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देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ करवाने को लेकर बुलाई गई बैठक को विपक्ष का साथ मिलता नहीं दिख रहा है. इस मामले को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी दलों के प्रमुखों की बैठक बुलाई थी. लेकिन कई बड़े दलों के नेताओं ने शामिल होने से इनकार कर दिया. ममता बनर्जी, एमके स्टालिन, एन चंद्रबाबू नायडू, केसीआर, अरविंद केजरीवाल और मायावती बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे.
इस बैठक में शामिल नहीं होने वाले विपक्षी दलों के प्रमुखों में सबसे बड़ा नाम ममता बनर्जी और मायवती का है. ममता बनर्जी ने मंगलवार को ही बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया था. उन्होंने केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी को एक लेटर लिखकर कहा था कि वो बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगी. इसके साथ ही ममता ने मोदी सरकार को जल्दबाजी में कोई फैसला लेने की बजाय इसे लेकर एक श्वेत पत्र जारी करने की भी सलाह दी.
मायावती ने भी एक देश, एक चुनाव को लेकर मीटिंग से ठीक पहले ट्वीट कर इसे छलावा बताया. उन्होंने लिखा, 'किसी भी लोकतांत्रिक देश में चुनाव कभी कोई समस्या नहीं हो सकती है और न ही चुनाव को कभी धन के व्यय-अपव्यय से तौलना उचित है. देश में 'एक देश, एक चुनाव’ की बात वास्तव में गरीबी, महंगाई, बेरोजबारी, बढ़ती हिंसा जैसी ज्वलन्त राष्ट्रीय समस्याओं से ध्यान बांटने का प्रयास व छलावा मात्र है.'
मायावती ने सर्वदलीय बैठक का जिक्र करते हुए ईवीएम को लेकर भी मोदी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा,
पीएम मोदी की तरफ से बुधवार शाम को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में माया-ममता के अलावा कई और विपक्षी नेता भी शामिल नहीं होंगे. टीआरएस अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव भी बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे. उनकी जगह पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के बेटे के टी रामा राव बैठक में शामिल होंगे. वहीं अरविंद केजरीवाल भी बैठक में नहीं जा रहे हैं, उनकी जगह पार्टी नेता राघव चड्ढा शामिल होंगे. एमके स्टालिन और चंद्रबाबू नायडू भी बैठक में नहीं पहुंच रहे हैं.
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Published: 19 Jun 2019,10:51 AM IST