पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार, 6 फरवरी को राज्य की आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं (ASHA) के वेतन में इजाफा करने का ऐलान किया है. वेतन में यह इजाफा अप्रैल महीने से होगा.
सीएम ममता बनर्जी की यह घोषणा ऐसे वक्त में हुई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आगामी लोकसभा चुनावों से पहले कोलकत्ता में कई परियोजनाओं की आधारशिला रखी और कई योजनाओं का लोकार्पण किया.
गौरतलब है कि गुरुवार को विधानसभा में ममता सरकार ने अपने बजट में वेतन बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया था. सरकार के अनुसार, 2 करोड़ 11 लाख महिलाओं को यह लाभ मिल रहा है.
आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं का मासिक वेतन कितना बढ़ा?
वेतन में बढ़ोतरी का ऐलान करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं का मासिक वेतन ₹ 8,250 से बढ़ाकर ₹ 9,000 कर दिया गया है. यानी मासिक वेतन में 750 रुपए की बढ़ोत्तरी की गई है.
इसी के साथ ममता सरकार ने एकीकृत बाल विकास योजना (ICDS) कर्मियों के वेतन में ₹ 500 प्रति माह की बढ़ोतरी की भी घोषणा की है. ICDS कर्मियों को पहले प्रतिमाह 6000 रुपए वेतन के तौर पर मिलते थे. लेकिन अब इस नए बढ़त के साथ उनकि मासिक सैलरी 6500 रुपए हो गई है.
"आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हमारा गौरव"
बंगाल की मुख्यमंत्री ने सैलरी में इजाफा करने का ऐलान करते हुए कहा, "आशा कार्यकर्ता हमारा गौरव हैं, क्योंकि वे बहुत कड़ी मेहनत करते हैं. वे बुरे वक्त में हमारा साथ देती हैं. मुझे ये घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि अप्रैल महीने से उनके वेतन में 750 रुपए की बढ़ोतरी की गई है."
"हमारे ऊपर थोपी गई वित्तीय बाधाओं के बावजूद, हम यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं कि हमारे लोग खुशहाल और समृद्ध जीवन जिएं!"- TMC सुप्रीमों ने एक्स पर लिखा
'लक्ष्मीर भंडार योजना' के मासिक भत्ते में इजाफा
हाल ही में पश्चिम बंगाल बजट विधानसभा में पेश हुआ था जिसमें राज्य सरकार ने समाज कल्याण और रोजगार सृजन की कई नीतियों को भी पेश किया.
पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने 8 फरवरी को विधानसभा में 2024-25 के लिए 3,66,166 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. बजट में महिलाओं के लिए लक्ष्मीर भंडार योजना के तहत मासिक भत्ते में इजाफा किया.
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए 'लक्ष्मीर भंडार योजना' के तहत मासिक वित्तीय मदद को बढ़ाकर 1,200 रुपये कर दिया गया है. जबकि, अन्य श्रेणियों में इसे बढ़ाकर एक हजार रुपये कर दिया गया है.
खादी बुनकरों और मछुआरों को भी तोहफा
राज्य सरकार ने हथकरघा और खादी बुनकरों के लिए भी नई योजना 'पश्चिम बंगाल हथकरघा और खादी बुनकर वित्तीय लाभ योजना 2024' की शुरुआत की. इस योजना के तहत, कारीगरों को 15,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे. कारीगर इस राशि का इस्तेमाल उपकरण खरीदने के लिए या अपने कार्यस्थल के नवीनीकरण के लिए भी कर सकते हैं.
18-60 वर्ष की आयु के रजिस्टर कारीगर और बुनकर की मृत्यु पर, प्राकृतिक कारणों से या दुर्घटना से, आश्रित परिवार के सदस्यों को 2 लाख रुपये का एकमुश्त अनुदान मिलेगा. इस योजना के लिए 60 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है.
राज्य सरकार ने तीन तटीय जिलों पुरबा मेदिनीपुर, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना के प्रत्येक पंजीकृत मछुआरों को दो महीने के लिए 5,000 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता देने के लिए एक नई योजना - समुद्र साथी - की भी घोषणा की. इस योजना से लगभग 2 लाख मछुआरों को लाभ होगा और सरकार ने इसके लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.
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