मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019स्मृति ईरानी को जीतकर भी वो इनाम नहीं मिला जो हारकर मिला था

स्मृति ईरानी को जीतकर भी वो इनाम नहीं मिला जो हारकर मिला था

पिछली सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री रह चुकी हैं स्मृति

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Published:
मोदी सरकार 2.0 में स्मृति ईरानी को मिला है महिला एवं बाल कल्याण और कपड़ा मंत्रालय
i
मोदी सरकार 2.0 में स्मृति ईरानी को मिला है महिला एवं बाल कल्याण और कपड़ा मंत्रालय
null

advertisement

बीजेपी नेता स्मृति ईरानी को पीएम मोदी की नई कैबिनेट में महिला और बाल कल्याण मंत्रालय मिला है. सत्ता के गलियारों में कई लोग इसे सरप्राइज के तौर पर देश रहे हैं. एनडीए की पिछली सरकार में स्मृति सूचना-प्रसारण और मानव संसाधन जैसे बड़े मंत्रालय संभाल चुकी हैं. उनके पास कपड़ा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी है. पिछली सरकार में भी वो कपड़ा मंत्री रह चुकी हैं.

अमेठी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हराने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि स्मृति ईरानी को बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी. कुछ लोग हैरानी जता रहे हैं कि स्मृति को पिछली बार हारने के बाद जो इनाम मिला था वो इस बार जीतने के बाद भी नहीं मिला.

हार के बदले इनाम

2014 में भी स्मृति ईरानी ने अमेठी से राहुल गांधी के ही खिलाफ चुनाव लड़ा था. हालांकि वो एक लाख से ज्याद वोट से हार गईं, लेकिन प्रचार के उनके अंदाज के चलते वो चुनाव लगातार खबरों में बना रहा. अमेठी, रायबरेली में इससे पहले इकतरफा चुनाव होते आए हैं, लेकिन स्मृति ने उसे अच्छी खासी टक्कर में तब्दील कर दिया था.

बहरहाल वो चुनाव हार गईं लेकिन इसके बावजूद पीएम मोदी ने उन्हें मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री के तौर पर अपनी कैबिनेट में शामिल किया. ये एक हाईप्रोफाईल मंत्रालय था. उस वक्त पीएम मोदी के फैसले की आलोचना भी हुई, लेकिन स्मृति ने पूरी ठसक के साथ चार्ज लिया और काम में लग गईं. इस नियुक्ति के साथ वो सरकार के टॉप मंत्रियों में शामिल हो चुकी थीं.

एचआरडी मंत्रालय में उनका कार्यकाल काफी विवादों भरा रहा. उनकी अपनी डिग्री पर हुए विवाद से लेकर उनकी रजामंदी से हुई कुछ नियुक्तियों तक पर लोगों ने सवाल उठाए. सुर्खियों में रहे जेएनयू सेडिशन केस और हैदराबाद यूनिवर्सिटी में रोहित वेमुला की मौत के मामले भी स्मृति के कार्यकाल में हुए.

जुलाई 2016 में स्मृति को एचआरडी मंत्रालय से हटाकर कपड़ा मंत्री बना दिया गया. सरकार में हैसियत के हिसाब से ये एक बड़ा नुकसान था. लोगों ने कहा कि स्मृति ईरानी की लगातार सुर्खियों में रहने की आदत के चलते ऐसा हुआ. लेकिन जुलाई 2017 में उन्होंने फिर जबरदस्त वापसी की.

सूचना और प्रसारण (I&B) मंत्री वेंकैया नायडू ने सरकार से इस्तीफा देकर उपराष्ट्रपति का पद थामा और उनकी कुर्सी मिली स्मृति ईरानी को. आई एंड बी मंत्री को सरकार का प्रवक्ता कहा जाता है और सरकार के कामकाज का सारा प्रचार प्रसार इसी मंत्रालय की देखरेख में होता है.

इस दौरान उन्होंने तेजी से लोकप्रिय हो रहे डिजिटल मीडिया के खिलाफ कुछ कड़े संकेत उठाने के संकेत दिए, लेकिन इससे पहले कि उनकी योजनाएं अमलीजामा पहन पातीं, मई 2018 में उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया. हालांकि कम लोग ही समझ पाए थे कि उन्हें मंत्री पद से हटाकर दरअसल ‘मिशन अमेठी’ पर भेजा गया था. और, मिशन जीतकर स्मृति ने आलाकमान के फैसले को सही साबित कर दिया.

मोदी कैबिनेट का पूरा लेखा-जोखा

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT