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Bypolls: हिंदी बेल्ट में BJP को कड़ी टक्कर, 4-3 की जीत में 'INDIA' को 2 बड़े फायदे

उपचुनाव में INDIA Vs NDA: 4-3 से 'इंडिया' ने मारी बाजी, लेकिन वोट पर्सेंट क्या कहते हैं?

मोहन कुमार
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>उपचुनाव में INDIA Vs NDA: 4-3 से 'इंडिया' ने मारी बाजी, लेकिन वोट % क्या कहते हैं? </p></div>
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उपचुनाव में INDIA Vs NDA: 4-3 से 'इंडिया' ने मारी बाजी, लेकिन वोट % क्या कहते हैं?

(फोटो: क्विंट हिंदी)

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6 राज्यों में 7 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव (By Election 2023) के नतीजे आ गए हैं. 2024 लोकसभा चुनाव से पहले इसे INDIA गठबंधन बनाम NDA गठबंधन के तौर पर देखा जा रहा है. 6 राज्यों में से तीन राज्यों में सीधे-सीधे INDIA और NDA के बीच मुकाबला देखने को मिला. वहीं तीन राज्यों में INDIA गठबंधन की सहयोगी पार्टियों ने भी अपने-अपने उम्मीदवार उतारे थे. हालांकि, सत्ता के इस क्वार्टर फाइनल में INDIA गठबंधन ने 4-3 से जीत दर्ज की है. 7 विधानसभा सीटों में से 4 सीटें INDIA गठबंधन के खाते में आई है. वहीं BJP नेतृत्व वाली NDA तीन सीटें ही जीत पाई है. NDA को सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश में लगा है. जहां वो घोसी सीट जीतने में नाकाम रही.

किन-किन राज्यों में INDIA Vs NDA?

रिजल्ट बताने से पहले आपको बताते हैं कि किन-किन राज्यों में INDIA और NDA के बीच सीधा मुकाबला था. और कहां-कहां INDIA गठबंधन में शामिल दल एक दूसरे को चुनौती दे रहे थे. उत्तर प्रदेश, झारखंड और त्रिपुरा में INDIA और NDA के बीच सीधे-सीधे मुकाबला था. वहीं केरल, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड में INDIA गठबंधन के घटक दलों ने एक से ज्यादा उम्मीदवार उतारे थे.

6 राज्यों में उपचुनाव के नतीजे क्या कहते हैं?

1. उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश की घोसी हॉट सीट मानी जा रही थी. यहां INDIA गठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सुधाकर सिंह ने जीत दर्ज की है. उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार दारा सिंह चौहान को 42,759 वोटों के अंतर से हराया है. दारा सिंह चौहान कुछ महीने पहले ही समाजवादी पार्टी को छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे.

वोटिंग पर्सेंट पर नजर डालें तो एसपी उम्मीदवार को 57 फीसदी वोट मिले हैं. वहीं बीजेपी उम्मीदवार के खाते में 37 फीसदी वोट गए हैं.

यहां INDIA गठबंधन में शामिल कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था. हालांकि, 2022 विधानसभा चुनाव में भी समाजवादी पार्टी ने ही यहां से जीत दर्ज की थी. तब एसपी से दारा सिंह चौहान को सफलता मिली थी. लेकिन इस बार बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर उन्हें निराशा हाथ लगी है.

घोसी में करारी हार बीजेपी के लिए बड़ा झटका है. बीएसपी के चुनाव नहीं लड़ने और ओमप्रकाश राजभर के हाथ मिलने से भी पार्टी को कोई खास फायदा नहीं हुआ है. दरअसल, घोसी विधानसभा में तकरीबन 1 लाख दलित वोटर हैं. बीएसपी के चुनाव नहीं लड़ने के बाद माना जा रहा था कि दलित वोटरों को झुकाव बीजेपी की तरफ रहेगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. वहीं 50 से 60 हजार राजभर मतदाता भी हैं. लेकिन ओपी राजभर के आने से भी NDA को कई खास फायदा नहीं हुआ.

