मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019राजस्थान में 19 नए जिलों के ऐलान को क्यों कहा जा रहा गहलोत का मास्टर प्लान?

राजस्थान में 19 नए जिलों के ऐलान को क्यों कहा जा रहा गहलोत का मास्टर प्लान?

Ashok Gehlot के ऐलान के बाद अब राजस्थान में कुल 50 जिले और 10 मंडल हो गए हैं.

पल्लव मिश्रा
पॉलिटिक्स
Updated:
<div class="paragraphs"><p>राजस्थान में नए जिलों का ऐलान क्यों कहा जा रहा गहलोत का मास्टर प्लान?</p></div>
i

राजस्थान में नए जिलों का ऐलान क्यों कहा जा रहा गहलोत का मास्टर प्लान?

(फोटो-अशोक गहलोत/ट्विटर)

advertisement

राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार बडे़ फैसले लेकर जनता को चौंका रहे हैं. इसी क्रम में उन्होंने शुक्रवार 17 मार्च को प्रदेश में 19 नए जिले और 3 नए मंडल बनाने का ऐलान किया. सरकार के ऐलान के बाद अब प्रदेश में कुल 50 जिले और 10 मंडल हो गए. नए मंडल बांसवाड़ा, पाली और सीकर हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस ऐलान को "मास्टर स्ट्रोक" कहा जा रहा है. लेकिन सवाल है कि आखिर क्यों?

क्यों बनाए गए नए जिले और संभाग?

राजस्थान में पिछले लंबे समय कई क्षेत्रों को जिला बनाने की मांग की जा रही थी. इसको लेकर जन प्रतिनिधियों द्वारा लगातार प्रदर्शन भी किया जा रहा था. श्रीगंगानगर के विधायक मदन प्रजापति ने अनूपगढ़ को जिला बनाने की मांग की थी और कसम खाई थी कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी तब तक वो पैर में जूते नहीं पहनेंगे. कोटपुतली के विधायक राजेंद्र यादव ने तो जिला नहीं बनने पर चुनाव न लड़ने का ऐलान किया था.

नए जिलों के गठन के संबंध में सरकार को सुझाव देने के लिए रिटायर्ड आईएएस अधिकारी रामलुभाया की अध्यक्षता में एक हाईलेवल कमेटी बनाई गई थी, जिसकी रिपोर्ट आने पर सरकार ने जिले बनाने का ऐलान किया है.

हमें राज्य में कुछ नए जिलों के गठन की मांगें मिलीं. इन प्रस्तावों की जांच के लिए एक हाईलेवल कमेटी का गठन किया था और हमें अंतिम रिपोर्ट मिल गई है. मैं अब राज्य में नए जिलों के गठन की घोषणा करता हूं.
अशोक गहलोत, सीएम, राजस्थान

नए जिले बनने से क्या पड़ेगा असर?

राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सत्ता में वापसी को लेकर अशोक गहलोत लगातार बड़े-बडे फैसले ले रहे हैं. राजस्थान कांग्रेस में गुटबाजी और एंटी-इनकंबेंसी से जूझ रही गहलोत सरकार को नए जिले संजीवनी देने का काम कर सकते हैं.

वरिष्ठ पत्रकार विवेक श्रीवास्तव ने क्विंट हिंदी से बात करते हुए कहा, "प्रदेश में जनता कई कांग्रेसी विधायकों से नाराज है. उनके सामने सीट बचाने की चुनौती है. ऐसे में सरकार का नए जिले बनाने का ऐलान जरूर कांग्रेस को फायदा पहुंचा सकता है."

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
कई छोटे क्षेत्रों को जिला बना दिया गया है. इसमें कई जिले ऐसे हैं जहां कांग्रेस का विधायक है जबकि कई जिले जबरदस्ती बना दिये गये हैं. लेकिन क्या इससे विधायकों को लेकर जो नाराजगी है वो खत्म हो जाएगी, ये देखना होगा.
विवेक श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार

जानकारी के अनुसार, जयपुर को जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, दूदू और कोटपूतली जिलों में विभाजित किया गया है. सीएम गहलोत के गृह जिले जोधपुर को भी जोधपुर पूर्व, जोधपुर पश्चिम और फलोदी में विभाजित किया गया है. पुनर्गठन में शेखावाटी, मारवाड़ और मेवाड़ के आदिवासी जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है. मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि सरकार नए जिलों का 2 हजार करोड़ रुपये से विकास करेगी.

