मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हुआ सवर्ण आरक्षण बिल,मिले 165 वोट

लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हुआ सवर्ण आरक्षण बिल,मिले 165 वोट

लोकसभा की कार्यवाही और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आरक्षण से जुड़ी हर अपडेट

क्‍व‍िंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Updated:
i
null
null

advertisement

सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का संविधान संशोधन विधेयक अब राज्यसभा से भी पास हो चुका है. इसके लिए कुल 172 सदस्यों ने वोट डाला, जिनमें से 165 ने बिल के पक्ष में और 7 सदस्यों ने बिल के विरोध में वोट किया. बिल पर पिछले कई घंटो से राज्यसभा में बहस जारी थी. अब इस बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा.

इससे पहले मंगलवार को बिल लोकसभा में पेश हुआ था और यहां इसे भारी बहुमत से पास किया गया. कुल 326 सदस्यों ने इसके लिए वोट किया. इनमें से 323 ने बिल के पक्ष में वोट डाला, वहीं 3 वोट इसके खिलाफ पड़े थे.

सवर्ण आरक्षण: मास्टर स्ट्रोक या बेचैनी, देखिए संजय पुगलिया का ब्रेकिंग व्यूज

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

पीएम मोदी हुए खुश

सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के संविधान संशोधन विधेयक के राज्यसभा में पास होने पर पीएम मोदी ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, बिल को लेकर मिले सपोर्ट को देखकर काफी खुश हूं. हाउस में काफी अच्छी बहस देखने को मिली.

अमित शाह बोले, धन्यवाद

सवर्णों को आरक्षण का बिल राज्यसभा से भी पास होने पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सभी का धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा, पीएम और समर्थन करने वाले सभी सांसदों का धन्यवाद.

राज्यसभा से भी पास हुआ सवर्ण आरक्षण बिल

सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के संविधान संशोधन विधेयक अब राज्यसभा से भी पास हो चुका है. इससे पहले मंगलवार को बिल लोकसभा में पेश हुआ था और यहां इसे भारी बहुमत से पास किया गया. कुल 326 सदस्यों ने इसके लिए वोट किया. इनमें से 323 ने बिल के पक्ष में वोट डाला, वहीं 3 वोट इसके खिलाफ पड़े थे.

सलेक्ट कमिटी में भेजने के लिए वोटिंग

राज्यसभा में आरक्षण बिल को सलेक्ट कमिटी में भेजने के लिए वोटिंग कराई गई. जिसमें यह मांग खारिज हो गई है.

वोटिंग हुई शुरू

सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के बिल पर राज्यसभा में लंबी बहस के बाद अब वोटिंग शुरू हो चुकी है. अगर बिल के पक्ष में ज्यादा वोट पड़े तो बिल को राज्यसभा से भी हरी झंडी मिल जाएगी.

वोटिंग से पहले थावरचंद गहलोत का जवाब

आरक्षण बिल पर जवाब देते हुए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा, कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में आरक्षण का जिक्र किया था. गरीबों के लिए अच्छी नीति और नीयत से हम ये बिल लाए हैं. पिछड़े होने के बावजूद सामान्य वर्ग के लिए मोदी जी बिल लाए. कांग्रेस बताए उसे कैसा बिल चाहिए. गहलोत बिल पर वोटिंग से पहले जवाब दे रहे हैं.

संजय सिंह भी बीजेपी पर बरसे

आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि सरकार गरीब सवर्णों को धोखा दे रही है. मोदी सरकार की नोटबंदी योजना फेल हो गई. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार दलित विरोधी और आरक्षण विरोधी है. अभी तक आरएसएस ने किसी दलित को क्यों प्रमुख नहीं बनाया.

छक्का बाउंड्री के पार नहीं जाएगा

रविशंकर प्रसाद के छक्के वाले बयान का जवाब देते हुए बीएसपी नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि सरकार का छक्का बाउंड्री के पार नहीं जाएगा. यह बिल छलावे के तौर पर चुनाव के लिए लाया गया है.

