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मायावती ने समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन को लेकर बड़ा फैसला किया है. मायावती ने 2019 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में गठबंधन को कम सीटें आने का ठीकरा अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी पर फोड़ा है. मायावती ने ऐलान किया कि आने वाले उपचुनाव में बीएसपी अकेले चुनाव लड़ेगी.
वहीं मायावती के बयान के ठीक बाद अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. अखिलेश यादव ने कहा कि 2022 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी.
मायावती ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन और अखिलेश यादव के बारे में कहा:
मायावती ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि चुनाव नतीजों से साफ है कि समाजवादी पार्टी का बेस वोट भी उसकेे साथ खड़ा नहीं रह सका है. उन्होंने कहा:
मायावती ने गठबंधन पर कहा कि हमने पार्टी की समीक्षा बैठक में पाया कि बीएसपी कैडर आधारित पार्टी है और खास मकसद से एसपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा गया था, लेकिन हमें सफलता नहीं मिल पाई है. एसपी के कैडर को भी बीएसपी की तरह तैयार रहने की जरूरत है. इस बार के चुनाव में एसपी ने यह मौका गंवा दिया है.
मायावती ने कहा कि उपचुनाव में हमारी पार्टी ने कुछ सीटों पर अकेले लड़ने का फैसला किया है, लेकिन गठबंधन पर फुल ब्रेक नहीं लगा है.
मायावती ने कहा:
मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल उनका खूब सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा, ''वह दोनों मुझे अपना बड़ा और आदर्श मानकर इज्जत देते हैं और मेरी ओर से भी उन्हें परिवार के तरह ही सम्मान दिया गया है.''
मायावती के बाद अखिलेश यादव ने भी अकेले लड़ने की बात की. उन्होंने कहा,
बता दें, यूपी में बीएसपी-एसपी और राष्ट्रीय लोकदल ने साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था. एसपी 37, बीएसपी 38 और आरएलडी 3 सीटों पर चुनाव लड़े थे. वहीं अमेठी और रायबरेली सीट पर गठबंधन ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था.
उत्तर प्रदेश में बीएसपी ने 10 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की है. वहीं, समाजवादी पार्टी के हिस्से सिर्फ पांच सीटें आई हैं. वहीं बीजेपी को 61 सीटों पर जीत हासिल हुई थी.
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