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राजस्थान में राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election) को लेकर सियासी सरगर्मियां चरम पर है. कांग्रेस और बीजेपी विधायकों की बाड़ेबंदी जारी है. राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस तीन सीटों पर बाजी मार सकती है. अभी कांग्रेस के खेमे में 125 विधायक साफ तौरे से खड़े दिखाई दे रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा ने दावा किया है कि कांग्रेस के आठ विधायक उनके साथ हैं. सुभाष चंद्रा के इस दावे से कांग्रेस खेमे में हड़कंप मच गया है.
राज्यसभा चुनाव से पहले दोनों पार्टियों को हॉर्स ट्रेडिंग (Horse Trading) का भी डर सता रहा है. हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी की तरफ ACB और चुनाव आयोग में शिकायत की है. इसके जवाब में बीजेपी ने कांग्रेस के खिलाफ सीधा विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) को पत्र लिखा है.
हालांकि अभी इसे लेकर ED की तरफ से कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है. लेकिन माना जा रहा है कि मामले में आज कुछ हलचल देखने को मिल सकता है. बीजेपी ने इसी तरह का शिकायती पत्र निर्वाचन आयोग को भी लिखा है.
मंगलवार को बीटीपी विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) से मुलाकात की. आपको बता दें कि कुछ समय पहले कांकरी डूंगरी में हुए उपद्रव के बाद बीटीपी विधायक राजकुमार रोत और रामप्रसाद डिंडोर की सरकार से खटपट हो गई थी. दोनों विधायक उपद्रव के दौरान हुए मुकदमे वापस लेने के मांग पर अड़े हैं. ऐसे में सीएम से मुलाकात के बाद उनकी कई मांगों पर सहमति बनती दिख रही है.
हालांकि, बीटीपी विधायकों ने होटल में नहीं रुककर सर्किट हॉउस या अन्य जगह रुकने की बात कही है. प्रतिनिधिमंडल में दोनों विधायकों के अलावा कांतिभाई आदिवासी, प्रोफेसर मणिलाल गरासिया और मोहनलाल रोत उपस्थित थे.
वहीं, दूसरी तरफ जयपुर के जामडोली में बीजेपी विधायकों की बाड़ेबंदी जारी है. आज पार्टी के केंद्रीय नेता बैठक कर अंतिम रणनीति पर चर्चा करेंगे. केंद्रीय नेताओं की मौजूदगी में ही बीजेपी के अधिकृति प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी और समर्थित सुभाष चंद्रा को वोट देने वाले विधायकों के नाम तय होंगे. केंद्रीय नेताओं में राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह, कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी और केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल विधायकों के साथ चर्चा करेंगे.
बीएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों के विलय को असंवैधानिक बताते हुए निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा ने दिल्ली में चुनाव आयोग से शिकायत की है. चंद्रा ने बताया कि आयोग के जिस नोटिफिकेशन से विधानसभा का गठन हुआ है, उसमें ये छह विधायक बीएसपी के दिखाए गए हैं. वहीं राज्यसभा चुनाव के लिए जो सूची मुझे प्राप्त हुई है, उसमें ये कांग्रेसी विधायक हैं. इस तरह से इन विधायकों का मतदान प्रक्रिया में भाग लेना पूर्ण रूप से असंवैधानिक है.
इसके साथ ही सुभाष चंद्रा ने कहा कि सचिन पायलट के पिताजी मेरे बहुत पुराने मित्रों में से थे. सचिन एक जुझारु नेता हैं और राज्यसभा चुनाव उनके लिए कुछ कर दिखाने का एक महत्वपूर्ण मौका है. ये राज्यसभा चुनाव ही आगामी विधानसभा चुनाव का भविष्य तय करेंगे. इस बार सचिन ने मौका गंवाया तो उन्हें 2028 तक मुख्यमंत्री बनने का मौका नहीं मिलेगा.
सुभाष चंद्रा के कांग्रेस विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने के दावे पर सचिन पायलट ने पलटवार किया है. सचिन पायलट ने ट्विटर के जरिए सुभाष चंद्रा पर निशाना साधा है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि "राजस्थान से राज्यसभा के निर्दलीय उम्मीदवार के लिए सलाह है कि वे 10 तारीख को वोटिंग से पहले मुकाबले से बाहर हो जाएं तो बेहतर रहेगा. बेइज्जती झेलने से अच्छा विनम्रता से झुकना होता है."
इनपुट -पंकज सोनी
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Published: 08 Jun 2022,11:01 AM IST