मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019सुषमा स्वराज का 26 मिनट का वो भाषण जिसने पूरे सदन को कर दिया खामोश

सुषमा स्वराज का 26 मिनट का वो भाषण जिसने पूरे सदन को कर दिया खामोश

इस भाषण में सुषमा स्वराज ने पूर्व PM चंद्रशेखर को धन्यवाद कहा था क्योंकि उन्होंने सुषमा के समर्थन में अपील की थी

मुकुंद झा
पॉलिटिक्स
Updated:
अपने इस भाषण में सुषमा स्वराज ने चंद्रशेखर को धन्यवाद कहा था क्योंकि उन्होंने सुषमा के समर्थन में अपील की थी
i
अपने इस भाषण में सुषमा स्वराज ने चंद्रशेखर को धन्यवाद कहा था क्योंकि उन्होंने सुषमा के समर्थन में अपील की थी
(फोटो: screenshot/youtube)

advertisement

बात जून 1996 की है लोकसभा में अटल जी की सरकार गिर चुकी थी. देवेगौड़ा की मिलीजुली सरकार बनी थी और लोकसभा में विश्वास मत पर वोटिंग होने वाली थी. बीजेपी की तरफ से जसवंत सिंह भाषण खत्म कर चुके थे और अब बारी थी ऐसे वक्ता की जो देवेगौड़ा सरकार में शामिल सभी दलों को घेरने वाली थी.

लोकसभा में करीब 26 मिनट तक सुषमा स्वराज का भाषण चला. इस दौरान उन्होंने देवेगौड़ा के नेतृत्व में जोड़तोड़ कर बनाई गई सरकार पर जोरदार हमला बोला.

बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उस वक्त सदन की अध्यक्षता कर रहे थे. सदन में पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर, शरद पवार, मुलायम सिंह यादव, शरद यादव मौजूद थे. इनके अलावा सदन में एक और शख्स मौजूद थे, जो अगले 26 मिनट तक नवगठित सरकार पर सुषमा स्वराज के जोरदार हमले पर सामने रखी मेज थपथपा कर उनका हौसला बढ़ाते रहे. वो शख्स थे अपनी 13 दिन की सरकार को तिलांजलि देकर आए अटल बिहारी वाजपेयी.

पूरी लोकसभा ठसाठस भरी हुई थी. ऐसा लग रहा था कि नियति ने ये तय किया है कि सुषमा अपने जीवन का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक भाषण देने वाली हैं.

हां हम साम्प्रदायिक हैं, क्योंकि हम...

सुषमा स्वराज ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि उन पर (बीजेपी पर) हमेशा साम्प्रदायिक होने का आरोप लगता है. इसके बाद सुषमा ने बीजेपी के साम्प्रदायिक होने की परिभाषा बताई. जैसे ही सुषमा ने कहा कि हां हम साम्प्रदायिक हैं वैसे ही पूरे सदन में हल्ला मचने लगा, वामपंथी और जनता दल वाले धड़े की तरफ से मखौल उड़ाया गया. लेकिन सुषमा का आत्मविश्वास नहीं डगमगाया. उन्होंने बताया कि वो क्यों कहतीं हैं कि वो सांप्रदायिक हैं.

<i>‘‘हां, हम साम्प्रदायिक हैं क्योंकि हम वन्दे मातरम् गाने की वकालत करते हैं. क्योंकि हम राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान के लिए लड़ते हैं. हम साम्प्रदायिक हैं क्योंकि हम धारा 370 को खत्म करने की बात करते हैं. हम साम्प्रदायिक हैं क्योंकि हम यूनिफॉर्म सिविल कोड बनाने की बात करते हैं. हम साम्प्रदायिक हैं क्योंकि हम कश्मीरी शरणार्थियों को जुबान देने की बात करते हैं.’’</i>
सुषमा स्वराज

सुषमा के समर्थन में खड़े हुए चन्द्रशेखर

सुषमा ने देवेगौड़ा सरकार के सेकुलरिज्म पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए अपना भाषण जारी रखा. सुषमा ने कांग्रेस पर हमला करते हुए पूछा, ‘‘क्या दिल्ली की सड़कों पर सिखों का कत्लेआम करने वाली कांग्रेस सेक्युलर है?’’ इसके बाद स्पीकर नीतीश कुमार से मुखातिब होकर सुषमा ने पूछा कि ‘‘आप बिहार के साक्षी हैं. क्या मुस्लिम और यादव का MY समीकरण बनाकर राजनीति करने वाले ये जनता दल के नेता सेक्युलर हैं?’’

इसी बीच कांग्रेस और जनता दल के नेता भड़क उठे और हंगामा करने लगे. फिर खड़े हुए चन्द्रशेखर.

‘‘अध्यक्ष जी मैं ये नहीं जानता कि आपके अलावा कितने और अध्यक्ष हैं. लेकिन मैं आपसे ये निवेदन करना चाहूंगा कि अगर कोई सदस्य बोल रहे हैं तो हमे ये अनुमति मिलनी चाहिए कि हम सुन सकें. मैं ये नहीं जानता कि ये किस रोष में बोल रहे हैं, आप ये रोष मत दिखाइए मैंने आपसे&nbsp; बहुत से रोष वालों को देखा है. जब सुषमा जी बोल रहीं है तो उनको बोलने देना चाहिए.’’
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर

इसके बाद सुषमा ने अपना प्रहार जारी रखते हुए कहा, ‘‘अपने वोटबैंक के लिए रामभक्तों पर गोलियां चलाने वाले ये समाजवादी पार्टी वाले सेक्युलर हैं. चकमा शरणार्थियों को भगाने वाले और बांग्लादेशी मुसलमानों को बसाने वाले ये वामपंथी सेक्युलर हैं.’’

