मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019उत्तर प्रदेश, MP, गुजरात के बाद अब कर्नाटक में पास हुआ एंटी कंवर्जन बिल

उत्तर प्रदेश, MP, गुजरात के बाद अब कर्नाटक में पास हुआ एंटी कंवर्जन बिल

कर्नाटक के कानून और संसदीय कार्य मंत्री मधुस्वामी ने कहा कि बिल पहली बार 2016 में कांग्रेस द्वारा पेश किया गया था.

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>कर्नाटक विधानसभा से एंटी कंवर्जन बिल पारित</p></div>
i

कर्नाटक विधानसभा से एंटी कंवर्जन बिल पारित

(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

कथित लव जिहाद (Love Jihad) को रोकने और जबरन धर्मांतरण के मामलों को रोकने के लिए धार्मिक स्वतंत्रता संरक्षण विधेयक, 2021 या एंटी कंवर्जन बिल (Anti Conversion Bill) को कर्नाटक (Karnataka) विधानसभा से गुरुवार, 23 दिसंबर पारित कर दिया गया है.

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात के बाद कर्नाटक धर्मांतरण को लेकर विधेयक पारित करने वाला चौथा राज्य बन चुका है.

कर्नाटक के कानून और संसदीय कार्य मंत्री जेसी मधुस्वामी ने विधानसभा सत्र के दौरान कहा कि, बिल पहली बार 2016 में कांग्रेस सरकार द्वारा पेश किया गया था.

इन दावों का खंडन करते हुए कांग्रेस नेता और कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि "2016 में तैयार किया गया बिल "वर्तमान राज्य सरकार ने 2021 में जो मसौदा तैयार किया है, उससे पूरी तरह से अलग है".

सिद्धारमैया ने आगे कहा कि विधेयक की धारा तीन में 'धर्मांतरण के लिए शादी' को अपराध घोषित किया गया है जो कांग्रेस द्वारा लाए गए विधेयक का हिस्सा नहीं है.

उस मसौदे को कभी भी कैबिनेट में पेश नहीं किया गया था. इस पर चर्चा नहीं हुई थी और न ही इसे सहमति दी गई थी. इस पर ध्यान देने से पहले ही विधेयक को रद्द कर दिया गया था. बीजेपी सरकार के बिल के अनुसार निर्दोष साबित होने तक आरोपी दोषी कहलता है "संदेह का लाभ आरोपी को नहीं दिया जाता है. सबूत का भार आरोपी पर रहता है.
सिद्धारमैया, पूर्व सीएम
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

विधेयक पेश करते हुए गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि, ये किसी की भी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए नहीं है. कुछ राज्यों ने पहले ही इस तरह के कानून को पारित कर दिया है. उन्होंने कहा, "हमारे एक विधायक हैं, जिन्होंने अपनी मां के धर्म परिवर्तन की शिकायत की थी. विधेयक जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए है."

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि, ये बिल किसी भी समुदाय को निशाना बनाने के लिए नहीं केवल जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए है.

पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि बीजेपी न तो ईसाइयों के खिलाफ है और न ही मुसलमानों के, उन्होंने कहा, "ये विधेयक केवल एक धर्म से दूसरे धर्म में जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए है. व्यक्तिगत लाभ के लिए विधेयक का विरोध नहीं किया जाना चाहिए." येदियुरप्पा ने कहा कि जो लोग स्वेच्छा से अपना धर्म परिवर्तन करना चाहते हैं वे विधेयक से प्रभावित नहीं होंगे.

अल्पसंख्यकों को निशाना बनाएगा बिल - सिद्धारमैया

इस बीच कांग्रेस के सिद्धारमैया ने कहा कि विधेयक ईसाइयों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाएगा. उन्होंने कहा कि सबसे अधिक प्रभावित दलित होंगे जो जातिगत भेदभाव से बचने के लिए दूसरे धर्मों में परिवर्तित हो जाते हैं. महात्मा गांधी का हवाला देते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि अगर लोगों पर धार्मिक हमले या भेदभाव नहीं किया जाए तो हिंदू धर्मांतरण करने से बचेंगे.

सत्र के दौरान सिद्धारमैया ने कहा, "यह एक अमानवीय और असंवैधानिक कानून है" जबकि महिलाओं और अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण सहित कई मुद्दे हैं जिन पर सरकार को ध्यान देना चाहिए, बीजेपी सरकार ने धर्मांतरण विरोधी विधेयक लाकर सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने का फैसला किया है.

उन्होंने आगे कहा कि यह विधेयक उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में पारित किए गए बिल की तरह है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT