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उत्तर प्रदेश की बहुप्रतिक्षित सीट अमेठी पर आखिरकार शुक्रवार (3 मई) को कांग्रेस (Congress) ने सस्पेंस खत्म कर दिया. राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा के अमेठी से चुनाव लड़ने के खबरों के बीच कांग्रेस ने नए चेहरे किशोरी लाल शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाने का ऐलान किया. अमेठी में पिछले 25 सालों में ऐसा पहला मौका है, जब कोई गैर गांधी परिवार का सदस्य कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में है.
किशोरी लाल शर्मा मूल रूप से पंजाब के लुधियाना के रहने वाले हैं. उन्हें गांधी परिवार का वफादार माना जाता है. वह रायबरेली में कांग्रेस पार्टी और सोनिया गांधी की अनुपस्थिति में उनके प्रबंधक रहे हैं.
शर्मा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी थे और 1991 में उनकी मृत्यु के बाद, गांधी परिवार के साथ उनका रिश्ता और मजबूत हो गया. वह पहली बार 1983 में अमेठी आए थे और तब से वह कांग्रेस पार्टी के लिए इस निर्वाचन क्षेत्र में काम कर रहे हैं.
2004 में सोनिया गांधी द्वारा बेटे राहुल गांधी के लिए अपनी सीट खाली करने और रायबरेली चले जाने के बाद, शर्मा ने उत्तर प्रदेश के दोनों निर्वाचन क्षेत्रों अमेठी और रायबरेली में पार्टी के मामलों का प्रबंधन देखना शुरू किया था.
टिकट मिलने के बाद किशोरी लाल शर्मा ने ANI से कहा,"मैं मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को उनकी पारंपरिक सीट से चुनाव लड़ने का मौका देने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं. मैं बहुत मेहनत करूंगा. (वोटों के बारे में) कोई कुछ भी भविष्यवाणी नहीं कर सकता. मैं आज प्रियंका गांधी से मिलूंगा."
राहुल गांधी के सवाल पर किशोरी लाल शर्मा ने कहा, "राहुल गांधी रण छोड़कर भागने वालों में से नहीं हैं. वो पूरे देश के लिए लड़ रहे हैं."
किशोरी लाल शर्मा को प्रत्याशी बनाए जाने पर प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक्स पर लिखा, "किशोरी लाल शर्मा जी से हमारे परिवार का वर्षों का नाता है. अमेठी, रायबरेली के लोगों की सेवा में वे हमेशा मन-प्राण से लगे रहे. उनका जनसेवा का जज्बा अपने आप में एक मिसाल है. आज खुशी की बात है कि किशोरी लाल जी को कांग्रेस पार्टी ने अमेठी से उम्मीदवार बनाया है. किशोरी लाल जी की निष्ठा और कर्तव्य के प्रति उनका समर्पण अवश्य ही उन्हें इस चुनाव ने सफलता दिलाएगा. ढेर सारी शुभकामनायें."
बता दें कि 2019 तक अमेठी गांधी परिवार का गढ़ था. यहां 2019 में कांग्रेस के दिग्गज राहुल गांधी बीजेपी नेता स्मृति ईरानी से आम चुनाव हार गए. कांग्रेस नेता ने 2004 से 2019 तक लोकसभा में अमेठी का प्रतिनिधित्व किया.
1967 से जब से अमेठी सीट अस्तित्व में आई थी, जब से ये कांग्रेस या कहें की गांधी परिवार का गढ़ बन गई थी. साल 1977, 1998 और 2019 को अगर छोड़ दें, यहां से हमेशा कांग्रेस की जीत हुई है.
साल 1980 में संजय गांधी यहां से चुनाव जीते थे, इसके बाद 1981 से 1991 तक राजीव गांधी और फिर 1999 में सोनिया गांधी यहां से जीतकर संसद पहुंची थी.
अमेठी में पांचवें चरण में यानी 20 मई को चुनाव होना है.
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Published: 03 May 2024,10:28 AM IST