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

अपना पंथ मानते हुए सबका आदर करें ये हमारा सेकुलरिज्म है: सुषमा

सुषमा स्वराज अपने साम्प्रदायिक होने की परिभाषा बता चुकी थीं. अब पलड़ा बैलेंस करने की बारी थी.

‘‘एक हिन्दू, अच्छा हिन्दू हो. एक मुसलमान, अच्छा मुसलमान हो. एक सिख, अच्छा सिख हो और एक ईसाई, अच्छा ईसाई. ये है हमारा सेक्युलरिज्म. और इनके सेक्युलरिज्म का मतलब है हिन्दू को गाली देना. अगर आप इनके कार्यक्रम में शिरकत करते हैं और हिन्दू को गाली नहीं देते तो आप सेक्युलर नहीं हैं. मैं कहना चाहती हूं, हमें सेक्युलरिज्म की ये परिभाषा मान्य नहीं है.’’
सुषमा स्वराज

भारतीयता के मायने

डीएमके के नेता मुरासोली मारन ने बीजेपी के लिए एक टिपण्णी की थी, जिसका जिक्र कर सुषमा ने भारतीयता का मतलब बताया. डीएमके नेता मारन ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा था:

‘‘अध्यक्ष जी बीजेपी कहती है कि वो एक राष्ट्र और एक संस्कृति में विश्वास रखती है. एक राष्ट्र तो मैं समझ सकता हूं लेकिन एक संस्कृति क्या है? आप अलग हैं हम अलग हैं. आप आर्य हैं हम द्रविड़ हैं. हम अलग हैं भारतीयता पर ये बातें फिजूल की हैं.’’
मुरासोली मारन, डीएमके

इसके जवाब में सुषमा ने कहा, ‘‘अध्यक्ष जी ! आज से पहले तक तो सिर्फ हिंदुत्व पर प्रश्न चिह्न लगाया जाता था. हमसे हिंदुत्व शब्द के मायने पूछे जाते थे. लेकिन पिछले विश्वास मत पर चर्चा सुनते समय मेरी आंखें तब डबडबा गईं, जब इस सदन में भारतीयता शब्द पर ही प्रश्न चिन्ह लगा दिया गया. कहा गया "You are different, We are different...पूछा गया, आप कौन सी संस्कृति की बात कर रहे हैं? पूछा गया, भारतीयता क्या होती है?’’

सुषमा स्वराज ने पूर्व पीएम चंद्रशेखर के लिए कहा ‘‘मुझे तो लग रहा था कि चंद्रशेखर जी कुछ कहेंगे लेकिन वो तो कौरवों की सभा में भीष्म पितामह की तरह चुप होकर बैठ गए.’’

आगे सुषमा कहतीं हैं, ‘‘अध्यक्ष जी, मैं मुरासोली मारन जी से बहुत अदब से ये कहना चाहूंगी, कि भारतीयता के मायने जानने के लिए कहीं जाने की जरुरत नहीं है, किसी शब्दकोष में ढूंढने की जरुरत नहीं है. मैं यहीं बताती हूं, क्या होती है भारतीयता.’’

भंगड़े से भरत नाट्यम तक, सारे नृत्य भारतवर्ष के नृत्य हैं, इसे कहते हैं भारतीयता. मैसूर का एक व्यक्ति उतने ही चाव से राजमा-चावल खाता है जितने चाव से पंजाब का एक सरदार इडली-डोसा खाता है. भारतीयता का अर्थ यही है कि अमरनाथ से लेकर रामेश्वरम तक सभी तीर्थ भारत के तीर्थ हैं. इसे कहते हैं भारतीयता! एक शिवभक्त अमरनाथ का जल लेकर हजारों किलोमीटर दूर जाता है और रामेश्वरम के पैर पखारता है. इसे कहते हैं भारतीयता. जब पश्चिम बंगाल में निर्मल चटर्जी के घर पुत्र का जन्म होता है तो उसका नाम रखा जाता है सोमनाथ, इसे कहते हैं भारतीयता.
सुषमा स्वराज

इस भाषण के अंत में सुषमा स्वराज ने शरद पवार को ललिता पवार कहा था जिसपर पूरा सदन हंसने लगा था, हंसने वालों में खुद पवार भी थे. चंद्रशेखर एक बार फिर खड़े हुए और कहा कि हो सकता है कि सुषमा जी का अनुभव ऐसा ही रहा हो, इसलिए वो ऐसा कह रही हैं.

सुषमा स्वराज का वो ऐतिहासिक भाषण आज भी यूट्यूब पर मौजूद है. उस दौर के कई नेता आज भी हैं और कई नहीं हैं. जो नहीं हैं उनमें से एक खुद सुषमा स्वराज भी हैं.

यहां सुनिए- सुषमा स्वराज का वो शानदार भाषण

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 07 Aug 2019,07:57 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT