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10 नवंबर 2022 को, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली सरकार की शराब नीति में कथित अनियमितताओं के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरबिंदो फार्मा के निदेशक पी सरथ चंद्र रेड्डी को गिरफ्तार किया. पांच दिन बाद, 15 नवंबर को, अरबिंदो फार्मा ने 5 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदकर चुनावी चंदा दिया.
फिर, मई 2023 में, दिल्ली हाईको्रट ने रेड्डी को मेडिकल आधार पर जमानत दे दी. एक महीने बाद, जून 2023 में, ईडी ने रेड्डी को माफ करने और उन्हें मामले में 'अनुमोदनकर्ता' बनाने के लिए अदालत के समक्ष एक याचिका दायर की. 'अनुमोदनकर्ता' बनने का अर्थ है कि रेड्डी स्वेच्छा से नीति में सभी अनियमितताओं का खुलासा करेंगे.
यह वह टाइमलाइन है, जो गुरुवार को भारतीय चुनाव आयोग (ECI) द्वारा जारी भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चुनावी बॉन्ड डेटा के गहन अध्ययन से सामने आई है.
अरबिंदो फार्मा हैदराबाद स्थित बड़ी फार्मास्युटिकल है, जिसकी स्थापना 1986 में हुई थी. कंपनी का नाम कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले के संबंध में सामने आया था, जिसमें दिल्ली सरकार के सदस्य प्राथमिक आरोपी हैं.
ईडी ने अदालत को बताया था कि रेड्डी "किंगपिनों में से एक" और "कार्टेलाइजेशन का प्रमुख लाभार्थी" था, जिसका कार्टेल समूह "दिल्ली के शराब बाजार का 30 प्रतिशत नियंत्रित करता था".
(कार्टेलाइजेशन:- ‘उत्पादकों, विक्रेताओं, वितरकों या सेवा प्रदाताओं का ऐसा संगठन जो आपसी समझौते के माध्यम से सेवाओं या वस्तुओं के उत्पादन, वितरण, व्यापार, बिक्री और मूल्य को सीमित व नियंत्रित करने का प्रयास करता है.)
सरथ रेड्डी पी वी राम प्रसाद रेड्डी के बेटे हैं, जिन्होंने अरबिंदो फार्मा की स्थापना की थी, और वह सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक के नित्यानंद रेड्डी के दामाद भी हैं.
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के साथ उनके अप्रत्यक्ष संबंध को देखते हुए, सारथ रेड्डी की गिरफ्तारी का राजनीतिक महत्व भी था. सरथ के भाई की शादी वाईएसआरसीपी सांसद विजय साई रेड्डी की बेटी से हुई है. विजय साई रेड्डी को आंध्र प्रदेश के सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी के करीबी सहयोगी के रूप में देखा जाता है.
नवंबर 2022 में सरथ रेड्डी की गिरफ्तारी के बाद, अरबिंदो फार्मा ने एक बयान जारी कर कहा, "कंपनी को पता चला है कि सरथ की गिरफ्तारी किसी भी तरह से अरबिंदो फार्मा लिमिटेड या उसकी सहायक कंपनियों के संचालन से जुड़ी नहीं है."
फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक, सरथ की गिरफ्तारी के बाद अरबिंदो फार्मा के शेयरों में 11.69 फीसदी की गिरावट आई है. हालांकि, इसने कंपनी को रेड्डी की गिरफ्तारी के सिर्फ पांच दिन बाद 5 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड के जरिए डोनेशन करने से नहीं रोका.
अरबिंदो फार्मा ने अप्रैल 2021 से नवंबर 2023 के बीच कुल 52 करोड़ रुपये का चंदा दिया. ईडी के केस में सरकारी गवाह बनने के पांच महीने बाद नवंबर 2023 में सबसे बड़ी किस्त (25 करोड़ रुपये) आई.
क्विंट हिंदी ने अरबिंदो फार्मा को ईमेल लिखकर जवाब मांगा है. प्रतिक्रिया मिलने पर रिपोर्ट अपडेट की जाएगी.
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