advertisement
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की गोला गोकर्णनाथ विधानसभा सीट (Gola Gokarannath By Election) पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने बाजी मारी है. बीजेपी उम्मीदवार अमन गिरी (Aman Giri) ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार विनय तिवारी (Vinay Tiwari) को हरा दिया है.
चलिए आपको बताते हैं 5 बड़े कारण जिसकी वजह से एसपी को हार का सामना करना पड़ा.
सीएम का प्रचार: बीजेपी किसी भी चुनाव को हल्के में नहीं लेती है. यूपी में एक सीट पर उपचुनाव था, लेकिन यहां भी सीएम योगी आदित्यनाथ प्रचार करने पहुंचे. उनके अलावा कई कद्दावर मंत्री भी गोला पहुंचे थे. सीएम योगी ने जनता से गन्ना भुगतान के साथ ही छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध गोला में कोरिडोर निर्माण का भी वादा किया था.
सहानुभूति वोट मिला: अरविंद गिरी के निधन के बाद बीजेपी ने उनके बेटे अमन गिरी को टिकट दिया. इससे अमन गिरी को लोगों की सहानुभूति भी मिली. जिससे जीत में मदद मिली.
वहीं एसपी उम्मीदवार विनय तिवारी 2012 के इतिहास को नहीं दोहरा पाए. उन्हें लगातार तीसरी बार इस सीट से हार का सामना करना पड़ा है. इससे पहले बीजेपी लहर में उन्हें 2017 और 2022 में हार का सामना करना पड़ा था.
गोला गोकर्णनाथ उपचुनाव के रण में एसपी प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने प्रचार नहीं किया. इसे भी एसपी उम्मीदवार की हार का एक कारण माना जा रहा है. दरअसल, इससे पहले भी अखिलेश ने आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान प्रचार नहीं किया था. लेकिन इस बार अखिलेश पारिवारिक वजहों से भी उपचुनाव में अपनी सक्रियता नहीं दिखा पाए. समाजवादी पार्टी संस्थापक और अपने पिता मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के निधन के बाद से वे राजनीति से दूरी रहे और उपचुनाव को लेकर भी एक्टिव भी नहीं दिखे.
बीजेपी ने गोला सीट पर प्रचार के लिए 40 स्टार प्रचारकों को फौज को मैदान में उतारा था. प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी वहां हफ्ते भर तक डेरा डाले रहे. जबकि एसपी की ओर से कोई बड़ा चेहरा नहीं दिखा.
गोला गोकर्णनाथ विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या करीब 4 लाख है. इसमें पिछड़ी जातियां करीब 1.46 लाख, दलित 1.27 लाख और मुस्लिम 75 हजार हैं. जातिगत आधार पर दलितों के अलावा कुर्मी और ब्राह्मण मतदाताओं का यहां प्रभाव है. मुस्लिम वोट भी यहां काफी अहमियत रखता है.
गोला गोकर्णनाथ को छोटी काशी भी कहते हैं. सीएम योगी ने विधानसभा चुनाव के दौरान छोटी काशी कॉरिडोर बनाने का वादा किया था. उपचुनाव से पहले भी उन्होंने हिंदुत्व कार्ड खेलते हुए छोटी काशी कॉरिडोर निर्माण के वादे को दोहराया. उन्होंने कहा था कि काशी की तर्ज पर ही यहां भी कॉरिडोर का निर्माण होगा और वह भूमि पूजन करने फिर आएंगे.
समाजवादी पार्टी ने उपचुनाव से पहले जोर-शोर से किसानों का मुद्दा उठाया था. यहां गन्ने की कीमत एक बड़ा मुद्दा था. लेकिन एसपी इसे भी भुनाने में नाकाम रही. चुनाव प्रचार के दौरान सीएम योगी द्वारा भुगतान के ऐलान के बाद ये मुद्दा भी खत्म हो गया.
उपचुनाव में लगातार हार के बाद समाजवादी पार्टी की रणनीति पर सवाल उठने लगे हैं. गोला गोकर्णनाथ से पहले एसपी को आजमगढ़ और रामपुर में भी हार का सामना करना पड़ा था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 06 Nov 2022,02:09 PM IST