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राजस्थान में चारों तरफ से गहलोत सरकार घिरती नजर आ रही है. एक तरफ पार्टी के 19 विधायकों ने साथ छोड़ दिया है, वहीं दूसरी तरफ अब बीएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों का मामला जोर पकड़ता दिख रहा है. बीजेपी की तरफ से इस मामले को हाईकोर्ट में उठाया गया, लेकिन उसे सीधे खारिज कर दिया गया. अब एक बार फिर बीजेपी ने इसी मामले को लेकर नई याचिका दायर कर दी है. वहीं दूसरी तरफ बीएसपी प्रमुख मायावती भी गहलोत सरकार को चुनौती दे रही हैं. उनकी तरफ से भी राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी.
दरअसल बीएसपी के राजस्थान में सभी 6 विधायकों ने एक साथ कांग्रेस का हाथ थाम लिया था. अब जब गहलोत सरकार खतरे में है तो इस मुद्दे को लेकर विधायकों पर कार्रवाई की मांग की जा रही है. क्योंकि अगर किसी भी हाल में विधायकों पर कार्रवाई होती है तो गहलोत सरकार बहुमत खो देगी.
राजस्थान बीजेपी की तरफ से लगातार कोशिश हो रही है कि कोर्ट इस मामले को सुने और जो उनकी मांग है उसे लेकर अपना फैसला सुनाए. बीजेपी विधायक मदनलाल दिलावर ने राजस्थान हाईकोर्ट में अपनी पहली याचिका में कहा था कि, बीएसपी विधायकों के दलबदल के संबंध में मार्च में उनकी शिकायत के बावजूद अध्यक्ष सीपी जोशी ने पिछले कई महीनों में कोई कार्रवाई नहीं की. लेकिन हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया. जिसके बाद एक बार फिर बीजेपी विधायक ने दूसरी याचिका दायर की है. जिसमें दिलावर ने राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष के 24 जुलाई के फैसले को चुनौती दी है, जिसमें दलबदल विरोधी कानून के तहत बीएसपी विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग वाली उनकी याचिका खारिज कर दी गई.
अब सवाल से उठता है कि बीजेपी विधायक की याचिका हाईकोर्ट में खारिज क्यों हुई. न्यायमूर्ति महेंद्र कुमार गोयल की सिंगल बेंच ने सोमवार को दिलावर की याचिका को खारिज किया था. क्योंकि एडिशनल अटॉर्नी जनरल आरपी सिंह ने कोर्ट को बताया कि विधानसभा अध्यक्ष इस शिकायत पर पहले ही 24 जुलाई को फैसला कर चुके हैं. बीजेपी विधायक की तरफ से वकील हरीश साल्वे ने पैरवी की. ये वही वकील हैं, जो सचिन पायलट गुट की तरफ से हाईकोर्ट में केस लड़ रहे हैं.
राजस्थान के घमासान के बीच बीएसपी प्रमुख मायावती भी एक्टिव हो चुकी हैं. उन्होंने ये खुद कहा है कि वो बस मौके का इंतजार कर रही थीं. बीएसपी के सभी विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के खिलाफ मायावती ने सुप्रीम कोर्ट जाने की भी बात कही. वहीं पार्टी की तरफ से राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी. मायावती ने इस मामले को लेकर कहा कि हम कांग्रेस और गहलोत को सबक सिखाएंगे. उन्होंने कहा,
उन्होंने आगे कहा कि हमने सभी 6 विधायकों (जिन्होंने बीएसपी के सिंबल पर चुनाव लड़ा है) उनसे कहा है कि वो विधानसभा में विश्वासमत के दौरान कांग्रेस सरकार के खिलाफ वोट करें. ऐसा न करने पर उनकी सदस्यता रद्द की जाएगी. बीएसपी कांग्रेस और गहलोत सरकार को पहले भी पाठ पढ़ा सकती थी, लेकिन हम समय का इंतजार कर रहे थे. अब हमने कोर्ट जाने का फैसला किया है.
राजस्थान की कांग्रेस सरकार के बुरे वक्त में मायावती का ये आक्रामक रूप देखते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उन पर जमकर हमला बोला. प्रियंका ने मायावती को बीजेपी का अघोषित प्रवक्ता बता दिया. हालांकि उन्होंने मायावती का नाम नहीं लिया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,
बीजेपी के अघोषित प्रवक्ताओं ने बीजेपी को मदद की व्हिप जारी की है. लेकिन ये केवल व्हिप नहीं है बल्कि लोकतंत्र और संविधान की हत्या करने वालों को क्लीन चिट है.
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