नए जिले और संभाग बनने से क्या बदला?

पाली को संभाग बनाया गया है. यहां पर विधानसभा की 6 सीट से जिसमें से 5 पर बीजेपी और एक पर कांग्रेस का कब्जा है. सीकर में 8 सीट हैं और सभी पर कांग्रेस के विधायक हैं. बांसवाड़ा में 5 सीट है, जिसमें से बीजेपी-कांग्रेस के पास 2-2 सीट है जबकि एक पर IND का कब्जा है. यानी कुल 19 विधानसभा सीटों में बीजेपी के पास 7, कांग्रेस के पास 11 और 1 IND के पास है.

जयपुर में 19 सीट थी जिसमें 10 पर कांग्रेस, 6 पर बीजेपी और 3 IND के पास है. जोधपुर में 10 सीट है. इसमें बीजेपी के पास 2, कांग्रेस के पास 7 और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLTP) के पास 1 सीट है. अनूपगढ़, ब्यावर, सलूंबर, शाहपुरा, फलोदी सीट बीजेपी के पास है जबकि डीडवाना, कोटपूतली, केकड़ी, नीमकाथाना, डींग, सांचौर सीट पर कांग्रेस का विधायक है. वहीं, दूदू, गंगापुर सिटी और बहरोड़ IND के पास है. बालोतरा अब तक बाड़मेर जिले में था जिस पर कांग्रेस का कब्जा है.

कुल मिलाकर देखें तो समझ आता है कि ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं. नए जिले और संभाग बनने से पार्टी को फायदा मिल सकता है.

कांग्रेस को क्या मिलेगा फायदा?

गहलोत ने नए जिले और संभाग बनाकर एक तीर से दो निशाना साधा. पहला, जनता के बीच संदेश जाएगा कि मुख्यमंत्री ने लंबे समय की मांग को पूरा कर दिया, जो बीजेपी नहीं कर पाई. दूसरा, जिले और संभाग बनने से उन जगहों का विकास तेजी से होगा, जिसको कांग्रेस दोनों हाथों से चुनाव में भुनाएगी. स्थानीय स्तर पर कांग्रेस नेताओं को फायदा होगा, जैसे- जिले में कांग्रेस कमेटी बनेगी, प्रभारी नियुक्त होंगे, बूथ बनेगा आदि.

गहलोत सरकार के फैसले पर बीजेपी ने उठाए सवाल

बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधा है.

कांग्रेस सरकार की नई घोषणाएं अपने व्यक्तिगत राजनैतिक स्वार्थों की पूर्ति करने का प्रयास भर है. इस कोशिश में उन्होंने राजस्थान के पूरे आर्थिक तंत्र को दांव पर लगा दिया है. जिसका खामियाजा आने वाले वर्षों में प्रदेश और प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ेगा.
वसुंधरा राजे, पूर्व मुख्यमंत्री,राजस्थान

बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि, "नये जिले बनाए जाने की प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण तथ्यों को नजरअंदाज कर दिया गया है, जिस कारण नये जिले बनने से होने वाली सुगमता के बजाय जनता को प्रशासनिक जटिलताओं का सामना करना पड़ेगा. प्रदेश की माली हालत को ताक पर रखकर सीएम ने बजट का राजनीतिकरण करने का प्रयास किया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है."

फैसले पर कांग्रेस विधायक ने दिखाई नाराजगी

गहलोत सरकार के फैसले पर अब सरकार के अंदर भी सवाल उठ रहा है. बीएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए तिजारा के विधायक संदीप यादव ने भिवाडी की जगह खैरथल को जिला बनाने से नाराज होकर भिवाडी डेवलपमेंट बोर्ड के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 18 Mar 2023,05:30 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT