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हिमाचल में नए खुले सभी स्वास्थ्य संस्थान बंद, जयराम सरकार के कई फैसले पलटे

पूर्व सरकार के फैसलों पर चली सुक्खू सरकार की आंधी, आठ महीने में 25 से ज्यादा स्वास्थ्य संस्थान किए गए थे अपग्रेड.

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
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हिमाचल में नए खुले सभी स्वास्थ्य संस्थान बंद, CM ने पलटे जयराम सरकार के कई फैसले

(फोटो-क्विंट हिंदी)

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हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में कांग्रेस (Congress) सरकार लगातार एक्शन मोड में है. सरकार लगातार पिछली बीजेपी (BJP) सरकार को झटके दे रही है. दरअसल, नए सीएम सुखविंदर सुक्खू (CM sukhwinder singh sukhu) ने बीजेपी (BJP) को तगड़ा झटका देते हुए 1अप्रैल, 2022 के बाद राज्य में नए खुले या अपग्रेड किए गए सभी स्वास्थ्य संस्थानों को बंद करने का फैसला लिया है.

स्वास्थ्य विभाग पर बड़ी कार्रवाई

कांग्रेस (Congress) की नई सरकार ने बागबानी विभाग और बिजली बोर्ड के बाद अब स्वास्थ्य विभाग में भी बड़ी कार्रवाई की है. दरअसल, राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, 1 अप्रैल, 2022 के बाद राज्य में नए खुले या अपग्रेड किए गए सभी स्वास्थ्य संस्थानों को डिनोटिफाई कर दिया गया है. बता दें कि प्रधान सचिव स्वास्थ्य सुभाशीष पांडा की ओर से ये आदेश जारी किए गए हैं.

आठ महीने में 25 से ज्यादा स्वास्थ्य संस्थान किए थे अपग्रेड

पूर्व की जयराम सरकार के दौरान 8 महीने की अवधि में 25 से ज्यादा स्वास्थ्य संस्थानों को अपग्रेड किया गया था. कुछ स्वास्थ्य उपकेंद्र और PHC नए खोले गए थे. इसमें आठ से ज्यादा संस्थान CHC के रूप में अपग्रेड किए गए थे, लेकिन इन सभी को अब बंद कर दिया गया है.

पूर्व स्थिति में आ गए स्वास्थ्य केंद्र

अस्पताल हो चाहें स्वास्थ्य उपकेंद्र सभी अब पूर्व की स्थिति में ही काम करेंगे. इन्हें अपग्रेड करने के लिए कोई नई भर्तियां भी नहीं की गई थी. इसलिए स्टाफ को युक्तिकरण के जरिए पूर्व की स्थिति में ही इस्तेमाल किया जाएगा. हालांकि इससे पहले राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM sukhwinder singh sukhu) की सरकार ने बागबानी विभाग में नए दफ्तर बंद किए थे और बिजली बोर्ड में भी कई इलेक्ट्रिकल डिवीजन और सर्कल डिनोटिफाई कर दिए थे. अभी अन्य विभागों में भी इस तरह की कार्रवाई होगी. इधर, पूर्व सीएम जयराम ठाकुर (Jai Ram Thakur) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस फैसले को बदले की कार्रवाई बताते हुए कोर्ट जाने की चेतावनी दे चुकी है. इसलिए ये लड़ाई अब लंबी जाने वाली है.

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इतना ही नहीं नई सरकार ने प्रदेश में बिजली बोर्ड के 12 विद्युत मंडल, 17 उपमंडल और तीन ऑपरेशन सर्किल बंद किए. बोर्ड प्रबंधन ने मंगलवार को 32 कार्यालयों को डिनोटिफाई किया और चीफ इंजीनियरों से इन नए कार्यालयों को खोलने पर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है. अब स्थानीय स्तर पर जरूरतों को देखते हुए सरकार इन सभी कार्यालयों की समीक्षा करेगी.

इसके अलावा प्रदेश सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Jai Ram Thakur) समेत पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह और राकेश पठानिया के गृह विधानसभा क्षेत्रों में खोले गए कार्यालय बंद कर दिए हैं. जयराम ठाकुर (Jai Ram Thakur) के चुनाव क्षेत्र से राज्य के तहत थुनाग में खुला डिवीजन भी बंद कर दिया गया है. इसके अलावा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार के चुनाव क्षेत्र सुलाह के नागणी में खुला इलेक्ट्रिकल डिवीजन भी बंद कर दिया गया है.

उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि, प्रदेश भर में भारी मात्रा में पाइपों की खरीद की गई. आलम ये है कि ये पाइप जगह-जगह बिखरे पड़े हैं. उन्होंने कहा कि ये खरीद क्यों की गई और इसके जरिये किसे करोड़ों का लाभ पहुंचाया गया, इसकी पूरी जांच की जाएगी.

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