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पश्चिम बंगाल (West Bengal) के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर राजभवन की एक महिला संविदा कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. महिला ने हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में इसको लेकर शिकायत दर्ज करवाई है. इधर, मामले को लेकर टीएमसी ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस को घेरा है और पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंंत्री अमित शाह से महिला को न्याय दिलाने की मांग की है. वहीं, राज्यपाल ने आरोपों को खारिज किया है. चलिए जानते हैं पूरा मामला क्या है?
हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई अपनी शिकायत में महिला ने दो मीटिंग- एक 24 अप्रैल और दूसरा 2 मई- का जिक्र किया है.
अपनी पुलिस शिकायत में महिला ने कहा कि वह राजभवन में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करती है और स्टाफ क्वार्टर में रहती है.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, महिला ने कहा, 19 अप्रैल को, गवर्नर सर ने मुझे कुछ समय निकालने और अपने सीवी के साथ उनसे मिलने के लिए कहा. 24 अप्रैल को दोपहर करीब 12.45 बजे उन्होंने मुझे अपने ऑफिस में बुलाया और कुछ देर बातचीत के बाद मुझे छुआ. मैं किसी तरह ऑफिस रूम से निकलने में कामयाब रही."
शिकायत में आगे कहा गया, "उन्होंने (राज्यपाल) मेरे प्रमोशन की बात कहकर बातचीत को लम्बा खींच दिया. उन्होंने कहा कि वह मुझे रात में फोन करेंगे और मुझसे किसी को ये बात नहीं बताने के लिए कहा. जब मैंने मना किया तो उन्होंने मुझे छूने की कोशिश की. मैंने विरोध किया और चली आई."
पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, राजभवन के सूत्रों ने आरोप लगाया कि महिला, एक सहकर्मी की मदद से, "भारत के चुनाव आयोग को भेजी जाने वाली शिकायतों (लोगों की) को रोक रही थी." और जब उसे "उसके लिए डांटा गया" तो उसने छेड़छाड़ का आरोप लगाया.
संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राज्यपाल को मिली छूट के बारे में पूछे जाने पर सेंट्रल डिविजन की डिप्टी कमिश्नर इंदिरा मुखर्जी ने कहा, “एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई और हम जांच करने के लिए बाध्य हैं. यह एक संवेदनशील शिकायत है. हम अपने कानून विभाग और संवैधानिक विशेषज्ञों से बात करेंगे. मैं विवरण नहीं दे सकता लेकिन, शिकायत के अनुसार, घटनाएं राजभवन के अंदर हुईं - और एक से अधिक बार. हमने महिला से भी बात की है.”
टीएमसी की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष ने एक्स पर पोस्ट किया: "नरेंद्र मोदी की कोलकाता यात्रा से पहले... एक महिला ने आरोप लगाया है कि जब वह आज (गुरुवार) राजभवन में राज्यपाल से मिलने गई थी तो उसके साथ छेड़छाड़ की गई... चौंकाने वाला और अपमानजनक."
राज्य की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा, “यह क्या है? पीएम आज रात आएंगे और राजभवन में रुकेंगे. इस समय राज्यपाल पर एक महिला पर अत्याचार का आरोप लग रहा है...यह शर्म की बात है."
पश्चिम बंगाल की महिला एवं बाल विकास मंत्री शशि पांजा ने कहा, "यह वही राज्यपाल हैं जो महिलाओं के अधिकारों और नारी शक्ति के बारे में बात करने के लिए संदेशखाली पहुंचे थे. यह शर्मनाक है कि राज्यपाल ने उन्हें स्थायी नौकरी देने के बहाने अनुचित लाभ मांगा. हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो कल बंगाल में रैलियों को संबोधित करेंगे, इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दें.
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पर लगे आरोप को लेकर टीएमसी ने 'एक्स' पर लिखा, "किसी और ने अतीत में इसी तरह की चिंताएं व्यक्त की थीं. अब मुझे पता है, वे सच थी. अगर मैं आज अपनी आवाज नहीं उठाऊंगी, तो अन्य महिलाओं के साथ भी ऐसा ही होगा!" राजभवन छेड़छाड़ मामले में सामने आ रही चौंकाने वाली जानकारी! यौन उत्पीड़न पीड़िता ने खुलासा किया कि और भी महिलाओं को इसी तरह परेशान किया गया!
अगर वे वास्तव में नारी का सम्मान में विश्वास करते हैं तो पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह को इन पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करना चाहिए."
पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा, "हम सभी जानते हैं कि टीएमसी (शिक्षकों की भर्ती) घोटाले के मुद्दे पर राजनीतिक रूप से घिरी हुई है और बचने के लिए विकल्प तलाश रही है. इसलिए यह देखने की जरूरत है कि क्या यह टीएमसी की साजिश है या इसमें थोड़ी भी सच्चाई है."
राजभवन ने गुरुवार रात जारी एक बयान में मंत्री भट्टाचार्य पर पलटवार किया: “राज्यपाल के खिलाफ मानहानि और संविधान विरोधी मीडिया बयानों के लिए… चंद्रिमा भट्टाचार्य को कोलकाता, दार्जिलिंग और बैरकपुर के राजभवन परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. राज्यपाल ने यह भी निर्देश दिया है कि वह मंत्री की मौजूदगी वाले किसी भी समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे. मंत्री के खिलाफ आगे के कानूनी कदमों पर सलाह के लिए भारत के अटॉर्नी जनरल से संपर्क किया गया है.
बयान में कहा गया है कि राज्यपाल ने चुनाव के दौरान राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए अनधिकृत, नाजायज, दिखावटी और प्रेरित 'जांच' की आड़ में राजभवन परिसर में पुलिस के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया.
अपने ऊपर लगे आरोपों पर राज्यपाल ने शुक्रवार (3 मई) को कड़े शब्दों में एक अंग्रेजी ऑडियो संदेश जारी किया. "राजभवन स्टाफ के प्रिय सदस्यों. मैं सभी उदार आरोपों और राजनीतिक ताकत द्वारा मुझ पर बार-बार थोपे गए आरोपों का स्वागत करता हूं. मैं समझता हूं कि अभी और भी बहुत कुछ होने वाला है. लेकिन एक बात स्पष्ट है. कोई भी बेतुका नाटक मुझे भ्रष्टाचार को उजागर करने और हिंसा पर अंकुश लगाने के मजबूत प्रयास से नहीं रोक पाएगा. चरित्र हनन असफल द्वेष का अंतिम उपाय है. जो लोग इन गंदी कहानियों का निर्माण करते हैं उनका चरित्र पूरी तरह से खत्म हो चुका है."
उन्होंने आगे कहा, "मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर मुझे 1943 में बंगाल के अकाल या 1946 के कुख्यात महान कलकत्ता हत्याकांड के लिए दोषी ठहराया जाए. यह राज्य में काम करने वाली राजनीतिक ताकतों की प्रकृति है. कृपया इसे मुझसे ले लें. मैं आराम और विश्राम के लिए बंगाल नहीं आया हूं. मैं समतल जमीन पर चलने के लिए बंगाल नहीं आया हूं. मैं जानता हूं कि बंगाल देखना एक कठिन काम है. मैं पहाड़ पर चढ़ रहा हूं. लोगों का प्यार मुझे प्रेरित करता है."
उन्होंने अंत में कहा, "मैं केवल यह आश्वासन दे रहा हूं कि 'आयी लोराई अमी लोरबो', मैं बंगाल के भाइयों और बहनों के मान-सम्मान के लिए अपनी लड़ाई जारी रखूंगा."
इससे पहले गुरुवार (2 मई) को राज्यपाल ने कहा, ""सत्य की जीत होगी. मैं झूठे राजनीतिक आरोपों से डरता नहीं हूं. अगर कोई मुझे बदनाम करके कुछ चुनावी फायदा चाहता है तो भगवान उनका भला करे. लेकिन वे बंगाल में भ्रष्टाचार और हिंसा के खिलाफ मेरी लड़ाई को नहीं रोक सकते."
बता दें कि इन आरोपों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद मोदी बंगाल दौरे पर हैं. वो शुक्रवार को पूर्वी बर्दवान, नादिया और बीरभूम में चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे.
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