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Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में सोमवार, 13 मई को वोट डाले जा रहे हैं. इसमें 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 93 सीटों पर जनता 1717 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेगी. चौथे चरण की वोटिंग खत्म होने के साथ देश की कुल 543 लोकसभा सीटों में से 376 पर जनता का मत EVM में कैद हो जाएगा.
हर चरण की तरह इस चरण में भी कई VIP चुनावी मैदान में ताल ठोकेंगे तो कई सीटें ऐसे कड़े चुनावी मुकाबले की वजह से हॉट रहेंगी.
चलिए इस आर्टिकल में आपको ऐसी हॉट सीटों से रूबरू कराते हैं.
सबसे पहले आपको बताते हैं कि चौथे चरण में किन राज्यों की कितनी सीटों पर वोट डाले जाएंगें?
अब एक-एक करके राज्यवार हॉट सीटों की बात करते हैं.
पश्चिम बंगाल की जिन 8 सीटों पर चौथे चरण में वोट डाले जाएंगे, उन पर 2019 में ममता बनर्जी की टीएमसी ने चार सीटें, बीजेपी ने तीन सीटें और कांग्रेस ने एक सीट जीती थी. हालांकि आसनसोल से बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो के इस्तीफा देकर टीएमसी में शामिल होने के बाद आसनसोल में उपचुनाव हुए. इस सीट से टीएमसी उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा ने जीत हासिल की थी.
राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी बहरामपुर से चुनाव लड़ेंगे. यहां उनका मुकाबला पूर्व वर्ल्ड कप विजेता क्रिकेटर और टीएमसी उम्मीदवार यूसुफ पठान से होगा. वहीं टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा कृष्णानगर से और शत्रुघ्न सिन्हा आसनसोल से चुनाव लड़ेंगे.
बीजेपी को आसनसोल सीट से अपना उम्मीदवार बदलना पड़ा था. पार्टी ने पहले भोजपुरी गायक और एक्टर पवन सिंह को मैदान में उतारा था जिस पर खूब बवाल हुआ. आरोप लगे कि उनके कुछ गाने बंगाली महिलाओं के लिए अपमानजनक थे. फिर बीजेपी ने इस सीट से दो बार के पार्टी सांसद एस.एस. अहलूवालिया को उम्मीदवार बनाया.
पूर्व प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष बर्धमान दुर्गापुर से मैदान में हैं. उनके सामने होंगे तृणमूल कांग्रेस से कीर्ति आजाद, जो 1983 की विश्व विजेता क्रिकेट टीम के आक्रामक बल्लेबाज थे. दिलीप घोष ने पिछला लोकसभा चुनाव मेदिनीपुर से जीता था लेकिन इस बार उनकी सीट बदली गई है.
चौथे चरण में यूपी के अंदर शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, धौरहरा, सीतापुर, हरदोई, मिश्रिख, उन्नाव, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, कानपुर, अकबरपुर और बहराइच में मतदान होना है.
एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को कन्नौज में बीजेपी के सुब्रत पाठक के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था. इस बार सबकी निगाहें फिर से कन्नौज पर हैं और इस सीट पर सुब्रत पाठक के खिलाफ अखिलेश यादव ही चुनाव लड़ रहे हैं.
लखीमपुर खीरी निर्वाचन क्षेत्र में बीजेपी के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा 'टेनी' का सीधा मुकाबला एसपी के उत्कर्ष वर्मा से है. अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा लखीमपुर खीरी हिंसा का मुख्य आरोपी है, जिसमें जीप से कुचलकर किसानों की मौत हुई थी.
उन्नाव में बीजेपी के साक्षी महाराज, एसपी की अन्नू टंडन और बीएसपी के अशोक पांडे के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है.
कुल 40 लोकसभा सीटों वाले राज्य, बिहार में चौथे चरण में दरभंगा, उजियारपुर, समस्तीपुर, बेगुसराय और मुंगेर में वोट डाले जाएंगे.
मुंगेर लोकसभा सीट से जेडीयू ने राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को उम्मीदवार बनाया है. ललन सिंह ने यहां से 2019 में जीत दर्ज की थी. वहीं आरजेडी ने इस सीट से बाहुबली अशोक महतो की पत्नी अनीता देवी को मैदान में उतारा है. पिछले चुनाव में ललन सिंह ने बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को हराया है. नीलम देवी आरजेडी के टिकट पर विधायक बनीं और फिर इसी साल जेडीयू में शामिल हो गईं. अनंत सिंह भी अब नीतिश कुमार के साथ हैं.
समस्तीपुर सीट पर पिछले 10 साल से लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) का कब्जा है. इस बार एलजेपी टूट गई है. चिराग पासवान ने यहां से शांभवी चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है. शांभवी चौधरी जेडीयू नेता अशोक चौधरी की बेटी हैं. कांग्रेस ने सन्नी हजारी को मैदान में उतारा है.
तेलंगाना की सभी 17 संसदीय सीटों पर 13 मई को लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में मतदान होगा. 2019 में भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने 17 में से 9 सीटें जीती थीं. बीजेपी ने चार सीटें जीतीं, कांग्रेस ने 3 और असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM ने एकमात्र हैदराबाद सीट जीती.
हैदराबाद में बीजेपी ने मौजूदा सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ क्लासिकल डांसर माधवी लता को मैदान में उतारा है. हैदराबाद AIMIM का गढ़ रहा है और 2004 के बाद से ओवैसी ने चार बार यह सीट जीती है. 2014 से पहले, ओवैसी के पिता सुल्तान सलाहुद्दीन ओवैसी ने छह बार लोकसभा में हैदराबाद का प्रतिनिधित्व किया था.
सिकंदराबाद में बीजेपी ने मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को तीसरी बार मैदान में उतारा है. जी किशन रेड्डी BRS के टी पद्मा राव गौड़ और कांग्रेस के दानम नागेंद्र के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.
करीमनगर में, बीजेपी के पूर्व राज्य प्रमुख और मौजूदा सांसद बंदी संजय कुमार बीआरएस के बी विनोद कुमार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.
आंध्र प्रदेश में सभी 25 लोकसभा सीटों पर 13 मई को लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के दौरान मतदान होगा. उसी दिन इस दक्षिणी राज्य में 175 सीटों पर विधानसभा चुनाव 2024 भी होंगे.
2019 के आम चुनावों के दौरान, मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली YSRCP 25 में से 22 सीटें जीतकर राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की TDP महज तीन सीटों पर सिमट गई. बीजेपी और कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला. इस बार आंध्र प्रदेश में त्रिकोणीय मुकाबला है
YSRCP
बीजेपी, TDP और पवन कल्याण की जन सेना पार्टी को मिलाकर NDA
कांग्रेस के नेतृत्व वाली इंडिया ब्लॉक
कडप्पा में YSRCP के दो बार के मौजूदा सांसद वाईएस अविनाश रेड्डी और उनकी चचेरी बहन वाईएस शर्मिला रेड्डी के बीच एक बड़ी राजनीतिक लड़ाई देखी जा रही है. शर्मिला रेड्डी मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की छोटी बहन और आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष हैं.
बीजेपी ने राजमपेट से पूर्व मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी को YSRCP के पीवी मिधुन रेड्डी के खिलाफ मैदान में उतारा है, जो इस सीट से लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं.
चौथे चरण में महाराष्ट्र की 11 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा. ये लोकसभा क्षेत्र हैं नंदुरबार, जलगांव, रावेर, जालना, औरंगाबाद, मावल, पुणे, शिरूर, अहमदनगर, शिरडी और बीड.
बीड में बीजेपी की पंकजा मुंडे का मुकाबला NCP (शरद पवार गुट) के बजरंग सोनावणे से होगा. औरंगाबाद और मावल में मुकाबला शिव सेना vs शिवसेना का है. औरंगाबाद में शिंदे गुट के संदीपनराव भुमरे का मुकाबला उद्धव गुट के चंद्रकांत खैरे से होगा. मावल में शिंदे गुट के श्रीरंग बार्ने के सामने उद्धव गुट के संजोग वाघेरे पाटिल होंगे.
चौथे चरण में मध्य प्रदेश की 8 सीटों पर वोटिंग के साथ सूबे की सभी 29 सीटों पर वोटिंग खत्म हो जाएगी. यहां देवास, उज्जैन, इंदौर, मंदसौर, रतलाम, धार, खरगोन और खंडवा सीट पर वोट डाले जाने हैं. 2019 में बीजेपी को इन सभी पर जीत मिली थी. दरअसल पार्टी ने सूबे की 29 में से 28 सीटों पर जीत का परचम लहराया था.
इनमें सबसे अधिक चर्चा में रही इंदौर सीट. कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम के बीजेपी में शामिल होने के बाद से ही इंदौर की राजनीति गर्मा गई. सूरत के बाद यहां भी कांग्रेस बिना चुनाव लड़े ही हार गई है.
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