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भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आगामी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट का ऐलान कर दिया है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पार्टी रणनीतिक रूप से कांग्रेस पर बढ़त हासिल करने के लिए खुद को तैयार कर रही है. बीजेपी ने उन 39 सीटों के लिए उम्मीदवारों का ऐलान किया है, जिन पर 2018 के साथ-साथ 2013 के विधानसभा चुनावों में भी हार मिली थी,
बीजेपी ने चुनाव की तारीखों के औपचारिक ऐलान से पहले ही अपनी प्रारंभिक उम्मीदवार लिस्ट जारी करके अपनी पारंपरिक प्रथा को बदल दिया है.
पार्टी के सूत्रों ने द क्विंट को बताया कि इस कदम से उम्मीदवारों को पता चलेगा कि सलेक्शन प्रोसेस का संचालन केंद्रीय नेतृत्व कर रहा है. उनका कहना है कि चुनाव उम्मीदवार की जीत की अनुमानित संभावना पर आधारित होते हैं.
सूबे के सीनियर जर्नलिस्ट सुधीर दंडोतिया ने भी बीजेपी सूत्रों से सहमति जताते हुए कहा कि पार्टी अपने उम्मीदवारों को प्रचार के लिए पर्याप्त समय देना चाहती है.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जहां तक मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 का सवाल है, अगर हम कहें कि सभी सीटें हॉट सीटें हैं, तो यह ज्यादा नहीं होगा.
ऐलान किए गए उम्मीदवारों में पांच निर्वाचन क्षेत्रों में कड़ी टक्कर होने की उम्मीद है.
1.शाहपुरा: डिंडोरी जिले में ओम प्रकाश धुर्वे का शाहपुरा निर्वाचन क्षेत्र एक हॉट सीट बन गया है, क्योंकि लिस्ट के ऐलान के बाद धुर्वे ने कहा कि वह डिंडोरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते हैं.
धुर्वे को 2018 में शाहपुरा सीट से मैदान में उतारा गया था, जहां वह कांग्रेस के भूपेन्दे मरावी से 33 हजार से ज्यादा वोटों से हार गए थे.
2. चाचौड़ा: गुना के चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह और पूर्व कांग्रेस लीडर प्रियंका मीना के बीच मुकाबला होगा. प्रियंका इस साल फरवरी में बीजेपी में शामिल हो गईं.
3. भोपाल मध्य: बीजेपी ने इस सीट से ध्रुव नारायण सिंह की उम्मीदवारी का ऐलान किया है. यह निर्वाचन क्षेत्र 2008 में बनाया गया था और उस समय ध्रुव नारायण ने जीत हासिल की थी. अब एक दशक बाद बीजेपी ने उन पर फिर से भरोसा जताया है.
एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री गोविंद नारायण सिंह के बेटे ध्रुव नारायण बीजेपी नेता हैं, जो 2011 में भोपाल के कोह-ए-फिजा इलाके में RTI वर्कर शेहला मसूद की हत्या और मुख्य आरोपियों में से एक जाहिदा की गिरफ्तारी के बाद सुर्खियों में आए थे.
भोपाल में राजनीति कवर करने वाले एक सीनियर जर्नलिस्ट ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि
4. भोपाल उत्तर: भोपाल में कुल सात विधानसभा सीटें शामिल हैं, जिनमें से 2018 के चुनावों में बीजेपी ने चार और कांग्रेस ने तीन सीटों पर फतह हासिल की. भोपाल में अगली सीट, जहां बीजेपी ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है, वह भोपाल उत्तर सीट है.
हालांकि स्थानीय निवासियों ने बीते दिनों आरिफ अकील के लिए वफादारी निभाई है लेकिन उनके बीच इस बात को लेकर कशमकश है कि क्या यह यकीन उनके बेटे तक बढ़ेगा.
विपक्ष की ओर से बीजेपी ने इस सीट पर पूर्व मेयर आलोक शर्मा को उम्मीदवार बनाया है. गौरतलब है कि 2008 में आलोक शर्मा को पांच हजार से भी कम वोटों के मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा था.
5. गोहद: 39 सीटों में से भिंड की गोहद विधानसभा सीट भी चुनाव की हॉट सीटों में से एक मानी जा रही है. क्योंकि बीजेपी ने सिंधिया के वफादार रणवीर जाटव को टिकट देकर लाल सिंह आर्य को मैदान में उतारा है, जो 2018 के चुनाव में जाटव से लगभग 20 हजार वोटों से हार गए थे.
भिंड के पत्रकारों की राय है कि बीजेपी ने सिंधिया के वफादारों को एक मैसेज दिया है कि उनका भविष्य सिर्फ इसलिए सुरक्षित नहीं है क्योंकि उन्होंने कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने में मदद की.
2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी नेता लाल सिंह आर्य को हराने वाले सिंधिया के वफादार रणवीर जाटव को आगामी चुनाव में लड़ने के लिए नॉमिनेट नहीं किया गया था. इसके बजाय, जाटव से हारे आर्य को बीजेपी ने तरजीह दी.
कांग्रेस प्रवक्ता आनंद जाट कहते हैं...
हालांकि, उपचुनाव में हारने वाले एक अन्य सिंधिया समर्थक एदल सिंह कंसाना टिकट हासिल करने में कामयाब रहे. बीजेपी पार्टी के एक सूत्र ने सिंधिया के वफादारों की उपेक्षा के दावों का खंडन किया और कहा कि गुटबाजी के लिए जगह के बिना, योग्यता के आधार पर टिकट दिए जाते हैं.
पार्टी सूत्र ने कहा कि हम किसी के प्रति वफादार जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करते हैं. प्रत्येक पार्टी कार्यकर्ता बीजेपी पार्टी का वफादार है और टिकट केवल उम्मीदवार की योग्यता और जीतने की क्षमता के आधार पर दिए जा रहे हैं.
ग्वालियर पूर्व से मुन्नालाल गोयल, डबरा से पूर्व मंत्री इमरती देवी, मुरैना से रघुराज कंसाना, दिमनी से गिरिराज दंडोतिया और करेरा से जसवंत जाटव जैसे सिंधिया के वफादार भी अनिश्चित भविष्य की ओर नजर गड़ाए हुए हैं.
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