पासवान बोले, राज्यसभा में विरोध क्यों?

आरक्षण बिल पर राज्यसभा में जारी बहस में रामविलास पासवान बोले, लोकसभा में पास होने के बाद भी राज्यसभा में बिल का विरोध क्यों हो रहा है. उन्होंने कहा, गरीब का बेटा सवर्ण गरीबों के लिए आरक्षण ला रहा है. मैं सभी सांसदो से बिल के समर्थन की अपील करता हूं.

रविशंकर बोले, अभी और छक्के लगने बाकी

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में कहा कि क्रिकेट में छक्का अंतिम ओवर में लगता है, जब मैच क्लोज होता है तब लगता है. अगर आपको इसी पर परेशानी है तो ये पहला छक्का नहीं है, और भी छक्के लगने वाले हैं.

कपिल सिब्बल बोले, कहां है डेटा

इस बिल को लाने में काफी देर की गई. आपने संशोधन तो कर दिया और कह दिया कि सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा. लेकिन इसके पीछे कोई भी डेटा नहीं लिया गया. मंडल कमीशन को पास होने में 10 साल लगे और यहां आप एक दिन में सब कुछ करने जा रहे हैं. सरकार बताए कि इस पर क्या रिपोर्ट बनाई गई. 8 लाख रुपये का मापदंड कैसे तय किया गया. बजट में इनकम टैक्स लिमिट भी 8 लाख कर दी जाए. सिब्बल ने कहा -

  • नौकरियां मिली नहीं नौकरियां कम हुई हैं
  • केंद्र सरकार ने 0.4 प्रतिशत प्रति साल नौकरियां उपलब्ध करवाई हैं
  • पिछले पांच साल में सिर्फ 45 हजार नौकरियां मिली हैं
  • सरकार की क्या मंशा है जो सिर्फ एक दिन में सब कुछ करना चाहती है


कानून मंत्री बोले, ऊंची जातियों के लोग भी मजदूर

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में सिन्हो कमिटी की रिपोर्ट का हवाला दिया. उन्होंने फिर दोहराया कि मौजूदा आरक्षण से किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं होगी. उन्होंने कहा कि ऊंची जातियों के लोग भी मजदूरी करते हैं. उन्होंने कहा कि हम लोग देर आए पर दुरुस्त आए हैं. संसद आज इतिहास बना रही है.

आनंद शर्मा ने लगाए आरोप

राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा ने आरोप लगाया कि यह बिल विधानसभा चुनावों में हार के कारण लाया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह बिल जानबूझकर चुनाव के दौरान लाया गया. विधानसभा चुनाव 5-0 से हारने के बाद यह फैसला लिया गया है.

जातिगत आरक्षण खत्म करने की कोशिश

आरजेडी नेता मनोज झा ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि इस बिल से जातिगत आरक्षण को खत्म करने की कोशिश हो रही है. यह विधेयक संविधान के खिलाफ है.

आरक्षण बिल को पीएम मोदी ने भी बताया ऐतिहासिक

पीएम मोदी ने भी सवर्ण आरक्षण बिल को सरकार का एक बड़ा ऐतिहासिक कदम बताया है. पीएम ने आगरा की रैली में कहा, ऐसा कोई काम नहीं करना चाहते जिससे किसी का भी हक छीना जाए. इस बिल के जरिए सभी गरीबों को अवसर देने की कोशिश की गई है.

कांग्रेस और एसपी का समर्थन

सवर्णों को आरक्षण के बिल पर राज्यसभा में कांग्रेस और एसपी ने अपना समर्थन दे दिया है. बिल पर फिलहाल बहस जारी है.

योगी बोले, ऐतिहासिक फैसला

आगरा में पीएम नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान योगी आदित्यनाथ ने आरक्षण बिल पर कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है. यूपी के सीएम ने सवर्ण आरक्षण पर सरकार की जमकर तारीफ की.

AIADMK ने किया विरोध

गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के बिल का AIADMK ने विरोध किया है.

चुनाव देखकर बिल लाई सरकार: रामगोपाल यादव

समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने आरक्षण बिल को एक एजेंडे की तहत लाया गया बिल बताया है. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों को देखकर यह बिल लाया गया है.

कोटा बिल पर राज्यसभा में बहस जारी

राज्यसभा में सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लोगों दस फीसदी आरक्षण देने के बिल पर बहस शुरू हो गई है. कांग्रेस नेता ने सवर्ण आरक्षण बिल के समय पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस बिल का समर्थन करती है लेकिन जिस समय यह लाया जा रहा है वह सरकार की नीयत पर सवाल उठाता है.

कोटा बिल पर राज्यसभा में बहस थोड़ी देर में

राज्यसभा में सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लोगों दस फीसदी आरक्षण देने का बिल पेश कर दिया है. अब इस पर बहस की बारी है. अब से थोड़ी देर में बिल पर बहस होगी. इस वक्त राजनाथ सिंह एनआरसी पर बोल रहे हैं. इसके बाद इस पर बहस होगी.

राज्यसभा में बिल पेश

राज्यसभा में सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लोगों दस फीसदी आरक्षण देने का बिल पेश कर दिया है. सरकार की ओर से मंत्री थावरचंद गहलोत ने बिल पेश कर दिया. गहलोत ने कहा यह ऐतिहासिक बिल है.

राज्यसभा की कार्यवाही बढ़ाने पर हंगामा, सदन स्थगित

सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10% आरक्षण से जुड़ा संविधान संशोधन विधेयक सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में पास हो गया . अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाना है. बिल के लिए राज्यसभा की कार्यवाही एक दिन बढ़ा दी गई है. बुधवार को राज्यसभा में इस बिल को पेश किए जाने से पहले सत्ता और विपक्ष के बीच जम कर बहस हो रही है. फिलहाल राज्यसभा की कार्यवाही बढ़ाने को लेकर हंगामा चल रहा है.

आरक्षण संशोधन बिल लोकसभा में पास, राज्यसभा में टेस्ट आज

आर्थिक रूप से पिछड़े तबके को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए केंद्र की मोदी सरकार की ओर से लाया गया संशोधन बिल मंगलवार को लोकसभा में पास हो गया. अब बुधवार को इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा.

मोदी सरकार द्वारा लाए गए विधेयक के समय पर राज्यसभा में विपक्षी दल सवाल उठा सकते हैं. विपक्षी पार्टियों ने अपने सभी सदस्यों से बुधवार को राज्यसभा में मौजूद रहने के लिए कहा है. राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है.

मंगलवार को लोकसभा में पेश किए गए आरक्षण विधेयक का लगभग सभी पार्टियों ने समर्थन किया, लेकिन राज्यसभा में विपक्षी पार्टियां इस पर कड़ा रुख अपना सकती हैं. राज्यसभा में बीजेपी के पास सबसे ज्यादा 73 सदस्य हैं, जबकि मुख्य विपक्षी कांग्रेस के 50 सदस्य हैं. राज्यसभा में अभी सदस्यों की कुल संख्या 244 है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

सामान्य वर्ग के आरक्षण पर लोकसभा की मुहर

लोकसभा में सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण का बिल पास हो गया है. इसके लिए लोकसभा में वोटिंग हुई थी, जिसमें कुल 326 सदस्यों ने वोट दिया. इनमें से 323 ने बिल के पक्ष में वोट डाला, वहीं 3 वोट इसके खिलाफ पड़े. इस बिल पर लंबी चर्चा के बाद आखिरकार इसे लोकसभा से हरी झंडी मिल चुकी है.

कुछ ही देर में होगी वोटिंग

लोकसभा में सवर्ण आरक्षण संशोधन बिल पर कुछ ही देर में वोटिंग शुरू होगी. जिसके बाद यह बिल लोकसभा में पास हो सकता है. पीएम नरेंद्र मोदी भी सदन में मौजूद हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे संसद

अपर क्लास को 10 प्रतिशत आरक्षण के मुद्दे पर लोकसभा में बहस जारी है. इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संसद में पहुंच चुके हैं. इस मुद्दे पर जल्द पीएम मोदी लोकसभा में अपनी राय रख सकते हैं.

ओवैसी बोले, यह अंबेडकर का अपमान

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि 10 प्रतिशत आरक्षण देने वाला यह बिल संविधान के साथ धोखा है. इस बिल से बीजेपी ने आंबेडकर का अपमान किया है. कोर्ट में यह बिल खारिज हो जाएगा.

आरक्षण से नहीं आ सकती आर्थिक समृद्धि: कुशवाहा

उपेंद्र कुशवाहा ने रिजर्वेशन बिल के बारे में कहा कि जब मैं अपने क्षेत्र में जाता था तो अपर कास्ट के लोगों में बैचेनी होती थी. मुझे बोलते थे कि मुझे नौकरी नहीं मिल रही है क्योंकि आरक्षण दिया जा रहा है. अब मुझे खुशी है कि लोग मुझे नहीं बोलेंगे. लेकिन कुछ दिन बाद जब उन्हें पता चलेगा कि आरक्षण से नौकरी नहीं मिलती है, तो निशाना कोई और होगा. आरक्षण उपाय नहीं है, इससे आर्थिक समृद्धि नहीं आ सकती है. सरकारी स्कूलों के बच्चों को पहले आरक्षण दिया जाए.

भगवंत मान बोले, ये मोदी का जुमला

अगर बीजेपी वालों के मन में गरीबों का इतना ही खयाल होता तो ये बिल पहले लाया जाता. ये इस सेशन के आखिरी दिन क्यों लाया गया है. ये पीएम मोदी का एक जुमला है. ये लोग धीरे-धीरे एससी-एसटी आरक्षण को खत्म करने की सोच रहे हैं.

आरजेडी ने किया विरोध

आरजेडी नेता जय प्रकाश नारायण ने कहा कि सवर्ण आरक्षण बिल एक धोखा है. जिन जातियों को अभी तक अधिकार नहीं मिला उनका हक सुरक्षित हो. चुनाव आते ही शिकारी की तरह जाल बिछाया जा रहा है. पकौड़े की दुकान खोलने की सलाह देकर धोखा दिया जा रहा है.

महेंद्रनाथ पांडे बोले, लोगों में थी चिड़

यूपी बीजेपी अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडे ने कहा कि सामान्य वर्ग के एक तबके को सहारा चाहिए. ऐसे लोगों में आरक्षण को लेकर एक चिड़ उत्पन्न हो रही थी, जो अब खत्म होगी. सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए आरक्षण जरूरी था. मोदी जी ने 56 इंच सीने की इच्छाशक्ति दिखाई.

पासवान ने कहा, नौंवी सूची में डालें 60 प्रतिशत आरक्षण

केंद्रीय मंत्री रालविलास पासवान ने कहा कि ऊंची जाति के लोग भी दलित रहे हैं. देश में दो तरह के लोग हैं, एक गरीब है और एक अमीर है. सभी को समानता का अधिकार नहीं मिल पा रहा है. एसएसी एसटी का मामला होता है तो सब लोग एक हो जाते हैं. जो कल तक रिजर्वेशन का विरोध करते थे वो आज खुद रिजर्वेशन में आ गए तो इसमें बुरा क्या है. ये जो 60 प्रतिशत का आरक्षण है इसे तुरंत संविधान की नौंवी सूची में डाल दिया जाए, नहीं तो ये कोर्ट में घूमता रहेगा

युवाओं को झूठे सपने दिखाए जा रहे हैं: TMC

टीएमसी के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि केंद्र सरकार महिला आरक्षण बिल को क्यों नहीं ला रही है, जैसे सवर्ण आरक्षण को तवज्जो दी जा रही है वैसे महिला आरक्षण बिल को क्यों नहीं? यह बिल सिर्फ नौकरियों के लिए है, लेकिन इससे युवाओं को झूठी उम्मीदें और झूठे सपने दिखाए जा रहे हैं.

(फोटो:ANI)

क्या सरकार की योजनाएं हो गई फेल?

लोकसभा में सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के मामले पर बहस के दौरान AIADMK के सांसद थंबीदुरई ने कहा कि क्या केंद्र की सारी योजनाएं फेल हो चुकी हैं? उन्होंने कहा कि जिस आरक्षण बिल को आप लोग लाए हैं वो सुप्रीम कोर्ट में जाकर अटक जाएगा.

सभी पार्टियों के मैनिफेस्टो में शामिल

अरुण जेटली ने लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के 2014 के मैनिफेस्टो को पढकर कहा कि कांग्रेस ने कहा था कि हम गरीब तबके लिए आरक्षण लाएंगे और इससे मौजूदा 50 प्रतिशत आरक्षण पर कोई असर नहीं होगा. उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस की बात कही, लेकिन हमने भी यही बात कही थी. क्या सिर्फ मैनिफेस्टो में यह बात होगी या फिर लोकसभा और राज्यसभा में पास कर इसे पूरा किया जाएगा. आज कांग्रेस पार्टी की परीक्षा है.

सवर्ण आरक्षण पर बहस, लोकसभा में बोल रहे हैं अरुण जेटली

  • चुनावी घोषणा पत्रों में पार्टियों ने सवर्णों को आरक्षण देने का जुमला दिया था
  • दुनिया का पहला उदाहरण होगा कि गरीबों को आरक्षण दिया जा रहा है और देश के कम्युनिस्ट उसका विरोध कर रहे हैं
  • कई बार आरक्षण देने का प्रयास हुआ है, लेकिन कभी पूरा नहीं हो पाया
  • संविधान के संशोधन करने की धारा के मुताबिक राज्यों की सहमति जरूरी नहीं
  • बुनियादी ढांचे का जो तर्क दिया जा रहा है
  • संविधान में लिखा गया था कि सभी नागरिकों को न्याय और अवसरों के मामले में बराबरी दी जाए
  • चाहे जातीय आधार पर चाहे आर्थिक आधार पर लोगों में काफी अंतर था इसलिए आरक्षण की बात हुई
  • संविधान निर्माताओं ने पहले ही आरक्षण के बुनियादी ढांचे की कल्पना कर ली थी
  • एक धारणा बन गई कि 10 प्रतिशत देकर 50 प्रतिशत आरक्षण कम हो जाएगा.
  • नरसिम्हा राव जी ने 10 प्रतिशत का नोटिफिकेशन निकाला, लेकिन उसका सोर्स ऑफ पावर नहीं था
  • सुप्रीम कोर्ट ने जो 50 फीसदी की सीमा लगाई, वो सिर्फ कास्ट बेस्ड रिजर्वेशन पर लगाई थी
  • आज वक्त आ गया है कि हर धर्म के गरीब व्यक्ति को आरक्षण दिया जाए

क्या बोले थावरचंद गहलोत

  • हर धर्म के सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण का लाभ मिलेगा
  • मुसलमान ईसाइयों को भी मिलेगा 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ
  • निजी शिक्षण संस्थानों में भी मिलेगा आरक्षण का लाभ
  • अब समय आ गया है जब ऐतिहासिक निर्णय लेने की जरूरत है
  • पीएम मोदी ने सबका साथ सबका विकास किया
  • एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं

ऐतिहासिक निर्णय लेने की जरूरत

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि पीएम ने सबका साथ सबका विकास किया है. अब वक्त आ गया है कि ऐतिहासिक निर्णय लिए जाएं.

आरक्षण को लेकर शुरू हुई बहस

गरीब तबके के सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने पर लोकसभा में बहस शुरू हो चुकी है. केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने इसे पेश किया.

5 बजे होगी 10% आरक्षण पर बहस

इस बीच अपडेट आया है कि सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण पर लोकसभा में बहस शाम 5 बजे तक के लिए टल गई है.

