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राजस्थान कांग्रेस में चल रहे घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पायलट पर खुलकर निशाना साधा. साथ ही मीडिया और न्यूज एंकरों को भी नसीहत दे डाली. गहलोत ने कहा कि आने वाला कल पायलट जैसे युवा नेताओं का है लेकिन इनकी रगड़ाई नहीं हुई है जितनी हम लोगों की हुई थे, अगर हुई तो ये अच्छे से काम करते. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि अच्छी इंग्लिश बोलने, बाइट देने और हैंडसम होने से ही सबकुछ नहीं होता है.
मीडिया पर गहलोत का कहना है कि कुछ नए-नवेले एंकर और कुछ पुराने पत्रकार सिर्फ 'हेडलाइन' बनाने में जुटे हुए हैं. लोकतंत्र रहे या खत्म हो जाए, इससे उनका कोई मतलब नहीं, बस हेडलाइन चाहिए.
न्यूज चैनल्स और मीडिया पर अपनी बात रखते हुए गहलोत ने आरोप लगाया कि मीडिया में कुछ ऐसे लोग हैं, जिनके पास पैसे कि कोई कमी नहीं है और केंद्र सरकार उन्हें फाइनेंस भी करती है.
बयान लेने आए पत्रकारों के समूह से गहलोत कहते हैं कि केंद्र में जो सरकार है वो नौकरी छीन रही है, सैलरी में कटौती हो रही है, कांग्रेस इसे रोकना चाहती है.
मीडिया से बातचीत में गहलोत ने सचिन पर आरोप लगाते हुए कहा-
गहलोत ने कहा कि हमें अपने विधायकों को 10 दिन तक होटल में रखना पड़ा. अगर उस वक्त हम नहीं रखते तो आज जो मानेसर वाला खेल हुआ है, वो उस समय होने वाला था. रात के दो बजे लोगों को भेजा रहा था. खुद षड्यंत्र में शामिल नेता सफाई दे रहे थे.
गहलोत भले ही सचिन पायलट पर बीजेपी के साथ मिले होने का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन सचिन ने एएनआई से बातचीत में कहा है कि वो बीजेपी नहीं ज्वाइन करने जा रहे हैं. सचिन पायलट ने फिलहाल सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए ये साफ कर दिया है कि वो बीजेपी में शामिल नहीं होने वाले हैं. ये बयान आने के बाद कांग्रेस की तरफ से रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सचिन पायलट और उनके सहयोगी विधायक ये कह रहे हैं कि बीजेपी में नहीं जाएंगे. अगर बीजेपी में नहीं जाना चाहते तो उन्हें बीजेपी के किसी भी नेता से बातचीत तुरंत बंद कर देना चाहिए और हरियाणा सरकार का सुरक्षा चक्र तोड़कर जयपुर आना चाहिए.
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