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कश्मीरी पंडितों के विस्थापन पर बनी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' (The Kashmir Files) हर दिन रिकॉर्ड बना रही है. ये फिल्म केवल सिनेमाघरों में ही नहीं बल्कि इसके बाहर भी कई सूर्खियां बना रही है क्योंकि इस फिल्म में राजनीति जो घुस गई है.
फिल्म को आधार बनाते हुए कई पहलुओं पर बहस हो रही है. एनसी के नेता फारूक अब्दुल्ला का भी कश्मीरी पंडितों को लेकर दर्द छलका है. उन्होंने कहा कि 1990 में कश्मीर में जो भी हुआ वह साजिश थी और तब कश्मीरी पंडितों को एक साजिश के तहत भगाया गया था.
फारूक आगे बोले, यह फिल्म समाज को जोड़ने का नहीं, बल्कि तोड़ने का काम कर रही है. इसकी वजह से पूरे मुल्क में आग लग रही है. अगर इसे जल्द नहीं बुझाया गया तो पूरे देश में आग लग जाएगी.
यही नहीं जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने इस मुद्दे पर बीजेपी को निशाना बनाया है और कहा है कि यह पार्टी सिर्फ देश को लड़ाना चाहती है. अटल बिहारी वाजपेयी जब पाकिस्तान गए थे तो 7 हिंदुओं की हत्या कर दी गई थी. मेरे पिता के मामाजी, उनके चचेरे भाई को मार दिया गया था. हम लोगों ने बहुत कुछ भुगता है और कश्मीर के हर वर्ग को झेलना पड़ा है.
केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा, 1987 के चुनाव में जो धांधली की गई उस समय फारूक अब्दुल्ला वहां (जम्मू-कश्मीर) मुख्यमंत्री थे और राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे दोनों का एक-दूसरे से गठबंधन था. उस समय मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट नाम का एक ग्रुप था जिसके सभी प्रत्याशियों को जबरन हरा दिया गया.
वहीं दिल्ली में द कश्मीर फाइल्स फिल्म को टैक्सी फ्री करने के लिए बीजेपी ने धरना दिया इस पर बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि वैसे तो सीएम अरविंद केजरीवाल को बहुत शौक है फिल्म रिव्यू देने का पर द कश्मीर फाइल्स पर चुप्पी क्यों? क्या आप अलगाववादियों व आतंकवादियों के समर्थक हैं? क्या आप वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं? अगर ऐसा कुछ नहीं है तो द कश्मीर फाइल्स का समर्थन कर उसे दिल्ली में टैक्स फ्री घोषित कीजिए.
दिल्ली में नेता प्रतिपक्ष बीजेपी नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि द कश्मीर फाइल्स को मुख्यमंत्री केजरीवाल दिल्ली में तुरंत टैक्स फ्री करें.
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