2. झारखंड

झारखंड की डुमरी सीट पर JMM और AJSU के बीच मुकाबला था. इस सीट पर JMM की बेबी देवी ने AJSU की यशोदा देवी को हराया है. यहां JMM को INDIA गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस और RJD का समर्थन प्राप्त था. वहीं बीजेपी नेतृत्व वाली NDA की ओर से AJSU पार्टी ने अपना उम्मीदवार उतारा था.

डुमरी सीट पर JMM उम्मीदवार को 52% से ज्यादा वोट मिले हैं. वहीं AJSU उम्मीदवार के खाते में 43% वोट आए हैं. यहां भी INDIA गठबंधन की जीत हुई है.

JMM की बेबी देवी को 1,00,317 वोट मिले. वहीं AJSU की यशोदा देवी को 83,164 वोट मिले. हार-जीत 17,153 वोटों से तय हुआ. बता दें कि ये सीट JMM नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निधन से खाली हुई थी. जिसके बाद JMM ने जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी को उतारा था.

3. त्रिपुरा

त्रिपुरा की बॉक्सानगर और धानपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है. यहां उसका सीधा मुकाबला INDIA गठबंधन की सहयोगी पार्टी CPI(M) से था. बॉक्सानगर से बीजेपी के तफज्जल हुसैन और धानपुर से बिंदु देबनाथ ने जीत हासिल की है.

बॉक्सानगर में बीजेपी को 88 फीसदी वोट मिले. वहीं धानपुर में बीजेपी ने 70% वोट पर कब्जा जमाया.

दोनों जगह CPI(M) के उम्मीदवार नहीं टिक पाए और अगर उनके वोटों को मिला दें तो INDIA गठबंधन के खाते में मात्र 18.47% वोट ही आए हैं.

इसी साल त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने दोबारा सत्ता में वापसी की थी. हालांकि पिछले बार के मुकाबले इस बार बीजेपी की सीट कम हुई थी. ऐसे में उपचुनाव में दो सीटों पर भारी अंतर से जीत दर्ज कर बीजेपी ने अपना रिकॉर्ड अच्छा कर लिया है.

4. उत्तराखंड

उत्तराखंड की बागेश्वर सीट पर बीजेपी की पार्वती दास ने जीत दर्ज की है. उन्होंने कांग्रेस के बसंत कुमार को पटखनी दी है. हालांकि, यहां INDIA गठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी ने भी अपना उम्मीदवार उतारा था. जिसका हल्का नुकसान INDIA गठबंधन को हुआ है. बीजेपी के खाते में करीब 50 फीसदी वोट आए हैं. वहीं कांग्रेस को 46 पर्सेंट वोट मिले हैं. SP उम्मीदवार को 1 प्रतिशत से भी कम वोट मिला है.

यहां कहा जा सकता है कि अगर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा होता तो शायद मुकाबला और टक्कर का हो सकता था.

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5. केरल

केरल की बात करें तो कांग्रेस ने जीत हासिल की है. यहां भी INDIA गठबंधन की दो सहयोगियों के बीच मुकाबला था. हालांकि, इस जंग में कांग्रेस के चांडी ओमन ने 37,719 वोटों के अंतर से जीत हासिल की है. दूसरे नंबर पर CPI(M) के जैक सी थॉमस रहे. वहीं तीसरे नंबर पर बीजेपी के उम्मीदवार थे.

बता दें कि ये कांग्रेस की पुस्तैनी सीट रही है. यहां से पिछले 53 सालों से दिवंगत कांग्रेस नेता ओमन चांडी जीतते आ रहे थे. इस बार उनके बेटे ने जीत दर्ज की है. इसी के साथ उन्होंने अपने पिता की राजनीतिक विरासत को भी संभाल लिया है.

अगर वोट पर्सेंट देखें तो कांग्रेस को 61 प्रतिशत वोट मिला है. वहीं CPI(M) के खाते में 32 प्रतिशत वोट आया है. बीजेपी को महज 5 प्रतिशत वोट ही मिले हैं.

बता दें कि केरल में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने भी अपना उम्मीदवार उतारा था. AAP उम्मीदवार ल्यूक थॉमस को मात्र 0.64 फीसदी वोट ही मिले.

