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कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक से पहले काफी ज्यादा हंगामा हुआ. कई पार्टी नेताओं ने बैठक में उठाए गए सवालों को सार्वजनिक किया और कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल खड़े किए. लेकिन आखिरकार बैठक में ये फैसला हुआ कि फिलहाल सोनिया गांधी ही कांग्रेस की कमान संभालेंगीं. CWC बैठक के बाद कांग्रेस की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया गया कि नेताओं को मीडिया और सार्वजनिक तौर पर अपने मुद्दे उठाने की जरूरत नहीं है, वो इसके लिए पार्टी फोरम में आ सकते हैं.
पार्टी प्रवक्त रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहाा, कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने सोनिया गांधी की तरफ से महासंगठन सचिव को लिखे गए पत्र और कुछ नेताओं की तरफ से सोनिया गांधी को लिखे पत्र पर चर्चा की. जिसमें कहा गया कि पिछले 6 महीने में देश पर कई विपत्तियां आई हैं, जिनमें कोरोना, आर्थिक संकट, करोड़ों रोजगारों का कम होना, चीन का भारत की सीमा पर कब्जा और सरकार की विभाजनकारी राजनीति देखी गई. जिसका सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी ने जमकर विरोध किया. उन्होंने कहा,
सुरजेवाला ने बताया कि, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के प्रयासों को प्रबल करने का संकल्प लेने के लिए ये बैठक बुलाई गई थी. पार्टी में मतभेदों को लेकर सुरजेवाला ने कहा, पार्टी को कमजोर करने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती है. हर कांग्रेस नेता की जिम्मेदारी है कि मोदी सरकार द्वारा जनता के हितों पर किए जा रहे हमलों का डटकर सामना करे.
पार्टी प्रवक्ता ने कांग्रेस में फूट की खबरों को लेकर कहा कि, हम सभी भावनाओं का सम्मान करते हैं. अगर किसी के मन में भी किसी तरह की दुर्भावना थी तो सोनिया गांधी की टिप्पणियों के बाद वो खत्म हो चुका है. अब पूरा परिवार एक साथ है. इसीलिए अब इसे भूलकर आगे बढ़ना चाहिए. सुरजेवाला ने आगे कहा,
"पार्टी के अंदरूनी मामलों पर विचार विमर्श मीडिया के जरिए व सार्वजनिक पटल पर नहीं हो सकता है. पार्टी से संबंधित मुद्दों को पार्टी के सामने ही रखा जाना चाहिए. पार्टी में अब जरूरी संगठनात्मक कदम उठाए जाएंगे. सभी नेताओं ने ये अपील की है कि अगले कांग्रेस अधिवेशन तक सोनिया गांधी अध्यक्ष के तौर पर पार्टी का नेतृत्व करें."
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Published: 24 Aug 2020,07:26 PM IST