामले में नरोत्तम मिश्रा ने बयान दिया कि चूड़ी वाले के समर्थन में शामिल लोगों में पीएफआई के लोग भी शामिल थे जबकि उन्हीं के विभाग के डीजीपी ने उनके इस बयान को खारिज कर दिया.
भोपाल में वेब सीरीज आश्रम 3 की शूटिंग के दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मारपीट की प्रकाश झा पर स्याही फेंकी. नरोत्तम मिश्रा ने बजरंग दल के लोगों को देशभक्त कहा उनका समर्थन करते हुए कहा कि फिल्म का नाम बदलना चाहिए.
डाबर ने अपना विज्ञापन जारी किया. केंद्र से कोई फरमान नहीं आया लेकिन मध्य प्रदेश से गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कार्रवाई की चेतावनी दी. डाबर ने माफी मांगी और अपना ऐड वापस लिया.
सब्यसाची का मंगलसूत्र ऐड आया. विरोध की बातें कई जगह हुईं लेकिन मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कार्रवाई की चेतावनी दी. ऐड को वापस लिया गया.
नरोत्तम इस नए रूप पर वरिष्ठ पत्रकार अरुण दीक्षित का कहना है कि, नरोत्तम मिश्रा को पता है कि लीडरशिप क्या चाहती है. पहले कैलाश विजयवर्गीय की भाषा भी बंगाल में कुछ इस तरह की होती थी, लेकिन कई दिन बीत गए उनका कोई बयान नहीं आया. नरोत्तम मिश्रा होम मिनिस्टर हैं, बहुत जिम्मेदार पद पर हैं और बड़े शालीन व्यक्ति माने जाते रहे हैं. जब से उनकी प्रवक्ता के पद पर इनिंग शुरू हुई है तब से उनके बयानों में ये बदलाव आया है.
वरिष्ठ पत्रकार मनीष दीक्षित का कहना है कि आजकल बीजेपी का जो भी नेता है वो अपने आप को हिंदुत्व का सबसे बड़ा ब्रांड एम्बेसडर मानने लगा है. आप देखिए 3 दिन पहले रामेश्वर शर्मा ने बयान दिया था कि फादर और चादर से दूर रहो, पीएम मोदी जी वहां पोप से मिल रहे हैं. यह लोगों की निगाह में चढ़ने के लिए किया जा रहा है. महेश्वर में जब 'सूटेबल बॉय'' की शूटिंग हुई थी तब भी ऐसा ही हुआ था. अभी प्रकाश झा का केस हुआ. यह बयान जिस तरह के आ रहे हैं ''24 घंटे की वार्निंग'', मुझे लगता है कि ये सबे अपने आपको हिंदुत्व का बड़ा चेहरा बताने के कवायद है.
नरोत्तम के बदले रवैये को लेकर वरिष्ठ पत्रकार लज्जा शंकर हरदेनिया का मानना है कि ये सारी कवायद खुद को ''सीएम मटेरियल'' साबित करने की कोशिश भी हो सकती है.
कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का कहना है कि अब नरोत्तम मिश्रा को समझ में आ गया है कि आरएसएस के यहां अपने नंबर बढ़ाने पड़ेंगे तभी उनकी राजनीति चलेगी. तभी वो जो सपने देख रहे हैं वो पूरे हो पाएंगे. इसलिए उन्होंने कट्टरता का चोला ओढ़ लिया है. विश्वास सारंग ,रामेश्वर शर्मा जो उन्हें कट्टरता के मामले पीछे छोड़ रहे थे, अब नरोत्तम ने उनसे प्रतिस्पर्धा करने में दोनों जैसा आचरण अपना लिया है, विवादास्पद बातें कहना. जबकि उनका पद संविधान से जुड़ा हुआ है गृह मंत्री का पद है.
मध्य प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी से भी हमने बात की.
मध्य प्रदेश की राजनीति को करीब से जानने वालों का मानना है कि दरअसल नरोत्तम के नए रंग में प्रदेश की पूरी बीजेपी रंगी है. आखिर नरोत्तम ऐसी भाषा बोल रहे हैं तो शिवराज क्यों कुछ नहीं कहते? अगर नरोत्तम शिवराज को टक्कर देने के लिए अपनी इमेज चमका रहे हैं, तो शिवराज को बोलना या अंदरखाने रोकना चाहिए था. वो या केंद्रीय लीडरशिप ऐसा कुछ नहीं कर रही तो इसकी वजह ये हो सकती है कि सब राजी हैं. इस राजीनामे के पीछे वजह हो सकती है पिछले चुनाव में सत्ता छिन जाना. यूपी में योगी के प्रयोग की पार्टी में प्रशंसा भी शायद मध्य प्रदेश बीजेपी के लिए प्रेरक प्रसंग बन चुका है.
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