केरल में INDIA गठबंधन ने कुल 94.51% वोटों पर कब्जा जमाया है. इसके सामने बीजेपी कहीं नहीं टिक पाई है. दरअसल, केरल में कांग्रेस और CPI(M) द्वारा अपने-अपने उम्मीदवार उतारने के बाद मुख्य मुकाबला इन्हीं दो पार्टियों के बीच देखने को मिला. बीजेपी तीसरी पार्टी बनकर रह गई.

6. पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल में INDIA गठबंधन की दो सहयोगी पार्टियां चुनावी मैदान में थी. धूपगुड़ी सीट पर TMC और CPI(M) दोनों ने ही अपने उम्मीदवार उतारे थे. वहीं बीजेपी की ओर से तापसी रॉय मैदान में थी. हालांकि, इस त्रिकोणीय मुकाबले में TMC और बीजेपी के बीच टक्कर देखने को मिली और अंत में जीत TMC उम्मीदवार निर्मल चंद्र रॉय की हुई है.

वोट पर्सेंटेज की बात करें तो TMC को 46 फीसदी वोट मिले हैं. वहीं बीजेपी के खाते में 44 फीसदी वोट आए हैं. वहीं CPI(M) उम्मीदवार को 7% वोट मिले हैं. ओवरऑल देखें तो INDIA गठबंधन ने यहां की 52.79 फीसदी वोटों पर कब्जा जमाया है.

बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने TMC से धूपगुड़ी सीट छीन ली थी. तब बिष्णु पद राय ने यहां से जीत दर्ज की थी. उनके निधन के बाद ये सीट खाली हुई. उपचुनाव में जीत के साथ ही TMC ने अपना पुरानी हिसाब बराबर कर लिया है.

6 राज्यों में INDIA Vs NDA में किसका पलड़ा भारी?

उत्तर प्रदेश, झारखंड और त्रिपुरा में INDIA और NDA गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला था. यहां की चार विधानसभा सीटों पर 2-2 से मुकाबला टाई रहा है. यूपी और झारखंड में इंडिया गठबंधन को जीत मिली तो त्रिपुरा की दोनों सीटों पर NDA ने कब्जा जमाया. अगर यहां के वोट पर्सेंटेज को देखें तो NDA के खाते में 46.46 फीसदी वोट आए हैं. वहीं INDIA गठबंधन के खाते में 48.65 फीसदी वोट पड़े हैं.

इस आधार पर हम कह सकते हैं कि भले ही इन तीन राज्यों में सीटों के आधार पर मुकाबला टाई रहा लेकिन वोट के मामले में INDIA गठबंधन ने बाजी मारी है.

वहीं केरल, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड पर नजर डालें तो यहां INDIA गठबंधन के सहयोगी दलों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे थे. यहां की तीन विधानसभा सीटों पर INDIA गठबंधन ने 2-1 से मुकाबला जीता.

इन राज्यों में INDIA गठबंधन का वोट पर्सेंटेज 65 फीसदी रहा. वहीं NDA गठबंधन का नेतृत्व करने वाली बीजेपी का वोट पर्सेंटेज 32.57 फीसदी ही रहा. इस तरह से यहां भी INDIA गठबंधन का दबदबा दिखा.

NDA से ज्यादा INDIA को वोट मिले

INDIA में सहयोगी दलों झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (एम), आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, टीएमसी को मिलाकर कुल 506,053 वोट मिले. वहीं 7 सीटों पर NDA में साथी बीजेपी और AJSU को कुल मिलाकर 362,104 वोट मिले. यानी 6 राज्यों की 7 सीटों पर NDA की तुलना में INDIA को कुल 1 43, 949 वोट ज्यादा मिले हैं.

INDIA गठबंधन के ऐलान के बाद से यह पहला चुनाव था. जिसमें साफ तौर पर विपक्षी दल बीजेपी से आगे निकलते दिख रहे हैं. आगामी महीनों में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान सहित 5 राज्यों में चुनाव होने हैं. अगर इन चुनावों में भी INDIA गठबंधन के घटक दल हाथ मिला लेते हैं तो बीजेपी के नेतृत्व वाली NDA को तगड़ा झटका लग सकता है. जिसका असर 2024 लोकसभा चुनाव पर पड़ना तय है.

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