सवर्णों के आरक्षण बिल को एसपी का समर्थन

यूपी की समाजवादी पार्टी ने मोदी सरकार के सवर्णों को आरक्षण के फैसले का समर्थन किया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने कहा है कि एसपी के सांसद संसद में आरक्षण बिल का समर्थन करेंगे.

विधानसभा चुनाव में मिली हार तो याद आया आरक्षण: उमर अब्दुल्ला

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी को याद आया कि आरक्षण देना है. उन्होंने कहा कि 4.5 बाद इस सरकार को यह बात याद आई. सच तो यह है कि उनका आरक्षण देने का इरादा ही नहीं है. अगर संसद से यह पास नहीं होता है तो वे कहेंगे कि हमने कोशिश की लेकिन संसद से इसे पास नहीं होने दिया गया.

आर्थिक तौर पर पिछड़े सामान्य वर्ग को आरक्षण देने के केंद्र सरकार के फैसले पर बोलीं बीएसपी चीफ मायावती

लोकसभा चुनाव से पहले लिया गया ये फैसला हमें सही नीयत से लिया गया फैसला नहीं लगता है, चुनावी स्टंट लगता है, राजनीतिक छलावा लगता है. अच्छा होता अगर बीजेपी (सरकार) अपना कार्यकाल खत्म होने से ठीक पहले नहीं बल्कि (इसे) और पहले ले आती.
मायावती, बीजेपी सुप्रीमो

आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10% आरक्षण का समर्थनः मायावती

किन सवर्णों को मिलेगा आरक्षण का लाभ?

इस विधेयक में प्रावधान किया जा सकता है कि जिनकी सालाना आय 8 लाख रुपये से कम और जिनके पास पांच एकड़ से कम कृषि भूमि है, वे आरक्षण का लाभ ले सकते हैं.

सूत्रों ने बताया कि ऐसे लोगों के पास नगर निकाय क्षेत्र में 1000 वर्ग फुट या इससे ज्यादा का फ्लैट नहीं होना चाहिए और गैर-अधिसूचित क्षेत्रों में 200 यार्ड से ज्यादा का फ्लैट नहीं होना चाहिए.

आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को दस फीसदी रिजर्वेशन

एक सूत्र ने बताया, ‘‘आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर ऐसे लोगों को दिया जाएगा जो अभी आरक्षण का कोई लाभ नहीं ले रहे.''

प्रस्तावित कानून का लाभ ब्राह्मण, राजपूत (ठाकुर), जाट, मराठा, भूमिहार, कई व्यापारिक जातियों, कापू और कम्मा सहित कई अन्य अगड़ी जातियों को मिलेगा. सूत्रों ने बताया कि अन्य धर्मों के गरीबों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा.

संविधान में करना होगा संशोधन

प्रस्तावित आरक्षण अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) को मिल रहे आरक्षण की 50 फीसदी सीमा के अतिरिक्त होगा, यानी ‘‘आर्थिक रूप से कमजोर'' तबकों के लिए आरक्षण लागू हो जाने पर यह आंकड़ा बढ़कर 60 फीसदी हो जाएगा.

इस प्रस्ताव पर अमल के लिए संविधान संशोधन विधेयक संसद से पारित कराने की जरूरत पड़ेगी, क्योंकि संविधान में आर्थिक आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है. इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16 में जरूरी संशोधन करने होंगे.

एक केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विधेयक एक बार पारित हो जाने पर संविधान में संशोधन हो जाएगा और फिर सामान्य वर्गों के गरीबों को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिल सकेगा. उन्होंने कहा,

‘‘विधेयक मौलिक अधिकारों के प्रावधानों के तहत अगड़ी जातियों के लिए आश्रय प्रदान करेगा. आरक्षण पर अधिकतम 50 फीसदी की सीमा तय करने का न्यायालय का फैसला संविधान में संशोधन का संसद का अधिकार नहीं छीन सकता.’’ 
अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 08 Jan 2019,08:50 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT