मेंबर्स के लिए
lock close icon

SP-BSP गठबंधन के बाद यूपी में BJP को 55 सीट का नुकसान: सर्वे

उत्तर प्रदेश के लिए लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक नया चौंका देने वाला सर्वे सामने आया है

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Updated:
 एसपी और बीएसपी एक-दूसरे के कितने बड़े विरोधी रहे हैं ये जग जाहिर है
i
एसपी और बीएसपी एक-दूसरे के कितने बड़े विरोधी रहे हैं ये जग जाहिर है
(फोटो: द क्विंट)

advertisement

देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के लिए लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक नया सर्वे सामने आया है. इंडिया टुडे-कार्वी इनसाइट्स के एक सर्वे के मुताबिक, अगर एसपी-बीएसपी गठबंधन के बाद अभी चुनाव हुए तो बीजेपी 18 सीट से भी कम पर सिमट जाएगी. ये आंकड़े प्रियंका गांधी को पूर्वी यूपी की कमान सौंपने से पहले के हैं. ये सर्वे 28 दिसंबर से 8 जनवरी के बीच किया गया है.

सर्वे की खास बातें-

  • एसपी-बीएसपी गठबंधन को 58 सीटों का अनुमान
  • अगर महागठबंधन बनता है तो बीजेपी के 5 सीटों पर सिमटने का अनुमान
  • महागठबंधन यानी कांग्रेस और आरएलडी के एसपी-बीएसपी के साथ चुनाव लड़ने की स्थिति में इस महागठबंधन को 75 सीट मिल सकती हैं
  • कार्वी इनसाइट्स के साथ ये सर्वे 28 दिसंबर से 8 जनवरी के बीच किया गया
  • उत्तर प्रदेश के 20 लोकसभा क्षेत्रों से लिया गया डाटा
  • यूपी के 2478 लोगों पर किया गया सर्वे
  • एसपी-बीएसपी और आरएलडी साथ लड़े तो यूपी में बीजेपी को 18 सीटें
  • सर्वे के मुताबिक अगर कांग्रेस अलग लड़ती है तो मिलेंगी 4 सीटें
  • अगर 2014 जैसा चुनाव हुआ और सभी पार्टियां वैसे ही चुनाव लड़ीं तो बीजेपी को 71 की जगह 57 सीटें मिलने का अनुमान

बीजेपी को बड़ा नुकसान

इंडिया टुडे-कार्वी इनसाइट्स के इस सर्वे के मुताबिक हर हालत में उत्तर प्रदेश में बीजेपी को नुकसान झेलना पड़ेगा. पिछले लोकसभा चुनावों के मुकाबले इस बार बीजेपी यूपी फतेह नहीं करती दिख रही है. एसपी-बीएसपी गठबंधन के बाद बीजेपी को 50 से ज्यादा सीटों का नुकसान होता दिखाया गया है. वहीं अगर इस गठबंधन में कांग्रेस भी आकर जुड़ जाती है तो बीजेपी को रिकॉर्ड 65 से ज्यादा सीटों का नुकसान दिखाया गया है.

कांग्रेस अगर राज्य में अकेले लड़ती है तो सर्वे के मुताबिक उसे ज्यादा सीटें नहीं मिल सकती हैं. ऐसी स्थिति में कांग्रेस सिर्फ 4 सीटों पर ही सिमट रही है.लेकिन ये ध्यान रखने की जरूरत है कि अब पूर्वी यूपी की कमान प्रियंका गांधी को सौंपी गई है. जिन्हें सक्रिय राजनीति से बाहर रहने पर भी काफी पसंद किया जाता रहा है. इसीलिए कांग्रेस के लिए यूपी में यह कदम गेम चेंजर साबित हो सकता है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 23 Jan 2019,07:09 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT