राजस्थान (Rajasthan) में चुनावी वर्ष में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) एक के बाद एक बड़े कदम उठा रहे हैं. अशोक गहलोत ने शुक्रवार 17 मार्च को विधानसभा में प्रदेश में 19 नए जिले और 3 नए संभाग बनाए जाने का ऐलान कर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से उठ रही इस मांग को पूरा कर दिया है.
अशोक गहलोत के इस ऐलान के बाद राजस्थान में 50 जिले और 10 संभाग हो गए हैं. नए जिलों के गठन को लेकर सरकार को सुझाव देने के लिए रिटायर्ड आईएएस रामलुभाया की अध्यक्षता वाली हाईपावर कमेटी बनाई गई थी. इस कमेटी ने फाइनल रिपोर्ट सरकार को दे दी है. कमेटी का कार्यकाल हाल ही में 6 महीने के लिए बढ़ाया गया था. रामलुभाया कमेटी के पास 50 से ज्यादा जगहों के नेता अलग-अलग ज्ञापन देकर नए जिलों की डिमांड रख चुके थे.
राजस्थान में अब 52 जिले और 10 संभाग (सब-डिवीजन) होंगे
राजस्थान भौगोलिक लिहाज से देश का सबसे बड़ा प्रदेश है. 26 जनवरी 2008 को प्रतापगढ़ राजस्थान का 33वां जिला बना था. अब नए जिलों की घोषणा 15 साल बाद हुई है. इससे करीब 14 साल पहले हनुमानगढ़ को जिला बनाया गया था.
वहीं संभाग मुख्यालय की आखिरी घोषणा भी 2005 को हुई थी. 4 जून, 2005 को राजस्थान का 7वां संभाग भरतपुर को बनाया गया था. विधानसभा में वित्त विनियोग और वित्त विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए अशोक गहलोत ने अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर, डीडवाना, दूदू, गंगापुर सिटी, जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, केकड़ी, जोधपुर उत्तर, जोधपुर दक्षिण, कोटपूतली, बहरोड़, नीमकाथाना, फलोदी, सलूंबर, सांचौर, शाहपुरा, डीग को नया जिला बनाने का ऐलान किया है.
अशोक गहलोत ने जिन 3 संभाग की घोषणा की है- वह होंगे बांसवाड़ा, पाली और सीकर. यानी अब प्रदेश में 52 जिले और 10 संभाग होंगे. नई व्यवस्था में जयपुर जिले को तोड़कर जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, दूदू और कोटपूतली जिला बनाया गया है. मुख्यमंत्री के गृह जिले जोधपुर को भी जोधपुर पूर्व, जोधपुर पश्चिम और फलोदी में बांटा गया है.
नए जिलों के गठन की उठ रही थी मांग
प्रदेश में नए जिलों का गठन एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा था. कांग्रेस के खुद के विधायक भी अपने-अपने क्षेत्रों में नए जिलों के गठन की मांग कर रहे थे. कांग्रेस विधायक मदन प्रजापत ने तो अपने क्षेत्र बालोतरा को नया जिला नहीं बनाने तक नंगे पांव रहने का प्रण लिया हुआ था. नए जिलों और संभागों की घोषणा करने को लेकर राजनीतिक विशेषज्ञ से आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस का एक बड़ा दांव मान रहे हैं.
माना जा रहा है कि सीएम अशोक गहलोत ने यह बड़ा कदम चुनाव के नजरिए से उठाया है. 19 जिलों की घोषणा होने के बाद अब प्रदेश में कुल 52 जिले होंगे तो वही 3 संभागों के बाद अब राजस्थान 10 संभागों में बंटा होगा.
राजस्थान देश के सबसे बड़े प्रदेश में आता है. भौगोलिक और जलवायु की स्थिति में राजस्थान सबसे प्रमुख प्रदेश है. ऐसे में यहां के हर व्यक्ति तक और अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक सरकार की योजनाएं और हर वह सुख सुविधाएं पहुंचे जो मूलभूत की श्रेणी में आती हैं. उसके लिए यह कदम काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. अशोक गहलोत ने इन जिलों का ऐलान करते हुए आधारभूत ढांचे के लिए दो हजार करोड़ देने का भी ऐलान किया है.
(इनपुट-पंकज सोनी)
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