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लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले राजस्थान की दो लोकसभा सीटों पर कांग्रेस की जीत पार्टी के लिए राहत भरी खबर लेकर आई है. इस जीत के हीरो रहे करण सिंह यादव और रघु शर्मा जिन्होंने अलवर और अजमेर से बीजेपी को हराकर शानदार जीत हासिल की. ये चुनाव राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा था, इस लिहाज से देखा जाए तो कांग्रेस ने ये सेमीफाइनल जीत लिया है. मैन ऑफ द मैच रहे करण सिंह यादव और रघु शर्मा.
करण सिंह यादव के लिए आज का दिन बेहद खास है, क्योंकि 1 फरवरी को उनका जन्मदिन भी है, ऐसे में बर्थडे का इससे बड़ा तोहफा क्या हो सकता है. करण सिंह अलवर से एक बार सांसद और बहरोड़ से दो बार विधायक रह चुके हैं. 1 फरवरी 1945 को बीकानेर में पैदा हुए करण सिंह ने 1998 में राजनीति में एंट्री की थी.
पेशे से डॉक्टर, कर्ण सिंह राजस्थान के सबसे बड़े अस्पताल एसएमएस के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट भी रह चुके हैं. स्थानीय राजनीति में उनकी गहरी पैठ है मानी जाती है. डॉक्टर करण सिंह के बारे में कहा जाता है कि जब वो चुनाव प्रचार के लिए निकलते हैं, तो उनका स्टेथस्कोप भी साथ रहता है. प्रचार के दौरान लोग अपना मर्ज बताकर दवाईयां भी ले लेते हैं.
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सितंबर 2017 में बीजेपी सांसद महंत चांद नाथ की मौत के बाद खाली हुई थी. 2014 के लोकसभा चुनाव ने चांद नाथ ने कांग्रेस नेता और यूपीए सरकार में मंत्री रहे भंवर जितेंद्र सिंह को 2 लाख 83 हजार वोट के बड़े अंतर से हराया था.
अलवर के कुल 18.27 लाख वोटरों में से करीब 3.6 लाख यादव हैं. अलवर की लोकसभा सीट से 7 बार यादव उम्मीदवार ही विजेता रहे हैं. जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखकर ही बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने यादव उम्मीदवारों को टिकट दिया था. वसुंधरा सरकार में कैबिनेट मंत्री जसवंत यादव उम्मीदवार थे, जिन्हें करण सिंह यादव ने करीब 2 लाख वोटों से हरा दिया.
अजमेर सीट 80 हजार वोट के अंतर से जीतने वाले रघु शर्मा राजस्थान के सावर से हैं. इससे पहले वो जयपुर से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं. वो केकड़ी से विधायक भी रह चुके हैं.उन्होंने एलएलबी और एमबीए किया है. राजस्थान यूनिवर्सिटी से उन्होंने डॉक्टरेट की उपाधि ली है. रघु शर्मा छात्र राजनीति के दौर से ही कांग्रेस से जुड़ गए थे. फिलहाल वो राजस्थान कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी हैं.
रघु शर्मा ने वो कमाल कर दिखाया है, जो 2014 के लोकसभा चुनाव में सचिन पायलट भी नहीं कर पाए थे. कभी अजमेर से सांसद रहे सचिन पायलट 2014 में अपनी सीट नहीं बचा पाए थे. 2014 में सांवरलाल जाट ने सचिन पायलट डेढ़ लाख से भी ज्यादा वोटों से मात दी थी.
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गहलोत सरकार में भी उनकी खास पहचान थी. रघु शर्मा ब्राह्मण हैं. इस बार चुनाव में राजपूत समाज ने बीजेपी से नाराज होकर पहले ही कांग्रेस का साथ देने का ऐलान किया था. कुछ राजपूत संगठनों ने रघु शर्मा को चुनाव से पहले अपने ऑफिस में मिलाकर उनको समर्थन देने का ऐलान किया था, जिसका फायदा उनको मिला.
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Published: 01 Feb 2018,07:14 PM IST