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राफेल मामले में हितों के टकराव से घिरे डिफेंस मंत्रालय के अधिकारी मधुलिका सुकुल और उनके पति प्रशांत नारायण सुकुल का तबादला कर दिया गया है. क्विंट और ब्रूट इंडिया ने डिफेंस मंत्रालय दोनों अधिकारियों के राफेल ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट में संभावित हितों के टकराव पर एक्सक्लूसिव खबर की थी.
मधुलिका सुकुल को फरवरी 2018 में डिफेंस अकाउंट का कंट्रोलर जनरल बनाया गया था. उनके पति प्रशांत सुकुल पहले से ही (जून 2016) से उसी डिपार्टमेंट में एडिशनल कंट्रोलर जनरल के तौर पर तैनात थे.
इसके अलावा मधुलिका पी सुकुल डिफेंस सर्विसेज में फाइनेंशियल एडवाइजर भी थीं. पूरी रिपोर्ट आप यहां पढ़ सकते हैं.
कार्मिक मंत्रालय के 20 दिसंबर 2018 के आदेश के मुताबिक मधुलिका पी सुकुल और प्रशांत नारायण सुकुल दोनों का तबादला हो गया है.
डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट में आने वाले सभी ट्रांजैक्शन की ऑडिटिंग डिफेंस अकाउंट का कंट्रोलर जनरल करता है. राफेल डील की ऑडिटिंग भी इसके दायरे में ही थी. 2015 की शुरुआत में अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस कंपनी ज्यादातर पुराने सरकारी डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट को ही पूरा कर रही थी.
राफेल डील की शर्त के मुताबिक राफेल बनाने वाली फ्रेंच कंपनी दसॉ को सौदे की आधी रकम के ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट भारतीय कंपनियों को ही देना है. राफेल डील में ऑफसेट रिलायंस डिफेंस ऑफसेट पार्टनर है.
डिफेंस अकाउंट के कंट्रोलर जनरल की जिम्मेदारी है कि वो कॉन्ट्रैक्ट की पड़ताल करके सुनिश्चित करे कि इनमें कोई गड़बड़ी नहीं है. यहीं हितों के टकराव की संभावना हो सकती है.
डिफेंस अकाउंट का कंट्रोलर जनरल (CGDA) ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट में सभी तरह के ट्रांजैक्शन का ऑडिट करता है और उसकी रिपोर्ट ही तय करती है कि ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट का पालन हुआ है या नहीं. ऐसे में मधुलिका सुकुल और प्रशांत सुकुल का एक ही दफ्तर में होना राफेल डील में ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट को प्रभावित कर सकता था.
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Published: 21 Dec 2018,07:36 PM IST